आत्मसम्मान पर निबंध

Essay on Self Respect in Hindi: इंसान की सबसे प्यारी वस्तु उसका खुद का सम्मान/इज्जत/आबरू होती है, जिसे आत्मसम्मान के नाम से भी जानते है। जब इंसान के सामने खुद की इज्जत की बात आती है तो वो कुछ भी कोई भी काम कर लेगा लेकिन अपनी इज्ज़त गँवाने नहीं देगा।

इसमें कोई महिलाओं को पुरुषों से ज़्यादा तवज्जो देते हैं क्योंकि उनकी इज्ज़त जाना मतलब पूरे परिवार की इज्ज़त जाना समझा जाता है।

लेकिन पुरुषों की जब इज्ज़त जाती है तो वो आग बबूले हो कर कोई ऐसा काम कर देते हैं जिसके बाद उनके साथ साथ उनके परिवार को भी भुगतना पड़ता है।

Essay on Self Respect in Hindi

जैसा आपने देखा कि सम्मान के मामले में कोई लिंग स्पेशल नहीं होता है, सबको अपनी अपनी इज्ज़त प्यारी होती है। क्योंकि आत्मसम्मान करना जरूरी भी है। आइये आज इसके बारे में कुछ और जानकारी जुटा लेते है।

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आत्मसम्मान पर निबंध | Essay on Self Respect in Hindi

आत्मसम्मान पर निबंध (self respect essay in hindi) – 500 शब्दों में.

इंसान जब भी बड़ा होता है तो उसको सुनने को मिलता है कि तेरे को कुल का नाम रोशन करना है, कुल का सम्मान बढ़ाना है, कुल के लिए कुछ ऐसा मत कर देना जिससे हमें शर्मिंदगी महसूस हो। यानि कि कुल मिला कर बच्चा जब तक बड़ा होता है, उसे अपने परिवार कि शान को मिट्टी में ना मिलाएँ ऐसे ही समझाया जाता है। लेकिन कोई ये नहीं कहते है कि तुम अपनी इज्ज़त पर भी आँच ना आने देना, अपनी इज्ज़त की बारी आए तो उसे हर हालात में लड़ना चाहिए और उसे पर एक उंगली भी नहीं उठनी चाहिए।

आत्मसम्मान क्यों करना चाहिए?

साथियों सीधी-सी बात है जब तक आप अपना सम्मान नहीं करोगे तो दूसरे भी नहीं करेंगे। तो खुद की इज्ज़त करना पहले सीखे फिर बाद में दूसरों की इज्ज़त करना। खुद की इज्ज़त तभी कर पाएंगे जब हमारे अंदर आत्मविश्वास होगा। आत्मविश्वास नहीं है तो आप खुद की इज्ज़त करना तो दूर खुद को कही पर रिप्रजेंट भी नहीं कर सकते है।

इसलिए अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी नहीं लाना क्योंकि इसके कम होने के कारण आत्मसम्मान में कमी आती है। जब आत्मविश्वास बढ़ेगा तो अपने आप को अच्छे से दूसरों के सामने रख पाओगे और आपकी तारीफ करेंगे। बस इसी कारण से हमको आत्मसम्मान करना चाहिए।

आत्मसम्मान के प्रकार

लुईस हॉर्नस्टीन ने अपनी किताब आत्मसम्मान और पहचान , अहंकार और सामाजिक मूल्य के अंदर स्वाभिमान को चार प्रकार में बाँटा है। उनका मानना है कि स्वयं मूल्यांकन किसी का कम या ज्यादा होता है। इसलिए इसे चार भागों में विभाजित कर सकते है।

नीचे उन 4 भागों के बारे में बताया जा रहा है:

  • उच्च और स्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के मनुष्य को उनके आस पास जो घटनाएँ घटित होती है और बाहर की स्थिति का उनके आत्मसम्मान के ऊपर कोई भी असर नहीं पड़ता है। इस प्रकार के लोग खुले तरीके से सामने आते है और अपनी छवि बचाने के लिए हर कोशिश करते है।
  • उच्च और अस्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के लोगों में उच्च आत्मसम्मान होता है लेकिन पूरी ज़िंदगी उसी स्वाभिमान से जीना असमर्थ होता है। क्योंकि ये अस्थिर होते है, जिसके कारण जब भी ये अपने काम में असफल होते है तब इनका मन अधीर हो जाता है।
  • कम और स्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के लोगों के मन में हमेशा डर बना रहता है और उनके मन में डिसीजन लेने में हमेशा असमंजस बना रहता है। जब ये खुद के अंदर झांकते है तो उन्हें हमेशा नकारात्मक बाते ही सामने दिखती है। ज़्यादातर यह स्वाभिमान अवसादग्रस्त लोगों के अंदर होता है।
  • कम और अस्थिर आत्मसम्मान – इस प्रकार के मनुष्य को आस पास की परिस्थितियाँ बहुत ही ज्यादा प्रभावित करती है और अपने जीवन में सारी घटनाओं के प्रति संवेदनशील होते है। जब सफल होते है तो आत्मसम्मान बढ़ता है और अगले ही पल निराश हो जाते है।

आत्मसम्मान मन के सारे बुरे कर्मों को भगा देता है, खुद को अलग तरीके से रिप्रजेंट करने का मौका मिलता है। अपने भविष्य के लिए आत्मसम्मान बहुत जरूरी है, अपने मन के डर को भगाने के लिए पहले आत्मविश्वास करना जरूरी है फिर अपनी खुद की इज्ज़त। अपनी इज्ज़त कीजिये और दूसरों के मन में अपना नाम बनाइये।

आत्मसम्मान का महत्व हिंदी निबंध (1000 शब्दों में)

सेल्फ रिस्पेक्ट का मतलब होता है ‘आत्म सम्मान’ अर्थात कि खुद का सम्मान करना। यही गुण मनुष्य को जानवर से अलग बनाती है। जिस व्यक्ति में आत्म सम्मान की भावना नहीं होती, वह जानवरों के समान ही क्रूर होता है। जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान, अपने आबरू की रक्षा करता है, वह हमेशा ही सम्मान का पात्र बनता है।

दुनिया उसी को पूछती है, जिसका आत्म सम्मान है। आत्म सम्मान के अभाव में व्यक्ति गलत राह पर चला जाता है, चोरी करता है, लोगों को धोखा देता है यहां तक कि वह किसी की हत्या भी कर सकता है। हर व्यक्ति समाज में अपना एक अलग स्थान बनाना चाहता है। हर व्यक्ति चाहता है कि अन्य व्यक्ति सम्मान दें।

अन्य व्यक्ति से सम्मान पाने से पहले उसे खुद को सम्मान देना पड़ेगा। जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान को प्राथमिकता देता है, उसे निश्चित ही अन्य लोगों से भी सम्मान मिलता है। आत्मा सम्मान से भरपूर व्यक्ति संस्कृति और सभ्यता की रक्षा करता है, सफलता उसके कदम चूमती है।

आत्म सम्मान क्या है? (Atmasamman in Hindi)

आत्म सम्मान बहुमूल्य चीज है, जिसे निश्चित ही संरक्षित करके रखना चाहिए। सम्मानजनक व्यवहार ही मानवता की पहचान है। बेहतर व्यक्ति बनने के लिए आत्म सम्मान बहुत जरूरी है क्योंकि आत्म सम्मान नैतिकता की सुधार करता है। आत्मा सम्मानीय व्यक्ति में करुणा, दया परोपकार, रक्षा जैसे मानवी नैतिक गुणों से भरपूर होता है।

क्योंकि ऐसा व्यक्ति कभी भी दूसरों के सामने बेइज्जत नहीं होना चाहता। वह अपने आत्म सम्मान की रक्षा करने के लिए हमेशा ही अन्य को प्रसन्न करने की कोशिश करता है। मानव की यह प्रवृत्ति होती है कि वह हमेशा ही स्वयं को अन्य के साथ तुलना करके देखता है। वह हमेशा ही दूसरों के समक्ष अपने आप को श्रेष्ठ समझने की कोशिश करता है।

लेकिन यह केवल अहंकार होता है। वहीँ जो व्यक्ति अपने आपको दूसरों के समक्ष कम समझता है, उसमें आत्मविश्वास की कमी होती है, जिसके कारण वह कभी भी कुछ करने की हिम्मत नहीं रख पाता, जीवन में वह सफल नहीं हो पाता। लेकिन स्वयं का सम्मान करने वाला व्यक्ति कभी भी स्वयं को दूसरों के साथ तुलना नहीं करता।

आत्मसम्मान को कैसे बढ़ाए?

आत्म सम्मान हर एक व्यक्ति के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि समाज में हर व्यक्ति अपना इज्जत कमाना चाहता है। हालांकि इज्जत कमाने में बहुत समय लग जाता है लेकिन इज्जत को गवाने में तनिक भी नहीं लगता। व्यक्ति एक बार आत्म सम्मान बना लें तो उसे दोबारा भी खो सकता है। इसीलिए जरूरी है कि लंबे समय तक आत्म सम्मान को बनाए रखें।

जो व्यक्ति आत्म सम्मान बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें खुद के चरित्र में बदलाव लाना पड़ेगा। जिस व्यक्ति का आचरण अच्छा होता है, उसका आत्मसम्मान भी बढ़ता है। व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से अच्छा व्यवहार करेगा तो समाज में उसे बहुत इज्जत मिलता है। अन्य लोगों का खुद के प्रति इज्जत और सम्मान ही तो आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करता है।

खुद का आत्म सम्मान बढ़ाना है तो दूसरों को सुनना सीखें। जो व्यक्ति दूसरों को सम्मान देता है, उसे अन्य व्यक्तियों के द्वारा भी सम्मान मिलता है। जब अन्य व्यक्ति आपको सम्मान देते हैं तो आपको आत्म सम्मान का एहसास होता है। आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए लोगों की राय लें, उनके विचारों का सम्मान करें।

छोटे बड़े जैसी रूढ़िवादी भावनाओं में ना फंसे। यह भावना अन्य व्यक्ति में आप के प्रति असम्मान की भावना उत्पन्न कर देती हैं और जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान की रक्षा करना चाहता है, वह किसी भी व्यक्ति में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं करता।

आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए अच्छे लोगों की संगत में रहे, अच्छे लोगों की संगत से आपको बहुत ज्ञान मिलता है। अच्छे लोगों की संगत से आपके चरित्र और आपके व्यवहार में भी सुधार होता है। अच्छे लोगों की संगत से आप दूसरों का सम्मान करना भी सीखते हैं और अच्छे गुण आपके अंदर आ जाते हैं। यही अच्छे गुण आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करता है।

आत्म सम्मान बढ़ाने के लिए चुनौतियां का सामना करना सीखें। जो व्यक्ति हर एक छोटी छोटी समस्याओं से डरते रहता है, वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता। जो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, उसे हमेशा ही सफलता मिलती रहती है। एक सफल व्यक्ति जीवन में बहुत सम्मान पाता है। इस तरह व्यक्ति में आत्म सम्मान भी पड़ता है।

आत्म सम्मान के फायदे

आत्म सम्मान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आत्मसम्मान आपको कभी भी गलत राह में जाने नहीं देता। आत्मसम्मान समाज में आपको एक अलग स्थान दिलाता है। जो व्यक्ति खुद का सम्मान करता है, वह अन्य लोगों का भला करता है और अन्य का भी सम्मान करता है, जिससे व्यक्ति खुद भी समाज में अन्य व्यक्तियों द्वारा सामान्य का पात्र बनता है। इस तरह आत्म सम्मान आपको हर व्यक्ति द्वारा इज्जत दिलाता है।

आत्म सम्मान व्यक्ति को आत्म विश्वास दिलाता है। आत्मसम्मान व्यक्ति में सकारात्मक भावना ला देता है, जिससे वह परिणामों से नहीं डरता और सतत मेहनत करते रहता है। आत्मविश्वास बढ़ने से व्यक्ति हर चीज को करने की हिम्मत रखता है। इस तरह आत्मविश्वास व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करता है।

आत्म सम्मान व्यक्ति को समय का पाबंद होना सिखाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति नहीं चाहता कि लेट कार्य के कारण उसे अन्य लोगों की सुननी पड़े, अन्य लोगों के सामने उसकी बेज्जती हो। दूसरों के सामने अपने सम्मान को बनाए रखने के लिए वह व्यक्ति हमेशा ही समय के पाबंद रहता है, हर कार्य को वह समय पर करने की कोशिश करता है। समय का पाबंद व्यक्ति जीवन में हमेशा सफलता पाता है।

आत्म सम्मान को प्राथमिकता देने वाला व्यक्ति जिम्मेदारियों को उठाना सीख जाता है। अपने सम्मान को बनाए रखने के लिए जिम्मेदारियों से भागता नहीं है बल्कि मुसीबतों का सामना करके दूसरों को खुश रखने की कोशिश करता है।

आत्मसम्मान का यही फायदा है कि वह आप में अच्छी आदतों को जगाता है। आत्म सम्मान वाला व्यक्ति अच्छी आदतों का फायदा जानता है, वह अच्छी आदतों से भलीभांति परिचित रहता है। इसलिए वह गलत चिजो को अपना लत बनाने से बचता है।

आत्म सम्मान व्यक्ति को ईमानदार बनाना सिखाता है। जो व्यक्ति खुद का सम्मान करता है, वह इमानदार होता है। वह कभी भी किसी के साथ धोखा नहीं करता ना ही किसी को नुकसान पहुंचा कर अपना फायदा कमाने के बारे में सोचता है। वह स्वयं की मेहनत पर विश्वास करता है।

आत्म सम्मान को प्रभावित करने वाले कारक

  • जो कोई व्यक्ति आप की बेइज्जती करता है, जब कोई व्यक्ति आपकी विचारों का सम्मान नहीं करता तो आप के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचता है।
  • जब कभी आपको ऐसा व्यक्ति धोखा दे देता है, जिससे आप बहुत विश्वास करते हैं तो वह आपके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाता है।
  • जिस व्यक्ति के प्रति हम अच्छी भावना रखते हैं, जिस व्यक्ति के प्रति हम हमेशा ही अच्छा सोचते हैं। यदि वही व्यक्ति हमारे प्रति गलत सोचे तो यह हमारे आत्म सम्मान को प्रभावित करता है।
  • जब कभी बिना गलती किए लोगों के सामने डांट पड़ जाती है या सही होने पर भी गलत साबित करने की कोशिश की जाती है तो यह हमारे आत्म सम्मान को प्रभावित करता है।

आत्म सम्मान व्यक्ति को उचित और नया पूर्ण मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे वह जीवन में कभी भी किसी के साथ बुरा करने का नहीं सोचता। आत्म सम्मानीय व्यक्ति समाज में हमेशा ही सम्मान पाता है। इसीलिए एक अच्छा मानव बनने के लिए व्यक्ति को आत्मसम्मान को महत्व देना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि आज के लेख में लिखे गए आत्म सम्मान के ऊपर निबंध आपको पसंद आए होंगे। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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सम्मान पर भाषण | Speech on Respect in Hindi

सम्मान पर भाषण.

सम्मान एक मूलभूत मूल्य है जिसका प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में अभ्यास करना चाहिए। यह पारस्परिक संबंधों और सामाजिक सद्भाव का एक अनिवार्य पहलू है। सम्मान में दूसरों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करना और उनके मूल्य और योगदान को पहचानना शामिल है। यह एक ऐसा गुण है जिसकी न केवल हमारे व्यक्तिगत संबंधों में बल्कि हमारे पेशेवर और सामाजिक जीवन में भी आवश्यकता है। इस भाषण में, हम सम्मान के महत्व और हम अपने दैनिक जीवन में इसका अभ्यास कैसे कर सकते हैं, इस पर गहराई से विचार करेंगे।

सम्मान एक सार्वभौमिक मूल्य है जिसे सभी संस्कृतियों और समाजों में मान्यता प्राप्त है। यह एक ऐसा गुण है जो हमें मनुष्य के रूप में परिभाषित करता है और हमें अन्य प्राणियों से अलग करता है। सम्मान का अभ्यास विभिन्न धर्मों, दर्शन और नैतिक प्रणालियों द्वारा सिखाया गया है। इसे अन्य व्यक्तियों और जिस समाज में हम रहते हैं, उसके प्रति एक नैतिक और नैतिक कर्तव्य माना जाता है। सम्मान में प्रत्येक व्यक्ति के निहित मूल्य को पहचानना शामिल है, भले ही उनकी उम्र, लिंग, जाति, धर्म या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।

सम्मान का महत्व

स्वस्थ संबंध बनाने और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए सम्मान महत्वपूर्ण है। जब हम दूसरों के प्रति सम्मान दिखाते हैं, तो हम अपने जीवन में उनके मूल्य और महत्व को स्वीकार करते हैं। यह दूसरों के साथ अपनेपन और जुड़ाव की भावना पैदा करने में मदद करता है। सम्मान हमारे रिश्तों में विश्वास और विश्वसनीयता को भी बढ़ावा देता है, जो दीर्घकालिक बंधन के लिए आवश्यक है।

सम्मान सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और संघर्षों को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब हम दूसरों के प्रति सम्मान दिखाते हैं, तो हम गलतफहमियों और असहमतियों की संभावना को कम कर देते हैं। यह एक शांतिपूर्ण और समावेशी समाज बनाने में मदद करता है जहां हर कोई एक साथ रह सकता है और समृद्ध हो सकता है।

इसके अलावा, व्यक्तिगत विकास और विकास के लिए सम्मान आवश्यक है। जब हम खुद का सम्मान करते हैं, तो हम आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करते हैं। हम सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं का पीछा करने की अधिक संभावना रखते हैं। सम्मान हमें दूसरों और उनके अनुभवों से सीखने में भी मदद करता है, जो हमारे क्षितिज को विस्तृत कर सकता है और हमारे जीवन को समृद्ध बना सकता है।

अभ्यास करने के तरीके

सम्मान अभ्यास सम्मान केवल नियमों या दिशानिर्देशों के एक सेट का पालन करने के बारे में नहीं है। यह एक मानसिकता और जीवन का एक तरीका है जिसके लिए निरंतर प्रयास और जागरूकता की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे हम अपने दैनिक जीवन में सम्मान का अभ्यास कर सकते हैं:

सबसे पहले, हमें दूसरों की बात ध्यान से और सहानुभूतिपूर्वक सुनने की ज़रूरत है। हमें उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उनकी राय का सम्मान करना चाहिए, भले ही हम उनसे असहमत हों।

दूसरे, हमें दूसरों की पृष्ठभूमि या दिखावे के आधार पर धारणा बनाने या रूढ़िवादिता करने से बचना चाहिए। हमें सबके साथ निष्पक्षता और दया का व्यवहार करना चाहिए।

तीसरा, हमें दूसरों की सीमाओं और निजता का सम्मान करना चाहिए। हमें उनके व्यक्तिगत जीवन में ताकझांक नहीं करनी चाहिए या उनकी सहमति के बिना उनके व्यक्तिगत स्थान पर आक्रमण नहीं करना चाहिए।

चौथा, हमें दूसरों के साथ अपने व्यवहार में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का अभ्यास करना चाहिए। हमें अपने वादों को निभाना चाहिए और अपने संचार में सच्चा होना चाहिए।

अंत में, हमें अपनी शारीरिक और भावनात्मक भलाई का ख्याल रखते हुए खुद का सम्मान करना चाहिए। हमें सीमाएं तय करनी चाहिए और अपनी जरूरतों और इच्छाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।

अंत में, सम्मान एक आवश्यक मूल्य है जो व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण के लिए आवश्यक है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति के मूल्य और गरिमा को पहचानना और उनके साथ निष्पक्षता और दया का व्यवहार करना शामिल है। अपने दैनिक जीवन में सम्मान का अभ्यास करके, हम स्वस्थ संबंध बना सकते हैं, एक सामंजस्यपूर्ण समाज बना सकते हैं और व्यक्तिगत विकास और विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। आइए हम अपने सभी व्यवहारों में सम्मान का अभ्यास करने का प्रयास करें और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। धन्यवाद।

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respect essay in hindi

ईमानदारी पर निबंध – Essay on Honesty in Hindi

Essay on Honesty in Hindi

ईमानदार व्यक्ति हमेशा अपने जीवन में तरक्की पाते हैं, और दूसरों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ईमानदारी से न सिर्फ किसी का भरोसा जीता जा सकता है बल्कि किसी भी रिश्ते को मजबूत किया जा सकता है और आत्मनिर्भर बना जा सकता है।

ईमानदारी, के साथ जी गई जिंदगी सही मायने में जिंदगी होती है। इसलिए, ईमानदारी का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है।

वहीं बच्चों के अंदर ईमानदारी के गुण को विकसित करने एवं इसके महत्व को समझाने के लिए और उनका लेखन कौशल विकसित करने के लिए कई बार स्कूलों अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में ईमानदारी के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट पर ईमानदारी पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Essay on Honesty in Hindi

ईमानदारी, हर किसी के जीवन में बेहद अहम रोल अदा करती है। ईमानदार व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है और उसकी छवि नैतिक मूल्यों को मानने वाले एक आदर्श व्यक्ति के रुप में समाज में बनी होती है।

ईमानदारी क्या है एवं इसका अर्थ – Meaning of Honesty

ईमानदारी, व्यक्ति का एक विशेष गुण एवं सर्वश्रेष्ठ आदत है, जो कि व्यक्ति को आदर्श मनाती है और उसे सच्चाई के मार्ग पर जीवन जीने की कला सिखाती है। इसके साथ ही ईमानदारी लोगों के मन की अच्छाई और खूबियों समेत उसकी नैतिकता को प्रदर्शित करती है एवं उनके जीवन को खुशियों से भर देती है। ईमानदारी, मनुष्य को भरोसेमंद बनाती है।

वहीं ईमानदार व्यक्ति के जीवन में किसी भी गलत अथवा अनैतिक काम और धोखेबाजी करने की गुंजाइश नहीं होती है।

ईमानदारी का महत्व – Importance Of Honesty

ईमानदारी, किसी भी व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ गुण एवं उसकी सबसे अच्छी आदत है। जिसका हर किसी के जीवन में सार्वधिक महत्व होता है। ईमानदारी व्यक्ति को हमेशा परिवार और समाज में सार्वधिक सम्मान मिलता है और उसकी एक अलग प्रतिष्ठा होती है।

ईमानदारी ही एक ऐसा गुण होता है, जिससे सामने वाला का भरोसा आसानी से जीता जा सकता है। ईमानदारी की मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति हमेशा अपने जीवन में आगे बढ़ते और तरक्की पाते हैं, उन्हें कभी किसी चीज का भय नहीं रहता है, जबकि बेईमान और धोखेबाज व्यक्ति को हमेशा उसके किए का डर सताता रहता है।

ईमानदार लोग निडर और निस्वार्थ होकर खुशीपूर्वक अपना जीवनयापन करते हैं।

ईमानदारी, किसी व्यक्ति के उसके परिवार एवं वातावरण पर भी निर्भर करती है ईमानदारी से ही व्यक्ति के नैतिक चरित्र की पहचान की जाती है।

ईमानदारी किसी भी रिश्ते में मजबूती और आत्मविश्वास लाने का काम करती है। इसके बिना किसी भी रिश्ते में मजबूती नहीं आ सकती और न ही विश्वास कायम हो सकता है। ईमानदार व्यक्ति सदैव अनैतिक कामों से दूर रहते हैं और सच्चाई के मार्ग पर चलकर अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।

ये हो सकता है कि ईमानदार व्यक्ति को अपनी मंजिल तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पड़े लेकिन ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति को सफलता जरूर मिलती है। वहीं दूसरी तरफ बेईमान व्यक्ति की सफलता स्थाई नहीं होती, क्योंकि जब उसकी घपलावाजी और घोटालों का भांडा फूटता है तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा धूमिल होती है और क्षण भर में उसका सब कुछ नष्ट हो जाता है।

ईमानदारी, कई मानवीय समस्याओं का समाधान है इसलिए इसके महत्व को हर किसी को समझना चाहिए और ईमानदारी के साथ अपने जीवन का निर्वहन करना चाहिए एवं अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना चाहिए।

बुरी परिस्थिति में भी ईमानदारी न छोड़े:

ईमानदारी सबसे अच्छी अच्छी नीति है।इसलिए व्यक्ति को गंभीर से गंभीर एवं विकट परिस्थिति में भी ईमानदारी नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि जो व्यक्ति विकट और गंभीर परिस्थिति से बच निकलने के लिए सच्चाई के मार्ग से विचलित हो जाते हैं अथवा झूठ का सहारा लेते हैं ऐसे व्यक्तियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

वहीं एक बार झूठ बोलकर बचा नहीं जा सकता है, एक झूठ बोलने से कई बार तमाम ऐसी परिस्थियां बन जाती है, जिसमें व्यक्ति फंसता चला जाता है और एक अपने लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर देता है।

जो व्यक्ति सदैव ईमानदारी का मार्ग अपनाते हैं, और सच्चाई का साथ देते हैं, वे मानसिक रुप से भी खुश रहते हैं और हर तरीके की परेशानियों से दूर रहते हैं एवं निडर होकर अपना जीवन जीते हैं। इसलिए हम सभी को ईमानदारी के सर्वश्रेष्ठ गुण को अपने अंदर समाहित करना चाहिए।

ईमानदारी पर निबंध – Imandari Essay in Hindi

प्रस्तावना –

ईमानदारी, व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ गुण होता है, जो व्यक्ति को न सिर्फ सफलता के पथ पर आगे बढ़ाता है, बल्कि उसके मन और मस्तिष्क को भी शांत रखता है। ईमानदारी से अपने कामों को करने वाले व्यक्ति हमेशा खुश रहते हैं और यह हर व्यक्ति के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है।

सफल, सुखी एवं शांतिपूर्ण जीवन के लिए ईमानदारी की भूमिका:

ईमानदारी व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है, साथ ही व्यक्ति को उसके आदर्शों एवं नैतिक मूल्यों को बनाए रखने में उसकी मद्द करती है।

ईमानदार व्यक्ति एक सरल, शांति स्वभाव का होता है, जिसकी अच्छाई से न सिर्फ उसका बल्कि उससे जुड़े लोगों का भी भला होता है और अन्य लोगों को भी ईमानदारी की राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

ईमानदारी किसी भी व्यक्ति के अच्छाईयों को एवं नैतिक चरित्र को प्रदर्शित करती है और समाज में उसे सम्मान और प्रतिष्ठा अर्जित करवाती है। ईमानदार व्यक्ति के मन में सदैव अच्छे विचार जन्म लेते हैं और अनैतिक और भ्रष्टाचारों से वह हमेशा दूर रहता है, जिससे उसके जीवन में खुशहाली बनी रहती है और वह शारीरिक अथवा मानसिक रुप से स्वस्थ रहता है।

ईमानदार व्यक्ति को किसी तरह का डर और लोभ, लालच नहीं होता है। वे अपने कर्तव्य पर भरोसा कर कामयाबी हासिल करते हैं और अपने जीवन में सदैव सुखी रहते हैं क्योंकि उनके आसपास किसी भी तरह की मुसीबत नहीं भटकती है।

वहीं जो व्यक्ति झूठ का सहारा लेते हैं उन्हें हमेशा डर सताता रहता है और समाज में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ईमानदारी के बिना कोई भी व्यक्ति सफल जीवन का निर्वहन नहीं कर सकता है,क्योंकि ईमानदारी मनुष्य को एक खुशी देने के साथ ही मनुष्य के मस्तिष्क मन और आत्मा के बीच अच्छा संतुलन बनाए रखने का काम करती है और आंतरिक एवं बाहरी शांति प्रदान करती है।

ईमानदारी से लाभ – Benefits Of Honesty

  • ईमानदारी से किसी का भरोसा आसानी से जीता जा सकता है।
  • ईमानदारी की राह पर चलकर ही व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो सकता है।
  • ईमानदारी, व्यक्ति को भ्रष्टाचार एवं अनैतिक कार्यों से दूर रखने में उसकी मद्द करती है।
  • ईमानदारी व्यक्ति की अच्छाईयों एवं नैतिक चरित्र को दर्शाती है।
  • ईमानदार व्यक्ति, समाज में अपूर्व सम्मान एवं प्रतिष्ठा हासिल करता है।
  • ईमानदारी, व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की भावना को जागृत करती है।
  • ईमानदार व्यक्ति के मन में सदैव अच्छे विचार आते हैं और उसका मन शांत रहता है।
  • ईमानदारी, मनुष्य को मानसिक रुप से भी खुशी प्रदान करती है।

ईमानदारी किसी भी व्यक्ति को सफल जीवन जीने में मद्द करती है और समाज में उसकी अच्छी प्रतिष्ठा बनाती हैं एवं रिश्तों को मजबूती प्रदान करती है। ईमानदारी व्यक्ति की अच्छाईयों को प्रदर्शित करती है।

इसलिए हर किसी को अपने अंदर ईमानदारी के महत्व को समझना चाहिए और इस गुण को न सिर्फ अपने अंदर विकसित करना चाहिए बल्कि अपने बच्चों एवं परिवार वालों को भी ईमानदारी के गुण को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए और इसमें अपना सहयोग देना चाहिए।

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10 मोटिवेशनल किताबें जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं

भिखारी का आत्मसम्मान.

Last Updated: April 7, 2017 By Gopal Mishra 23 Comments

Inspirational Hindi Story On Self-respect

कुछ वर्षों बाद, वह व्यवसायी एक पार्टी मेँ गया। वह भिखारी भी वहाँ मौजूद था। भिखारी नेँ उस व्यवसायी को देखते ही पहचान लिया, वह उसके पास जाकर बोला-” आप शायद मुझे नहीँ पहचान रहे है, लेकिन मैँ आपको पहचानता हूँ।”

उसके बाद उसनेँ उसके साथ घटी उस घटना का जिक्र किया। व्यवसायी  नेँ कहा-” तुम्हारे याद दिलानेँ पर मुझे याद आ रहा है कि तुम भीख मांग रहे थे। लेकिन तुम यहाँ सूट और टाई मेँ क्या कर रहे हो?”

भिखारी नेँ जवाब दिया, ” आपको शायद मालूम नहीँ है कि आपनेँ मेरे लिए उस दिन क्या किया। मुझे पर दया करने की बजाय मेरे साथ सम्मान के साथ पेश आये। आपनेँ कटोरे से पेँसिल उठाकर कहा, ‘इनकी कीमत है, आखिरकार तुम भी एक व्यापारी हो और मैँ भी।’

Rummy Perfect

आपके जानेँ के बाद मैँने बहूत सोचा, मैँ यहाँ क्या कर रहा हूँ? मैँ भीख क्योँ माँग रहा हूँ? मैनेँ अपनीँ जिँदगी को सँवारनेँ के लिये कुछ अच्छा काम करनेँ का फैसला लिया। मैनेँ अपना थैला उठाया और घूम-घूम कर पेंसिल बेचने लगा । फिर धीरे -धीरे मेरा व्यापार बढ़ता गया , मैं कॉपी – किताब एवं अन्य चीजें भी बेचने लगा और आज पूरे शहर में मैं इन चीजों का सबसे बड़ा थोक विक्रेता हूँ।

मुझे मेरा सम्मान लौटानेँ के लिये मैँ आपका तहेदिल से धन्यवाद देता हूँ क्योँकि उस घटना नेँ आज मेरा जीवन ही बदल दिया ।”

Friends, आप अपनेँ बारे मेँ क्या सोचते है? खुद के लिये आप क्या राय स्वयँ पर जाहिर करते हैँ? क्या आप अपनेँ आपको ठीक तरह से समझ पाते हैँ? इन सारी चीजोँ को ही हम indirect रूप से आत्मसम्मान कहते हैँ। दुसरे लोग हमारे बारे मेँ क्या सोचते हैँ ये बाते उतनी मायनेँ नहीँ रखती या कहेँ तो कुछ भी मायनेँ नहीँ रखती लेकिन आप अपनेँ बारे मेँ क्या राय जाहिर करते हैँ, क्या सोचते हैँ ये बात बहूत ही ज्यादा मायनेँ रखती है। लेकिन एक बात तय है कि हम अपनेँ बारे मेँ जो भी सोँचते हैँ, उसका एहसास जानेँ अनजानेँ मेँ दुसरोँ को भी करा ही देते हैँ और इसमेँ कोई भी शक नहीँ कि इसी कारण की वजह से दूसरे लोग भी हमारे साथ उसी ढंग से पेश आते हैँ।

याद रखेँ कि आत्म-सम्मान की वजह से ही हमारे अंदर प्रेरणा पैदा होती है या कहेँ तो हम आत्मप्रेरित होते हैँ। इसलिए आवश्यक है कि हम अपनेँ बारे मेँ एक श्रेष्ठ राय बनाएं और आत्मसम्मान से पूर्ण जीवन जीएं।

किरण साहू रायगढ़ (छ.ग.) Email-  [email protected]

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We are grateful to Mr.  Kiran Sahu  for sharing this short Hindi story on self-respect  with  AKC .

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January 17, 2021 at 10:33 pm

Motivational and heart touching story

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April 26, 2017 at 2:15 pm

It’s a very good story. I like very much ! Thanks

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आत्मनिर्भरता पर निबन्ध | Essay on Self Reliance in Hindi

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आत्मनिर्भरता पर निबन्ध | Essay on Self Reliance in Hindi!

मनुष्य को जीवन में दूसरों पर भरोसा न कर आत्म निर्भर और आत्म विश्वासी होना चाहिए । दूसरे शब्दों में आत्म-सहायता ही उसके जीवन का मूल सिद्धांत, मूल आदर्श एवं उसके उद्देश्य का मूल-तंत्र होना चाहिए । असंयत स्वभाव तथा मनुष्य का परिस्थितियों से घिरा होना, पूर्णरूपेण आत्मविश्वास के मार्ग को अवरूद्ध सा करता है ।

वह समाज में रहता है जहां पारस्परिक सहायता और सहयोग का प्रचलन है । वह एक हाथ से देता तथा दूसरे हाथ से लेता है । यह कथन एक सीमा तक उचित प्रतीत होता है । ऐसा गलत प्रमाणित तब होता है जब बदले में दिया कुछ नही जाता सिर्फ लिया भर जाता है और जब अधिकारों का उपभोग विश्व में बिना कृतज्ञता का निर्वाह किए, भिक्षावृत्ति तथा चोरी और लूट-खसोट में हो, लेकिन विनिमय न हो ।

फिर भी पूर्ण आत्म-निर्भरता असंभव सी है । जीवन में ऐसे सोपान आते हैं, जब आत्म विश्वास को जागृत किया जा सकता है । स्वभावतया हम दूसरों पर आर्थिक रूप से निर्भर होते हैं । हम जरूरत से ज्यादा दूसरों की सहायता, सहानुभूति, हमदर्दी, नेकी पर विश्वास करते हैं, लेकिन यह आदत हानिकारक है । इससे हमारी शक्ति और आत्म उद्योगी भावना का ह्रास होता है । यह आदत हममें निज मदद हीनता की भावना भर देती है ।

यह हमारे नैतिक स्वभाव पर उसी प्रकार कुठाराघात करती है, जैसे किसी नव शिशु को गिरने के डर से चलने से मना करने पर कुछ समय पश्चात् अपंग हो जाता है । यदि इसी प्रकार हम दूसरों पर निर्भर न रहें तो नैतिक रूप से हम अपंग व विकृत हो जाते हैं ।

इसके अलावा दूसरों से काफी अपेक्षा रखना एक तरह से खुद को उपहास, दयनीय स्थिति, तिरस्कार व घृणा का पात्र बना लेने के बराबर है । इस स्थिति में लोग आश्रित और परजीवी बन जाते हैं । आत्म-शक्ति से परिपूर्ण व्यक्तियों के मध्य हमारी खुद की स्थिति दयनीय हो जाती है ।

विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए हमारा अन्त करण हमें उत्तेजित करता है । अन्त में हम इस मानव जाति से घृणा व विरोध करने लगते हैं । ईर्ष्या हमारे जीवन में जहर भर देती हैं । इससे ज्यादा दयनीय स्थिति और कोई नही ।

इससे बिल्कुल विपरीत स्थिति आत्म-विश्वासी व्यक्ति की है । वह वीर और संकल्पी होता है । वह बाहरी सहायता पर विश्वास नही करता, बकवास में विश्वास नही रखता और बाधाओं, मुसीबतों से संघर्ष करता है तथा हर पग पर नए अनुभव प्राप्त करता है । वह चाहे सफल रहे या असफल उसे हमेशा दया, आदर और प्रशंसा का अभिप्राय माना जाता है ।

व्यक्ति की महानता उसके प्रयत्नों पर निर्भर करती है न कि सफलता एवं असफलता पर । ऐसे व्यक्ति विश्व को मानसिक दृढ़ता, सहनशीलता व आत्म-निर्भरता की शिक्षा देते हैं । कमजोर और पिछड़ा वर्ग इनसे शिक्षा प्राप्त करते हैं । दु खी लोगों को इनसे सामना मिलती है । साहसिक प्रवृत्ति से संघर्ष तथा उन पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है । अन्ततोगत्वा उसके भविष्य का निर्माण होता है ।

आत्म-निर्भर व्यक्ति को पृथ्वी और स्वर्ग दोनों जगह सम्मानित किया जाता है । वह व्यक्तियों के बीच प्रशंसा का पात्र बनता है । वह प्रशंसा, प्यार व आदर हासिल करके प्रसिद्धि, खुशहाली एवं यशस्वी बनता है । वह लोगों का नेतृत्व करता है । जनता तन-मन-धन से उस पर विश्वास करती है तथा उसकी बुद्धिमता और सक्षमता पर विश्वास रखती है । विश्व में जहां सफलता प्राप्त करना दुर्लभ है, वहाँ वह जीवन के प्रत्येक चरण में खरा उतरता है । व्यक्ति के अपने प्रयत्न के साथ-साथ ईश्वर भी संघर्ष मे उसकी सहायता करता है ।

आत्मनिर्भर व्यक्ति के मुकाबले कोई भी व्यक्ति इतना तेजस्वी एवं दृढ़प्रतिज्ञ नहीं होता । भाग्य की रेखाएं इतनी अनिश्चित होती है कि जब हम सब कुछ प्राप्त कर लेते है तो भी शांति से उनका उपभोग नहीं कर पाते । आशा के विपरीत ज्यादा या कम मिलने की अवधारणा प्राय: हम लोगों में व्याप्त है । यहां तक कि हमेशा किसी वस्तु के लिए व्यग्रता-सी बनी रहती है ।

ऐसे उपहार जिनका हम उपार्जन नहीं करते, हमसे दूर होती है और हमारे लिए अपने मन मे उपजी उत्कण्ठा को शांत करना मुश्किल सा प्रतीत होता है । परहितकारों द्वारा की गई दया हमारे आत्म सम्मान पर अंकुश लगाती है । लेकिन जब उन वस्तुओं की प्राप्ति के लिए हम परिश्रम एवं खर्च करते हैं तथा न चीजों को प्राप्त करने के लिए खून-पसीना एक करते हैं तो इस स्थिति में नैतिक दृष्टिकोण से हम उन वस्तुओं का उपभोग शान्ति से कर सकते है ।

अभ्यास व परिश्रम से सहूलियत उत्पन्न की जाती है । यदि इस तथ्य के अनुरूप हम अपने मस्तिष्क को क्रियाशील बनाएं तथा दूसरे पर निर्भर रहने की अपेक्षा जहां तक संभव हो ज्यादा से ज्यादा अपना कार्य स्वयं सम्पन्न करें और अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास करें तो हमारे अन्दर शक्ति का संचार हो जाता है । हम जल्दी ही आत्मनिर्भर हो जाएंगे तथा जीवन की दौड़ में सफलता के कीर्तिमान स्थापित करेंगे, जो पहाडों का सीना चीर सकती है ।

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सम्मान पर 50 सुविचार 50 Best quotes on respect in Hindi

सम्मान पर 50 सुविचार 50 Best quotes on respect in Hindi

कई बार एक छोटी सी गलती सम्मान को नष्ट कर देती है। हम सबके जीवन में सम्मान का महत्व बहुत है। इस लेख में हम आपको सम्मान के बारे में प्रसिद्ध सुविचारों के बारे में बताएंगे जो प्रमुख हस्तियों द्वारा दिए गए हैं।   

#1 “जो लोग आपका सम्मान नहीं करते, आपकी प्रशंसा नहीं करते और आपका महत्व नहीं समझते उन पर अपना समय नष्ट मत करो क्योंकि जिंदगी बहुत छोटी है” रॉय टी बेनेट Life is too short to waste your time on people who don’t respect, appreciate, and value you” Roy T Bennett

#3 “हर व्यक्ति अपने आप में अनोखा होता है। हम भी दूसरे व्यक्तियों के अनोखेपन का सम्मान करते हैं” रॉबर्ट शूलर As we grow as unique persons, we learn to respect the uniqueness of others. – Robert Schuller

#4 “जिंदगी छोटी है और हमें इसके हर पल का सम्मान करना चाहिए” ओरहन पामुक Life is short, and we should respect every moment of it. – Orhan Pamuk  

#7 “जब आप दूसरों के प्रति आभार प्रकट करते हैं तो आप उनका सम्मान भी करते हैं” दलाई लामा When you practice gratefulness, there is a sense of respect toward others. – Dalai Lama

#8 “यदि आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं तो दूसरों का सम्मान भी करना होगा” वासिल सुखोंमिनिस्की The right to be respected is won by respecting others. – Vasyl Sukhomlynsky

#11 “यदि आप दूसरे लोगों को सम्मान देंगे तो वह भी आपको सम्मान देंगे” एंथोनी डग्लस विलियम्स Treat others with respect and others will respect you. – Anthony Douglas Williams

#15 “लोगों का तब ही सम्मान होता है जब वह दूसरों का सम्मान करते हैं” रैफ वेल्डो इमर्सन“ I only respect men when they respect others” Ralph Waldo Emerson

# 16 “अपने ज्ञान से आप शक्तिशाली बन सकते हैं पर अपने चरित्र से आप सम्मान पा सकते हैं” ब्रूस ली   Knowledge will give you power, but character respect- Bruce Lee

#17- “यदि मनुष्य दूसरों का सम्मान नहीं करता है तो उसमें और जानवरों में क्या फर्क रह गया”- कन्फ्यूशियस Without feelings of respect, what is there to distinguish men from beasts? – Confucius

#19 “सम्मान प्राप्त करने का रास्ता दोनों तरफ का होता है. सम्मान पाने के लिए सम्मान देना भी पड़ता है” आर जी रिश Respect is a two-way street, if you want to get it, you’ve got to give it. – R.G. Risch

#21 “यदि हम प्यार और आत्मसम्मान खो देते हैं तो ऐसा व्यक्ति मरा हुआ हो जाता है” माया एंजलू If we lose love and self-respect for each other, this is how we finally die- Maya Angelo

#23 “दूसरों की बातें ध्यान पूर्वक सुनकर भी हम उन्हें सम्मान दे सकते हैं” ब्रायन एच मैकगिल One of the most sincere forms of respect is actually listening to what another has to say. – Bryant H. McGill

#24 “यदि कोई बच्चा अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करता है तो वह किसी का सम्मान नहीं करेगा” बिली ग्राहम A child who is allowed to be disrespectful to his parents will not have true respect for anyone.  Billy Graham

#27 “मैं तुमसे नफरत नहीं करता। बस मैंने तुम्हारा सम्मान करना बंद कर दिया है” I don’t hate you. I just lost respect for you.

#28 “किसी भी चीज को पाने के लिए अपने मूल्यों से समझौता मत करो. आत्मसम्मान सबसे बड़ी चीज होती है” Don’t lower your standards to achieve any goal in life.  

#30 “जब आप छोटे हो तो बड़ों का सम्मान करें। जब आप शक्तिशाली हो तो कमजोर की मदद करें। जब आप गलत हो तो अपनी गलती स्वीकार करें क्योंकि एक दिन जीवन में आप बूढ़े कमजोर और गलत होंगे” “Respect the old, when you are young.help the weak, when you are strong. Confess the fault when you are wrong. Because one day in life, you will be old, weak and wrong.”

#32 “सभी का सम्मान करो और किसी से मत डरो” “Respect all and fear none.”

#33 सम्मान पाने के लिए किसी को मजबूर नही किया जा सकता है, ना ही सम्मान की भीख मांगी जा सकती है। यह कमाया जाता है और अपने आप ही प्राप्त होता है। “Respect id neither imposed nor begged,it’s earned and offered.”

#34 सम्मान उसका करना चाहिए जो उसके लायक हो। उसका नहीं जो सम्मान मांगता हो “Respect is for those that deserve it not for those that demand it.”

#35 जो लोग आपकी इज्जत नहीं करते हैं उनके साथ समय मत बिताओ “Never spend time with people who don’t respect you.”

#37 मेरे नियम सीधे हैं हर किसी से अच्छे से बर्ताव करो. हर किसी को सम्मान दो “My rules are simple. Treat everyone fairly. Treat everyone with respect.”

#42 अपनी कोशिशों का सम्मान करो। खुद का सम्मान करो। खुद के सम्मान करने से आत्म अनुशासन विकसित होता है। जब आप दोनों ही चीजें प्राप्त कर लेंगे तो आप महा शक्तिशाली बन जाएंगे “Respect your efforts, respect yourself. Self-respect leads to self-discipline. When you have both firmly under your belt that’s real power.”

#47 “मैं कई लोगों की प्रशंसा और सम्मान करता हूं, पर मैं ऐसा हमेशा नहीं करना चाहता हूँ। मैं अपने आप में खुश रहता हूं”-  जेम्स डार्सी There are lots of people I admire and respect, but I don’t necessarily want to be like them. I’m too happy being myself. James Darcy

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150+ Self Respect Quotes in Hindi | आत्म-सम्मान पर अनमोल विचार

रिश्तो में आत्म-सम्मान एक अहम भूमिका निभाता है। रिश्तो को मजबूत बनाने के लिए अगर एक दूसरे के लिए आत्म सम्मान ना हो तो रिश्ता खोखला हो जाता है।  परंतु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रिश्तो की कदर नहीं करते उसी के ऊपर आज हम आपके लिए self respect quotes in Hindi में लाये है।

Table of Contents

Self Respect in Hindi

self respect quotes in hindi

उसकी इज्जत कभी मत करो, जो आपकी इज्जत नहीं करता, उसे अहंकार नहीं कहते, उसे आत्म-सम्मान कहते हैं।

self respect quotes in hindi

अगर खुद का सम्मान करोगे, तो दूसरे भी आप का सम्मान करेंगे।

self respect quotes in hindi

किसी चीज के लिए अपना रुतबा ना गिराए, क्योंकि आत्म-सम्मान ही सब कुछ होता है।

self respect quotes in hindi

जो रिश्तो में कद्र नहीं, उसमें रहने से अच्छा है, की उस रिश्ते को खत्म कर देना अच्छा होता है क्योंकि वहाँ हमारा आत्म-सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

self respect quotes in hindi

रिश्ते भी वही अच्छे लगते हैं, जहाँ सम्मान होता है एक दूसरे के लिए, और जहाँ सम्मान नहीं होता, वहाँ रिश्ते नहीं होते।

self respect quotes in hindi

दुनिया में हर चीज की कद्र होनी चाहिए, चाहे इंसान हो, पैसा हो, या कोई भी वस्तु, जहाँ कद्र नहीं होती, वहाँ से धीरे धीरे से सब चला जाता है।

Aatmsamman Quotes in Hindi

self respect quotes in hindi

कीमत तो हर चीज की चुकानी पड़ती है, इंसान हो या वस्तु, मिलने से पहले भी और खोने के बाद भी, इसलिए हर चीज का सम्मान करें।

self respect in hindi

ज्यादातर लोग आसानी से मिली हुई चीजो की कद्र नहीं करते, और फिर बाद में खो देते हैं।

respect quotes in hindi

किसी का अपमान करना, वह आपका स्वभाव बताता है, कि आप कैसे हैं, पर किसी का सम्मान करना, वह आपके संस्कार बताते हैं, कि आप कैसे हैं।

self respect status in hindi

अभिमानी व्यक्ति सभी की तुलना में खुद को बड़ा समझता है, और स्वाभिमानी व्यक्ति सबको बराबर समझता है।

self respect shayari

आत्म-सम्मान जिनका होता है, वह अपना काम स्वयं करते हैं, किसी के ऊपर निर्भर नहीं होते।

respect status in hindi

कभी भी सिर्फ खुद की आत्म-सम्मान के लिए, किसी और के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना चाहिए।

respect in hindi

आत्म सम्मान की रक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है।

self respect shayari in hindi

आत्मसम्मान सबका अधिकार होता है, इसे पाने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनका भी आत्मसम्मान होता है, और किसी के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाना नहीं चाहिए।

सेल्फ रेस्पेक्ट कोट्स इन हिंदी

ego and self respect quotes in hindi

सम्मान उनका करना चाहिए, जो लोगों का सम्मान करता है, उन लोगों का नहीं, जो हर वक्त लोगों का अपमान करते हैं।

सेल्फ रेस्पेक्ट कोट्स इन हिंदी

सम्मान उन्ही रिश्तो में मिलते हैं, जहाँ समझ हो, समझौता नहीं।

quotes on self respect in hindi

आपके स्वभाव और संस्कार पर निर्भर होता है, कि आपको कितना सम्मान मिलना चाहिए।

Attitude Self Respect Quotes in Hindi

attitude self respect quotes in hindi

अहंकार, गुस्सा और आत्म सम्मान की वजह से प्यार करने वालों को दूर होना पड़ता है।

self respect quotes hindi

लोगों को उतना ही बोलो, जितना सुन सको, सिर्फ बोलने की हिम्मत नहीं होनी चाहिए, सुनने की भी हिम्मत होनी चाहिए, क्योंकि बात सिर्फ आत्म-सम्मान की होती है, वरना जो सुन सकता है, वह सुना भी सकता है, पर जो सुना सकता है, वह सुन नहीं सकता।

सेल्फ रेस्पेक्ट कोट्स

आजकल दुनिया में वजह हो तो कद्र होती है, वरना बेवजह कद्र कोई नहीं करता, और बहुत कम लोग हैं, जो बेवजह कद्र करते हैं।

कुछ अन्य हिंदी कोट्स:

  • Heart Touching Quotes in Hindi
  • Relationship Quotes in Hindi
  • Smile Quotes in Hindi
  • Family Quotes in Hindi
  • Mahadev Quotes in Hindi

जब बात सम्मान की आती है। अगर सामने वाला व्यक्ति अपमानजनक तरह से वक्त आता है। तो उस पर क्रोध ना कीजिए और उसे अपनी राय देना उससे बड़ा गुनाह है। क्योंकि लोग अच्छी बातें जल्दी बुरी लग जाती है। वैसे समय पर उस व्यक्ति से आप कम मिलिए जुलिए क्योंकि, आप ऐसे व्यक्ति के साथ रहकर, आप अपना भी सम्मान खो दोगे  वह एक कहावत है ना, आप जैसे लोग के साथ रहते हो वैसे ही हो जाते हो।

आज के कलयुग में अच्छे लोगों का मिलना बहुत ही मुश्किल है। अगर आपके जीवन में ऐसा कोई व्यक्ति आता है तो, आप उसे अपना अच्छा दोस्त बना सकते हैं। आपके आने वाले जीवन में बड़ी ही मदद कर सकते हैं। इसलिए अच्छे लोगों के साथ दोस्ती रखना हमेशा फायदेमंद होता है।

उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा आत्म-सम्मान पर अनमोल विचार आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है।

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दयालुता पर निबंध (Kindness Essay in Hindi)

दया एक पुण्य है जो शायद ही इन दिनों कभी देखी जाती है। लोग इन दिनों अपने आप में इतने व्यस्त हैं कि वे अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरी करते हैं और दूसरों की प्राय: अनदेखी करते हैं। दूसरों के प्रति दयालु होना बड़ा मुश्किल सवाल बन गया है। दया दूसरों की ओर विनम्र और विचारशील होने का गुण है। यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी के पास नहीं है। इस दुनिया में बहुत कम लोगों को ऐसे गुण से नवाज़ा गया है और उनकी उपस्थिति उनके चारों ओर के लोगों के लिए एक वरदान है।

दयालुता पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Kindness in Hindi, Dayaluta par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द).

एक सुखद स्वभाव वाले और दूसरों के लिए चिंता करने वाले व्यक्ति को दयालु होना कहा जाता है। ऐसे लोग दूसरों के प्रति संवेदनशील होते हैं। जब भी लोगों को उनकी ज़रूरत होती है वे अपने आसपास के लोगों की मदद करते हैं और कभी भी दूसरे लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए अपनी सीमा से बाहर जाने से संकोच नहीं करते हैं।

दया के छोटे कदम बड़ा अंतर कर सकते हैं

दूसरों के प्रति दया दिखाने का मतलब जरूरी नहीं है कि उनके लिए कुछ बड़ा करना। यह विनम्र होने और या किसी को भावनात्मक समर्थन देने के रूप में छोटे से योगदान के रूप में कुछ भी हो सकता है। यह कुछ भी हो सकता है जैसे उस बूढ़ी औरत को मुस्कुराहट देना जो अपनी बालकनी में अकेले बैठकर लोगों को आता जाता देखती है या किसी चिड़िया को रोटी का छोटा सा टुकड़ा देना जो आपकी छत पर हर दिन आकर चहचहाट करती है। दयालुता के इस तरह के कृत्यों में ज्यादा मेहनत नहीं लगती हैं लेकिन दूसरे व्यक्ति के जीवन में इससे एक बड़ा अंतर उत्पन्न हो सकता है।

आपको आसपास के लोगों को सहायता प्रदान करने और उनसे अच्छा व्यवहार करने के लिए करोड़पति होने की ज़रूरत नहीं है। इन सबके लिए आपके पास सिर्फ अच्छे दिल की ज़रूरत है। हम में से हर एक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ है। हमें यह समझना होगा कि यह क्या है। इसके अलावा हमें अपने आस-पास के लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए। हमें यह समझने की ज़रूरत है कि अगर लोग एक दूसरे के प्रति दयालु हो तो दुनिया एक बेहतर जगह बन जाएगी।

दूसरे लोगों के प्रति दयालु होकर हम न केवल उनकी मदद करते हैं बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाते हैं जिससे वे अपने दिल से अच्छा महसूस करते हैं। यह संतोष की भावना देता है।

हम दयालु लोग बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। वास्तव में अगर हम खुद को देखें तो क्या हम खुद को दयालु कहेंगे? हम अपने आस-पास के लोगों का दर्द महसूस करते हैं लेकिन कितनी बार हम उनकी मदद कर पाते हैं? अगर हम यह अपेक्षा करते हैं कि दूसरे लोग हमारे प्रति दयालु हो तो हमें पहले इस आदत को अपने आप में डालना होगा।

निबंध 2 (400 शब्द)

किसी ने ठीक ही कहा है, “यदि आप कम से कम एक बार दया दिखाते हैं तो कभी भी आपका दिन बुरा नहीं जाएगा”। दूसरों के प्रति दयालु और करुणामय होने से बहुत खुशी होती है। लेने की बजाए दूसरों को देने की खुशी बहुत अधिक है। दया हमें भगवान के करीब ले जाती है और आंतरिक शांति प्रदान करती है।

दयालुता का काम कभी अनदेखा नहीं होता है

हालांकि हमें बिना बदले में कुछ उम्मीद किए बिना दयालुता के कृत्यों में लिप्त होना चाहिए लेकिन ऐसा कहा जाता है कि दयालुता के किसी भी कार्य, यहां तक ​​कि छोटा सा भी, की और किसी का ध्यान नहीं जाता है। इसका कारण यह है कि भगवान हमें हर समय देखते हैं और वे अपने तरीके से निष्पक्ष होने के लिए जाने जाते हैं।

सामान्य रूप से दयालु और दूसरों के साथ विनम्र रहकर हमारा मूड अच्छा रहता है बजाए उन दिनों के जब हम दूसरों से उलझ जाते थे, दूसरों को अपनी नज़र से देखते थे या ऊँची आवाज़ में बात करते थे। इसी तरह किसी को भी एक छोटी सी मदद करने से हमें अपने बारे में अच्छा लगता है। दूसरों की मदद करने और उनके प्रति दया दिखाने से हमें एक संतुष्टि की भावना मिलती है और जो भी हम देते हैं वह जल्द ही हमारे पास बहुतायत में आ जाता है। इसे कर्म के कानून के रूप में भी जाना जाता है।

हालांकि अगर हम दूसरों के प्रति यह सोचकर दया दिखाने की उम्मीद करते हैं कि हमें बदले में कुछ मिलेगा तो उसे दयालुता का कार्य नहीं माना जाएगा। यह बल्कि स्वार्थ से भरा कार्य है।

जानवरों के प्रति दयालुता

न सिर्फ मनुष्यों के प्रति बल्कि हमें जानवरों पर भी दया दिखानी चाहिए। कई लोग सड़क के कुत्तों और गायों पर पत्थर फेंकते हैं ताकि वे उन्हें डरा सकें। अगर आत्मरक्षा के रूप में किया गया है तो ठीक है लेकिन कई लोग सिर्फ मज़े के लिए ऐसा करते हैं। हमें उनके प्रति दयालु होना चाहिए। जानवरों का उचित तरीके से इलाज करना और उन्हें खाना खिलाना उनके प्रति दया दिखाने के दो तरीके हैं। हम बहुत सारा भोजन व्यर्थ कर देते हैं। हम कचरे के डिब्बे में हमारा बचा हुआ भोजन फेंक देते हैं। इसे फेंकने की बजाए हमें इसे हमारे घर के आसपास चारों ओर घूमते बिल्लियों, कुत्तों और गायों को खिलाना चाहिए। हम उन्हें अपनाने के द्वारा उनके प्रति दया दिखा सकते हैं। इसी तरह हमारी बालकनी या बगीचे में बैठे पक्षियों को हम अनाज के दाने डाल सकते हैं। दया के ये छोटे और यादृच्छिक कृत्य न केवल इन पक्षियों और जानवरों के लिए अच्छे होंगे बल्कि आप अपने बारे में भी बेहतर महसूस करेंगे।

जो लोग धर्मार्थ कार्य करते हैं और विभिन्न लोगों की उनके बड़े और छोटे कार्यों में मदद करते हैं वे उन लोगों से ज्यादा खुश रहते हैं जो केवल खुद के लिए काम करते हैं।

Essay on Kindness in Hindi

निबंध 3 (500 शब्द)

कई संस्कृतियों में दया को एक आवश्यक गुण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि दया मनुष्य को ईश्वर से वरदान में मिले सात महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। अन्य गुणों में अंतरात्मा, सम्मान, सहिष्णुता, आत्म-नियंत्रण, निष्पक्षता और सहानुभूति शामिल हैं। दयालु होने से तात्पर्य हमारे आसपास के लोगों के प्रति विनम्र और मैत्रीपूर्ण होना तथा उनकी सहायता करना है।

दया एक असामान्य विशेषता है

हालांकि आवश्यकता के हिसाब से दया एक विशेष गुण नहीं है जो सामान्यतः इन दिनों लोगों में पाई जाती है। आज के समय में लोग बेहद आत्म-अवशोषित हो गए हैं। वे केवल स्वयं के बारे में सोचते हैं। हमारे जीवन में विभिन्न चरणों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मुख्य कारणों में से एक यह है कि लोग इस तरह से आगे बढ़ रहे हैं। हर कोई अपने आप को बेहतर बनाने में व्यस्त है और दुनिया को यह दिखाना चाह रहा है कि उनकी ज़िंदगी दूसरों की तुलना में कितनी बेहतर है। वे जो चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए वे कोई भी रास्ता चुनने में नहीं झिझकते हैं। हालांकि अपने आप को सुधारने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन यह समझना चाहिए कि जीवन बहुत बड़ा है और जरुरी नहीं है कि जो वे सोच रहे हैं वही सब कुछ है। लोग इतने मतलबी हो गए हैं और यह नहीं समझ पाते कि भगवान बहुत दयालु है और उन्हें भी दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए।

अब जहाँ अधिकांश लोगों में दयालुता के गुण नहीं देखे जाते तो ये गुण बहुत कम प्रयासों के साथ उनमें डाले जा सकते हैं। इसकी शुरुआत इसके महत्व के बारे में शिक्षित करके किया जा सकती है। दयालुता का महत्व विद्यालय में पढ़ाया जाना चाहिए। कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए और बच्चों को इसके बारे में बताने के लिए व्याख्यान दिए जाने चाहिए कि लोगों के प्रति दयालु होना क्यों आवश्यक है। स्कूलों में इस विषय को पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाना अनिवार्य करना होगा। लोगों को इसे समझने और इसे मानने के लिए बहुत शुरुआत से ही इसके महत्व पर जोर डालना होगा।

रिश्ते में दयालुता अनिवार्य है

लोगों के रिश्ते में सबसे आम लक्षण क्या है? यह और कुछ नहीं बल्कि दयालुता है। कोई भी व्यक्ति अशिष्ट, अभिमानी, स्वार्थी और घमंडी लोगों के साथ दोस्ती करना पसंद नहीं करता है। हर कोई उन लोगों को पसंद करता है जो नम्र, विनम्र, दयालु और उदार हैं। हमें लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि शुरुआत घर से होती है इसलिए हमें अपने निकट और प्यारे लोगों से शुरू करना चाहिए।

बहुत से लोग अपने पड़ोसियों, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति उदार और विनम्र होते हैं लेकिन अपने परिवार, माता-पिता, बच्चों और भाई-बहनों आदि सदस्यों के साथ वे असभ्य व्यवहार करते हैं। वे उन्हें डांटते हैं, उनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और अक्सर उनके साथ तर्क करते हैं। इस तरह के लोगों को दयालु नहीं कहा जा सकता है। चाहे वे बाहर के लोगों के प्रति कितने भी अच्छे हों या चाहे वे कितना दान देते हो। यदि वे घर के सदस्यों के प्रति दयालु नहीं हैं तो उन्होंने केवल एक अच्छी छवि को बनाए रखने के लिए अपने चेहरे पर मुखौटा लगा रखा है। वास्तव में वे अंदर से हताश हैं और उनकी सारी निराशा घर के सदस्यों पर उतरती है।

यदि कोई व्यक्ति दिल से बहुत दयालु है तो वह घर पर और साथ ही बाहर भी दयालु होगा। बदले में किसी चीज की उम्मीद किए बिना लोगों के प्रति दयालु होने के कारण आंतरिक शांति और खुशी मिलती है। यह जीवन को सुखदायी बनाता है।

दया व्यवहार करना मुश्किल नहीं है। हमारे आस-पास के लोगों पर दयालुता को बरकरार रखना हम में से हर एक का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। इसे आज़माएं और देखें कि यह जीवन में सबसे ज्यादा खुशहाल अनुभवों में से एक क्यों हो सकता है।

निबंध 4 (600 शब्द)

एक व्यक्ति जो दयालु है उसे अच्छे नैतिक चरित्र वाला व्यक्ति माना जाता है। उसे हर कोई प्यार करता है और आस-पास के लोग उसके बारे में चर्चा करना पसंद करते हैं। हालांकि दयालुता के कृत्यों में लिप्त होने का कारण ऐसा नहीं होना चाहिए। दया एक ऐसी चीज है जिसे निस्वार्थ भाव किया जाना चाहिए। अगर हम उम्मीद करते हैं कि लोग हमारी सराहना करें या हमेशा हमारा पक्ष ले तो यह दया नहीं है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि यह स्वार्थ है।

दया की अलग – अलग परिभाषाएं

अलग-अलग तरीके के शिक्षा पाए लोगों ने और धार्मिक शास्त्रों ने दयालुता को अतीत में अलग- अलग ढंग से परिभाषित किया है:

  • चीनी शिक्षक और दार्शनिक कन्फ्यूशियस के अनुसार, “दयालुता सबसे अच्छी चीज है। मनुष्य को कैसे बुद्धिमान माना जा सकता है जिसने उस वक़्त दयालुता नहीं अपनाई जब वह अपना सकता था”। वह आग्रह करता है कि “दयालुता के लिए दयालुता करें।”
  • प्राचीन ग्रीक दार्शनिक और वैज्ञानिक अरस्तू के अनुसार दया का मतलब है “न ही किसी चीज़ के बदले और न ही सहायता के बदले बल्कि किसी की ज़रूरत के मुताबिक उस व्यक्ति की मदद करना”।
  • अमेरिकी लेखक और हास्यकार मार्क ट्वेन के अनुसार, “दया एक भाषा है जो गूंगा बोल सकता है, बधिर सुन सकता है और अंधा देख सकता है।” रब्बीनिक यहूदी धर्म का केंद्रीय पाठ टैलमुद के अनुसार, “सभी प्रकार की आज्ञाओं में दया के कर्म समान हैं।
  • अमेरिकी दार्शनिक विलियम पेन के अनुसार “मुझे उम्मीद है कि जीवन की सभी अवस्थाओं से मेरा सामना हो लेकिन एक बार जी हां एक बार अगर मैं दया दिखा सका जो मैं दिखा सकता हूं या किसी मददगार की मदद कर सकता हूँ तो मुझे यह अभी करना है और इसे अधिक स्थगित या इसकी उपेक्षा न करें क्योंकि मैं इस तरह की अवस्था से फिर नहीं गुज़रूंगा”।

दया की परिभाषा भिन्न हो सकती है लेकिन इन सभी का सार एक समान है। दया एक आवश्यक गुण के रूप में संदर्भित है।

भगवान आपके प्रति दयालु है: आपको दूसरों के लिए दयालु होना चाहिए

यदि भगवान ने आपको बहुत अच्छा जीवन देकर दयालुता दिखाई है तो आपको भी अपने आसपास के लोगों की मदद कर दयालुता दिखानी चाहिए ताकि आप भी उनके अच्छे जीवन का निर्माण कर सकें। यह कहना सही होगा कि यदि आप अच्छा धन कमाते हैं तो आपको दान में आपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा देना चाहिए। यदि आप पढ़ाई में अच्छे हैं और आपके साथी किसी भी तरह की सहायता के लिए आपके पास आते हैं तो आपको अपने साथी छात्रों की मदद करने में संकोच नहीं करना चाहिए। अगर भगवान ने आपको शारीरिक रूप से सक्षम बनाया है तो उन लोगों की सहायता करें जो सक्षम नहीं हैं।

उदाहरण के लिए आप अपने पड़ोस में रहने वाली किसी बूढ़ी औरत, जो दुकान से अपना सामान खरीद कर ला रही है, उसकी मदद कर सकते हैं या किसी अंधे व्यक्ति को सड़क पार करने में मदद कर सकते हैं। यदि आपके पास अपनी बालकनी या बगीचे में पर्याप्त जगह है तो वहां पक्षियों के लिए पानी का एक कटोरा रखना ना भूलें। गरीब और जरूरतमंदों के लिए अपने पुराने कपड़े और जूते दान करें। ऐसे कई गरीब बच्चे हैं जो जूते और कपड़े के बिना घूमते हैं। कई गैर-सरकारी संगठन ऐसे लोगों की सेवा में मदद करने के लिए लोगों से अनुरोध करते हैं। यहां तक ​​कि आपकी तरफ से एक छोटा योगदान भी बहुत बड़ा अंतर उत्पन्न कर सकता है। इसी तरह खाना मत बर्बाद करें। कचरे के डिब्बे बचा हुआ भोजन डालने की बजाए उसे गरीब बच्चों में दान कर दें।

यदि आप अपने वयस्त दिनचर्या से कुछ समय निकाल सकते हैं तो सामाजिक सेवा में शामिल होने का प्रयास करें। आप अपने घर के आसपास छोटे गरीब बच्चों, जो स्कूल में नहीं पढ़ सकते, को बुनियादी शिक्षा प्रदान करके एक शुरूआत कर सकते हैं।

ये सभी कुछ छोटे उदाहरण हैं कि किस प्रकार आप दयालुता फ़ैला सकते हैं। कल्पना कीजिए कि हम में से हर किसी के पास अगर यह गुण हो और हर किसी के प्रति हम दयालु हो तो यह दुनिया जीने के लिए एक बेहतर जगह बन जाएगी।

लोगों को उनके आसपास के लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए और देखना चाहिए कि कैसे चीजें हमेशा के लिए बदलती हैं। दूसरों के प्रति दयालु होना, उनकी मदद करना और मुस्कुराहट फैलाना ना सिर्फ लोगों के लिए अच्छा होता है बल्कि इन कार्यों को करने वाले व्यक्ति को भी संतुष्ट करने वाली गहरी समझ प्रदान करता है।

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

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  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
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  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
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  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
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  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
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  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
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  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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  • Updated on  
  • जुलाई 19, 2023

Kindness Quotes in Hindi

दया एक भाव है जो मानव को मानवता सिखाता है, इसी दया भाव के चलते मानव महामानव बन जाता है। दया की भावना एक ऐसी भावना है जो इंसान को जीवन जीना सिखाती है। ज़िंदगी में सबसे सरल काम अगर कोई है तो वो है लोगों से रूठ जाना या क्रूर बन जाना, पर सबसे कठिन काम अगर कोई है तो वो है मन में दया भाव का होना। Kindness Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको दया भावना पर आधारित कुछ इंट्रस्टिंग कोट्स पढ़ने को मिलेंगे। काइंडनेस पर आधारित कोट्स पढ़ने के लिए पोस्ट को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

Kindness quotes in hindi, टॉप 10 kindness quotes in hindi, लोकप्रिय 20 kindness quotes in hindi, महान व्यक्तियों द्वारा कहे गए kindness quotes in hindi, कुछ अन्य kindness quotes in hindi, world kindness quotes in hindi.

Kindness Quotes in Hindi में आपको कुछ ऐसे इंट्रस्टिंग कोट्स पढ़ने को मिलेंगे, जो आपको जीने का एक मकसद देंगे। ऐसे कोट्स कुछ इस प्रकार हैं-

“दया ही मानव को सुखी और समृद्ध बनाती है, दया ही जीवन को सुखद बनाता है।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया के कारण ही मिलता सृष्टि का ज्ञान है, सादगी से जो जिए वही तो दयावान है।”

Kindness Quotes in Hindi

“जीवन का मोल समझना हो तो हर जीव को अपना समझें और मन में करुणा का भाव रखें।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया जैसे है नव-जीवन, जीवन को सफल बनाने के लिए परमात्मा से मिले वरदान की तरह।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया भाव ही विश्व को प्रेम करना सिखाता है, दयावान व्यक्ति ही जग में खूब कीर्ति कमाता है।”

Kindness Quotes in Hindi

“ईश्वर ने जीवन दिया ये ही सृष्टि का सबसे बड़ा उपहार है, दया मार्ग पर चलकर विश्व का केवल होता कल्याण है।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया केवल मनुष्य के प्रति नहीं अपितु प्रकृति से जुड़े हर जीव के प्रति होनी चाहिए।”

Kindness Quotes in Hindi

“जीवन में यह न सोचें कि आप क्रूरता के कर्मों से यश कमा सकते हैं, क्योंकि क्रूरता मन को दूषित करती है और इस से पीड़ित मन सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है।”
“कौन है इस काया की रखवाली करने वाला, केवल दया ही मन को मोह बंधनों से मुक्त करती है।”

Kindness Quotes in Hindi

“ऐसा कहना उचित नहीं कि दया से मनुष्य कायरता को अपनाता है, वास्तविकता यही है कि दया के बिना मनुष्य का अस्तित्व अधूरा और खोखला है।”

Kindness Quotes in Hindi में आपको Top 10 Kindness Quotes के बारे में जानने के मिलेगा।

“दूसरे पर दया करना एक सुखद एहसास है, जिसकी कीमत किसी भी मूल्यवान मणि से कम नहीं।”

Kindness Quotes in Hindi

“आत्मिक विश्वास का विकास तभी संभव है, जब आप हर जीव को एक समान रख कर दयावान बन जाते हैं।”

“आशाओं के संचार के लिए दया का मार्ग अपनाना इसीलिए भी आवश्यक हो जाता है, क्योंकि क्रूरता निराशा को जन्म देती है।

“संगीतों के सुरो में भी दया की भावनाओं को विशेष स्थान दिया जाता है, क्योंकि संगीत में केवल करुणा निहित होती है।”

“समय अच्छा हो या बुरा, इंसान को कभी भी अपने मन से दया भाव को नहीं छोड़ना चाहिए।”

“आँखों में भरी आशाएं और दया की भावना ही, मनुष्य को सफलता के शीर्ष तक पहुँचाती हैं।”

Kindness Quotes in Hindi

“खुशियों के रहस्य केवल उन आँखों को पता होते हैं, जिनमें दया का स्थान होता है।”

“समय का संकल्प होता है दया की भावना को सिर माथे रखने का, परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का।”

“करुणा और विनम्रता ही जीवन का सार होना चाहिए, न कि पल दो पल का अहंकार।”

“दयालुता ही मनुष्य का परम धन होता है, जिसके लिए आपका धनी होना आवश्यक है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप Top 20 Kindness Quotes के बारे में जान पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

“दया तो दानव को भी मानव बना देती है, दया से ही जीवन का कल्याण होता है।”

“इंसानियत की बातें करना‌ आसान है पर दया के मार्ग पर चलना बहुत कठिन, कठिन है पर नामुमकिन नहीं।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया एक ऐसा अमृत है जो अहंकार के विष का जड़ से विनाश करता है।”

“दया की नैय्या पर सवार होकर ही जीवन का समस्या रूपी सागर पार लगता है।”

“ऐसा नहीं है कि मानव में केवल क्रूरता ही होती है, ढूंढा जाए जो दिल से तो दिल में दया भाव ही छुपा मिलेगा।”

“दया भाव के दिव्य ज्ञान से ही निश्चल मन को मुक्ति मिलती है।”

“ज़िंदगी भर जिस अज्ञानता के अंधकार में अंहकार पनपता रहा, दया का बोध हुआ तो पता लगा ज़िंदगी का सही मतलब क्या था।”

“जिस मार्ग पर जीवन भर चलते रहे कदम, अचानक पता लगा कि वो मार्ग क्रूरता के कारण कुमार्ग बन चुका था,  जिसको दया की भावना ने सद्मार्ग में बदल डाला।”

“प्रकृति के प्रति प्रेम तभी किया जा सकता है, जब आप में कहीं दया की भावना जीवित हो।”

“मुख से निकलता हर शब्द स्वयं में एक क्रांति होता है, यदि उस शब्द में समझदारी और दया का भाव समाहित हो।”

“दयालुता एक ऐसी भाषा है जो व्यक्ति के व्यवहार से झलकती है।”

“इंसान कर्मों के आधार पर जाना जाता है और कर्मों की पहचान दयालुता से होती है।”

“प्रेम की पहचान दयालुता से होती है, दया ही मानव में प्रेम के बीज बोता हूँ।”

“दयालुता ही सदा इंसान को कामयाब बनाती है, दयालुता ही इंसान को जीना सिखाती है।”

“दयालुता के प्रकाश से ही अज्ञान के अंधेरे को मिटाया जा सकता है।”

“जीवन में खुश रहने का एक ही मंत्र है, व्यवहार में दयालुता का होना।”

Kindness Quotes in Hindi

“यदि आप अपनी जीवन गाथा का साहस से श्रृंगार करना चाहते हैं तो आपको दयालुता के अलंकार का ज्ञान होना चाहिए।”

“एक संपन्न व्यक्ति वही है जिसमें दया, करुणा और प्रेम का समागम होता है।”

“जीवन की पथरीली राहों पर भी यदि चलते-चलते आप सुख का अनुभव कर रहे हैं तो यकीन मानिए आप दयालुता का सही अर्थ समझ सकते हैं।”

“दयालुता एक ऐसा खजाना है, जिसको जितना लुटाओ ये उतना ही और बड़ता है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप महान व्यक्तियों द्वारा कहे गए Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

जब शब्द सच्चे और दयालु दोनों हों, तो वे दुनिया को बदल सकते हैं।  भगवान बुद्ध

Kindness Quotes in Hindi

दया और प्रेम के लिए, जिन चीज़ों की हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।  ग्रिंच
कभी-कभी किसी व्यक्ति के जीवन को बदलने के लिए दयालुता और देखभाल में से केवल एक कार्य की आवश्यकता होती है। जैकी चैन
दयालुता का अंतिम परिणाम यह है कि यह लोगों को आपकी ओर खींचता है। अनीता रोडिक
दयालुता और विनम्रता बिल्कुल भी अधिक नहीं है। उनका कम उपयोग किया जाता है।  टॉमी ली जोन्स
एक महान व्यक्ति छोटे पुरुषों के साथ व्यवहार करने के तरीके से अपनी महानता दिखाता है। थॉमस कार्ली
ज़रा सोचिए कि अगर हम सभी ने सम्मान और दया के साथ बात की तो दुनिया कितनी अलग हो सकती है। होली ब्रैनसन
अपने आप में दयालुता वह शहद है जो दूसरे में मानवता का डंक मारता है। वाल्टर सैवेज लैंडर
दयालुता के कई कारण हैं, और धर्म उनमें से एक है। फ्रैंस डी वाल
मैं खुद को ठीक करने के तरीकों की खोज कर रहा हूं, और मैंने पाया है कि दयालुता सबसे अच्छा तरीका है। लेडी गागा

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप कुछ अन्य Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

“जो लोगों के प्रति दयालु हो सकता है, वह किसी भी विषम परिस्थितयों का सामना कर सकता है।”

“दयालुता समाज को बाँधने और सशक्त करने का काम करती है।”

“दया के शब्द कभी दूसरों को हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि लोगों को रास्ता दिखाने का काम करते हैं।”

“दया से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, यह मनुष्य में स्वाभाविक रूप से पाई जाती है।”

“जिस मानव के ह्रदय में दया का भाव नही है, वह इंसान पृथ्वी पर पशु के समान है।”

“दया की भाषा में शब्दों का होना आवश्यक नहीं, यह आपके व्यवहार में झलकती है।”

“दयालुता एक महान व्यक्तित्व की निशानी हैं, जो मानव को हमेशा जीवों के प्रति प्रेम करना सिखाती है।”

“न्याय का कार्य तो स्वयं नारायण करते हैं, नर का धर्म तो जीवों पर दया करना होता है।”

“ईश्वर विश्व का कल्याण करें और जीवों को दया के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करें मानव का कल्याण हो सके।”

“दया का गुण तो मानव के चरित्र को निखारने का होता है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप कुछ अन्य World Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

  • “दया के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य श्रेष्ठता के हर आयाम को प्राप्त करता है।”
  • “दयालुता ही मानव जीवन का कल्याण करती है, दया की भावना से ही मनुष्य का हृदय पवित्र होता है और यही से मानव कीर्ति कमाने लगता है।”
  • “दया के माध्यम से ही दुखी जन के दुखों को हरा जा सकते हैं, जिसके अलावा कोई और श्रेष्ठ कार्य इस सृष्टि पर नहीं हो सकता है।”
  • “मनुष्य को दया की भावना की कहीं से क्लास नहीं लेनी पड़ती है, बल्कि यह तो मानव के व्यवहार में हर पल झलकती है।”
  • “दया आंतरिक सुख की अनुभूति है, जिसका एहसास आप बाहरी दुनिया में नहीं कर सकते हैं।”
  • “समय-समय पर अनेकों महान लोगों ने जन्म लिया और दयालुता के मार्ग से विश्व में ख्याति पाई और अमर हो गए।”
  • “यह कहना अनुचित नहीं होगा कि मानव धर्म का मूल तत्व दया में निहित है, अर्थात दया ही धर्म का एक स्वरुप है।”
  • “जीवन चक्र हमेशा मनुष्यों को उनके द्वारा किए गए कर्मों का याद दिलाता है, इसीलिए मानव को अत्याचार और क्रूरता का नहीं बल्कि दया का मार्ग चुनना चाहिए।”
  • “दया एक ऐसा माध्यम है जो बेसहारा लोगों की सहायता करने के लिए इंसानों को प्रेरित करता है।”
  • “वही मनुष्य इस जग में बुद्धिमान है, जो क्रूर नहीं बल्कि सही मायनों में दयावान है।”

Kindness Quotes in Hindi

आशा है कि आपको Kindness Quotes in Hindi पर लिखा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और इस ब्लॉग में लिखे कोट्स ने आपको प्रेरित किया होगा। इसी प्रकार के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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मयंक विश्नोई

जन्मभूमि: देवभूमि उत्तराखंड। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई

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Respect Essay for Students and Children

500+ words essay on respect.

Respect is a broad term. Experts interpret it in different ways. Generally speaking, it is a positive feeling or action expressed towards something. Furthermore, it could also refer to something held in high esteem or regard. Showing Respect is a sign of ethical behavior . Unfortunately, in the contemporary era, there has been undermining of the value of Respect. Most noteworthy, there are two essential aspects of Respect. These aspects are self-respect and respect for others.

Self-Respect

Self-Respect refers to loving oneself and behaving with honour and dignity. It reflects Respect for oneself. An individual who has Self-Respect would treat himself with honour. Furthermore, lacking Self-Respect is a matter of disgrace. An individual who does not respect himself, should certainly not expect Respect from others. This is because nobody likes to treat such an individual with Respect.

Self-Respect is the foundation of a healthy relationship . In relationships, it is important to respect your partner. Similarly, it is equally important to Respect yourself. A Self-Respecting person accepts himself with his flaws. This changes the way how others perceive the individual. An individual, who honours himself, would prevent others from disrespecting him. This certainly increases the value of the individual in the eyes of their partner.

Lacking Self-Respect brings negative consequences. An individual who lacks Self-Respect is treated like a doormat by others. Furthermore, such an individual may engage in bad habits . Also, there is a serious lack of self-confidence in such a person. Such a person is likely to suffer verbal or mental abuse. The lifestyle of such an individual also becomes sloppy and untidy.

Self-Respect is a reflection of toughness and confidence. Self-Respect makes a person accept more responsibility. Furthermore, the character of such a person would be strong. Also, such a person always stands for his rights, values, and opinions.

Self-Respect improves the morality of the individual. Such an individual has a good ethical nature. Hence, Self-Respect makes you a better person.

Self-Respect eliminates the need to make comparisons. This means that individuals don’t need to make comparisons with others. Some people certainly compare themselves with others on various attributes. Most noteworthy, they do this to seek validation of others. Gaining Self-Respect ends all that.

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Respect of Others

Everyone must Respect fellow human beings. This is an essential requirement of living in a society. We certainly owe a basic level of Respect to others. Furthermore, appropriate Respect must be shown to people who impact our lives. This includes our parents, relatives, teachers, friends, fellow workers, authority figures, etc.

One of the best ways of showing respect to others is listening. Listening to another person’s point of view is an excellent way of Respect. Most noteworthy, we must allow a person to express his views even if we disagree with them.

Another important aspect of respecting others is religious/political views. Religious and cultural beliefs of others should be given a lot of consideration. Respecting other people’s Religions is certainly a sign of showing mature Respect.

Everyone must Respect those who are in authority. Almost everyone deals with people in their lives that hold authority. So, a healthy amount of Respect should be given to such people. People of authority can be of various categories. These are boss, police officer, religious leader, teacher, etc.

In conclusion, Respect is a major aspect of human socialization. It is certainly a precious value that must be preserved. Respectful behaviour is vital for human survival.

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वरिष्ठ नागरिकों पर निबंध | Essay On Senior Citizen in Hindi

In this article, we are providing information about Essay On Senior Citizen in Hindi. वरिष्ठ नागरिकों पर निबंध Essay On Senior Citizen in Hindi Language, varisth nagrik Par Nibandh for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 Students.

वरिष्ठ नागरिकों पर निबंध – Essay On Senior Citizen in Hindi

वरिष्ठ नागरिकों पर निबंध - Essay On Senior Citizen in Hindi

प्रस्तावना – आजकल वयोवृद्ध, सेवानिवृत्त लोगों को एक सम्मानजनक नाम वरिष्ठ नागरिक दिया गया हैं. लगभग 60 वर्षीय वृद्ध जन वरिष्ठ नागरिक माने जाते हैं.

यह शुभ लक्षण है कि इनकी समस्याओं की ओर समाज का ध्यान जा रहा हैं. जिन्होंने जीवन भर अपने कार्यों से समाज की विविध रूपों में सेवा की, वृद्धावस्था में उनकी समस्याओं पर ध्यान देना समाज का नैतिक कर्तव्य हैं.

प्रायः समाज का यह वर्ग उपेक्षा का पात्र रहा हैं. परिवार में और परिवार के बाहर इन लोगों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के प्रयत्न बहुत कम ही हुए हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएँ – वरिष्ठ नागरिकों की अनेक समस्याएं हैं. इनमें सर्वप्रथम उनका स्वयं को अकेला अनुभव करना हैं. घर परिवार में रहते हुए भी उन्हें लगता हैं कि उनकी ओर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. वे स्वयं को अकेला और उपेक्षित अनुभव करते हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की एक प्रमुख समस्या है उनकी अस्वस्थता. वृद्धावस्था में प्रायः अनेक रोग पीड़ित व्यक्ति को पीड़ित करने लगते हैं उनके स्वास्थ्य पर परिवारजन अधिक ध्यान नहीं देते. शारीरिक अक्षमता और धन का अभाव दोनों ही उन्हें पीड़ित करते हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की एक भावनात्मक समस्या हैं उनको उचित सम्मान न मिलना. परिवार में और परिवार के बाहर उन्हें बेकार का आदमी समझकर समुचित सम्मान नहीं दिया जाता.

समस्याओं का समाधान – वरिष्ठ नागरिकों के एकाकीपन को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों को उनके साथ कुछ समय बिताना चाहिए.

परिवार के बच्चों को उनके साथ वार्तालाप करने तथा खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए मिलने बैठने के स्थान, क्लब आदि की व्यवस्था होनी चाहिए.

वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य का परिवार के सदस्यों को ध्यान रखना चाहिए. उनके उपचार की यथासम्भव उचित व्यवस्था करनी चाहिए. अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों  को विशेष सुविधाएँ मिलनी चाहिए.

वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के सम्मानीय अंग हैं. उनका सम्मान हमारी सामाजिक सभ्यता का परिचायक हैं अतः हर स्थान पर उन्हें उचित आदर दिया जाना चाहिए.

वरिष्ठ नागरिकों से अपेक्षाएँ – वरिष्ठ नागरिकों को भी अपने आचार व्यवहार के प्रति सचेत रहना चाहिए. उन्हें कोई कार्य ऐसा नहीं करना चाहिए. जो उनकी गरिमा के प्रतिकूल हो.

परिवार में रहते हुए उन्हें संयम और उदारता का परिचय देना चाहिए. परिवार के साथ सामजस्य बनाकर चलने पर उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए.

उपसंहार- यदपि सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. फिर  भी उनको समाज में सुख और सम्मानपूर्वक रहने के लिए बहुत कुछ किया जाना आवश्यक हैं.

वृद्धावस्था, पेंशन, रेलयात्रा में किराएं में कटौती बैंकों में अधिक ब्याज दिया जाना आदि सरकारी सुविधाएं हैं. इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संगठनों ने भी वृद्धाश्रम तथा क्लब आदि स्थापित किये हैं. आशा हैं समाज आर्थिक और पारिवारिक रूप से विपन्न वृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान देगा.

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Respect to elders essay in hindi

rachanavyas

रेस्पेक्ट टू एल्डर्स| बड़ो का सम्मान 

Respect to elders.

हमें ये जीवन यूँ ही नहीं मिल गया है| इसके निर्माण के पीछे बहुत से लोगों का त्याग और तपस्या छिपी है| जैसे सर्वप्रथम हमारे माता-पिता जिन्होंने हमें बोलने –चलने से लेकर खाने-पीने और जीवन जीने की असीमित बातें सिखाई| हमारे घर और आसपास के अन्य व्यक्ति और हमारे गुरुजन जिन सबके मार्गदर्शन ने हमें ज्ञान और समझ दी| हम बदले में उन्हें और कुछ दें न दें, हमें उनका सम्मान अवश्य करना चाहिए| बड़े लोग ज्ञान और अनुभव का खजाना है| उनके पास हर समस्या का हल होता है| वे सर्वदा हमारी सहायता के लिए तैयार रहते है क्योंकि वे हमसे असीमित प्रेम करते हैं| अनजाने में भी हमारे द्वारा बोले गए कटु शब्द उन्हें आघात पंहुचा सकते हैं| अत: हमें मधुर वाणी द्वारा उन्हें सम्मान देना चाहिए| जैसा व्यवहार हम अन्यों से अपने प्रति चाहते हैं वैसा ही हमें उनके प्रति करना चाहिए| जीवन एक बूमरेंग की तरह है| हम जो फेकेंगे वही वापस लौटकर हमारे पास आएगा| मनुष्य अपनी वाणी और दूसरों के प्रति अपने सम्मान प्रदर्शन से अपने उच्च कुल और संस्कारों का परिचय देता है अत: ये माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बचपन से ही बच्चों में सम्मान करने की आदत विकसित करें| अगर वे बच्चों को ये नहीं सिखायेंगे तो बड़े होकर बच्चे माता-पिता का भी सम्मान नहीं करेंगे| अत: ये आदत बाल्यकाल से ही विकसित की  जानी चाहिए|  

Explanation:

we should respect elders essay

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New questions in Hindi

Respect Essay

500+ words respect essay.

Respect is one way of expressing our love and gratitude towards others. It may indeed be the glue that binds people together. If respect is akin to “positive regard”, it is the belief that enables one to value other people, institutions, and traditions. If we want others to give us respect, it is important that we respect them too. Respect is the most powerful ingredient that nourishes all relationships and creates a good society. Students should learn the true meaning of respect. They must understand what respect means with reference to themselves and to other people. This ‘Respect’ essay will help them to do so. Students can also get the list of CBSE Essays on different topics and boost their essay writing skills. Doing so helps them to participate in various essay writing competitions.

Respect Begins with Oneself

Respect is an important component of personal self-identity and interpersonal relationships. We must respect and value ourselves so that the rest of the world recognises us and respect us. Respect is treating others the way we want to be treated. People treat us with the same amount of dignity and respect we show for others. Treating someone with respect means:

  • Showing regard for their abilities and worth
  • Valuing their feelings and their views, even if you don’t necessarily agree with them
  • Accepting them on an equal basis and giving them the same consideration you would expect for yourself.

Respect is the overall esteem we feel towards a person. We can also feel respect for a specific quality of a person. For example, we might not like somebody’s behaviour, but we can respect their honesty.

Importance of Respect

Respect is a lesson that we learn over the years in our life. The ability to treat everyone with respect and equality is an easy trait to learn, but a difficult trait to carry out. Respect is one of the most valuable assets. A respectful person is one who shows care and concern for others. He is courteous, kind, fair, honest and obedient. With respect comes a better and more clear way of life. Respect for others helps to promote empathy and tolerance. It helps in building healthy relationships with family and friends. We feel motivated and happy when we are respected by others.

Ways to Show Respect to Others

Respect is a feeling of care for someone, which can be shown through good manners. There are several ways in which we can show respect to others. We all inculcate the value of respecting others from childhood. Doing namaste when guests come to our home is one way of showing respect to them. It is a gesture of acknowledgement & greeting people. We touch the feet of elders to show respect to them. We must take permission before using another person’s property. Teasing, threatening, or making fun of others can hurt them. So, we should respect others’ feelings and should not do anything that hurts them.

Respect is learned, earned, and returned. If we expect respect, then be the first to show it!

Students must have found “Respect Essay” useful for improving their essay writing skills. Visit the BYJU’S website to get the latest updates and study material on CBSE/ICSE/State Board/Competitive Exams, at BYJU’S.

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He Stands Out in a ‘Sea of Elites and Strivers’: Our Writers on What Tim Walz Brings to the Ticket

By New York Times Opinion

On Tuesday, Kamala Harris announced that Tim Walz, the governor of Minnesota, was her running mate. We asked eight of our columnists and contributors to assess the pick by rating Mr. Walz on two metrics: how much he’ll help Ms. Harris against Donald Trump and how much enthusiasm he’ll generate.

What excites you about the pick?

Josh Barro, author of the newsletter Very Serious Tim Walz is good on television, and his roots as a high school teacher and football coach from the rural Midwest will offer a good contrast to the Republican ticket. And he does no harm — what voter is open to Kamala Harris but finds Walz too off-putting to elect?

Charles M. Blow, Times columnist Walz made “weird” happen. His affable and relatable style on the campaign trail helped him distill the current conservative movement into a single word, “weird,” that has been a surprisingly effective attack line. He brings a plain-talking, labor-friendly, Midwestern appeal to the ticket. He is Joe Biden, 20 years ago.

Jane Coaston, contributing Opinion writer We have never had a defensive coordinator in the White House or on the campaign trail. Excited to hear how the 4-4 will work nationally.

Gail Collins, Times columnist Teacher and football coach!

Michelle Cottle, political writer for Opinion The guy looks natural rocking a camo baseball cap and grubby T-shirt — a big plus for a party that has trouble relating to regular folks. Plus, he clearly knows how to have fun in the attack-dog role without being the least bit nasty.

Liam Donovan, Republican strategist An affable character with an avuncular charm befitting a career teacher and coach. Walz’s background as a senior enlisted National Guardsman and his unique path to the governor’s mansion stand out in a sea of elites and strivers. Odd-couple pairing adds cultural and optical balance to the ticket.

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My wife isn't 'just' a stepmom to my son. He sees her as his other mom.

  • My wife has been in my son's life since he was 6 years old.
  • She has taken on a parental role, stepping in whenever I need extra help.
  • Even though she's his stepmom, my son considers her his other mom.

Insider Today

After Vice President Kamala Harris announced she was running for president, one criticism lobbed against her was that she is not a parent because she has never given birth to children. But she is the stepmother to her husband Doug Emhoff's two children.

Like Harris, my wife is a stepmother to my son.

I am no longer in a relationship with his father and have been in a new relationship for four years. My wife came into my son's life when he was 6 years old and quickly stepped into a parental role. It was a role she enthusiastically took on.

Although she didn't give birth to my son, my wife is absolutely his second mother.

My son and wife's relationship started friendly

My wife didn't immediately take an authoritative role or force him to treat her like a parent. At first, she was more like a grown-up friend — someone he knew he needed to respect, but someone who would take him on drives to get ice cream or let him pretend to drive her car while I was inside the grocery store.

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I was worried about parenting with another person all the time. As the primary parent, I wasn't used to dividing parenting duties . My wife was aware of that and always deferred to me as the primary parent.

But the bond between my son and my wife was instant. He had never met someone I was dating before, but he liked her immediately.

My wife has taken on more responsibility as a stepmom

Over the last four years, she's taken on more parental responsibility but never tried to act like she was more of a parent than myself or my son's father. She is a bonus mom, someone there to kiss him goodnight , help him with his homework, and love him unconditionally.

During the pandemic, my wife volunteered to take the lead in helping my son with virtual school so I could focus on work. She created a schedule for him, made him lunch, and ensured he kept up with assignments. When the playgrounds opened, she would take him to play, armed with a backpack full of whatever was needed.

I have gone on several overnight trips , leaving the two of them alone together. My son doesn't even call or text me when I'm gone because he's having so much fun hanging out with my wife. I never have to worry about him; I know my wife will make sure he takes a bath and goes to bed on time.

There are days when I will ask her to tag in and do the bedtime routine because I'm working or want a break, and she does it without question. My son knows that if he needs something, he doesn't have to come to me all the time.

Seeing my wife willingly step into a parental role with my son has strengthened our relationship. I knew I loved her almost immediately after we met, but seeing how my son responded to her made me more secure in my decision.

Sometimes, she still refers to him as mine, and I always remind her that she's his mom, too. We do everything as a team: school meetings, performances, birthday parties . Everyone knows us as his two moms, and there's no one else I could imagine doing this with.

My son now sees my wife as the missing piece to our family puzzle. He proudly claims her as his other mom.

"You're my mom too," my son will say when my wife calls herself his stepmom. He made that decision. My wife never wanted to force a close relationship on him, but he pushed for it.

Media has warped the perception of stepmoms

Popular media depictions of stepmoms are largely negative. The common trope is that they're evil.

For example, you have characters like Meredith Blake in the Lindsay Lohan version of "The Parent Trap," the Baroness von Schraeder in " The Sound of Music ," and, of course, the prototype: Cinderella's Evil Stepmother.

These women are always seen as temptresses who come in and seduce the father into marrying them before revealing they intend to get rid of his daughter so that she will be the only woman in his life.

Maybe there are stepmoms out there who fit this description, but by and large, stepmoms are there to be whoever their step kids want them to be.

I know that's exactly the role my wife plays, and my son and I are all the more lucky for it.

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