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बिजली बचाओ उन्नति लाओ पर निबंध – Save Electricity Essay In Hindi

बिजली बचाओ उन्नति लाओ पर निबंध – Save Electricity Essay In Hindi : आज के दौर में बिजली सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी हैं.

इसके लिए यह लाइन कही जा सकती हैं – “बिजली नहीं तो संपन्न जीवन नहीं.”  बिजली से ही हमारे सभी काम सरल बन पाते हैं. बिजली हमारे दैनिक जीवन की जरुरत का हिस्सा हैं.

इस निबंध का शीर्षक “बिजली बचाओ (save electricity HINDI essay)” हैं. यह निबंध सभी कक्षा के विधार्थियों के साथ साथ जनरल ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.

बिजली बचाओ उन्नति लाओ पर निबंध - Save Electricity Essay In Hindi

इस निबंध “save electricity essay” को हमने अलग अलग शब्द सीमाओं में बांटा हैं. इसके बाद हमने अलग से कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक्स के बारें में भी बताया हैं. इसलिए आप इस “bijli bachao essay”  को पूरा जरूर पढ़े.

बिजली बचाओ पर 250 शब्दों में निबंध

bijli bachao essay in Hindi : क्या आपने सोचा हैं कि हमें बिजली कि बचत क्यों करनी चाहिए ? जरा सोचिये! हमें हर पल और जीवन के हर क्षेत्र में बिजली की जरुरत होती हैं. एक समय था जब बिजली के बिना सभी काम हो सकते थे. लेकिन यदि आज पूरे संसार की बिजली को एक साथ बंद कर दिया जाये तो क्या होगा? शायद सभी काम ठप पड़ जायेंगे.

आज के दौर में बिजली से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, इंजीनियिरिंग, और दुसरे सभी तकनीकी के काम होते हैं. हॉस्पिटल में होने वाले ऑपरेशन, फेक्टरी में चलने वाली मशीनें, दफ्तरों में चलने वाले कंप्यूटर, पटरियों पर चलने वाली रेलें सभी बिजली का आनंद लेते हैं.

बिजली हमारे इतने सारे कामों को आसान बनाती हैं, क्या आपने कभी सोचा हैं कि क्या बिजली हमको हमेशा ऐसे ही मिलती रहेगी. शायद नहीं! क्योंकि बिजली का उत्पादन किया जाता हैं. हमारे पास बिजली का अथाह भंडार नहीं हैं. इसलिए बिजली हमेशा रहने वाली चीज नहीं हैं.

जैसे जैस पृथ्वी पर जनसँख्या बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही हैं. इसलिए बिजली का संरक्षण भी जरूरी हो जाता हैं. तो असली मुद्दा यह हैं कि बिजली को कैसे बचाया जाये?

बिजली को बचने के लिए क्या करें ?

save electricity essay in Hindi : बिजली एक उर्जा हैं और उर्जा संरक्षण हमारे छोटे छोटे प्रयास से ही संभव हैं. हमारे द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले विधुत उपकरणों के बारें में हमको बहुत सतर्क रहना चाहिए.

घर में चलने वाले पंखे, बल्ब, रेफ्रीजरेटर, एयर-कंडीशनर, वाटर हीटर, इलेक्ट्रॉनिक ओवन, माइक्रोवेव ओवन का उपयोग जरुरत के हिसाब से करना चाहिए.

वाटर हीटर, इलेक्ट्रॉनिक ओवन अत्यधिक मात्र में बिजली का दोहन करते हैं. इसलिए इनका उपयोग बहुत सिमित मात्रा में करना चाहिए.

दिन के समय में प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करना चाहिए.

बिजली बचाओ पर 500 शब्द में निबंध

essay on Bijli bachao in Hindi : संपन्न और आरामदायक जीवन जीने के लिए बिजली एक आवश्यक संसाधन हैं. बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन के साधन सिमित हैं. हमारे देश में बिजली कोयले और प्राकृतिक गैस के उपयोग से पैदा की जाती हैं.

बहुत से लोगो को इस बात का अहसास भी नहीं हैं कि प्राकृतिक कोयला और गैस गैर-नवीकरणीय साधन हैं. एक बार अगर ये संसाधन खत्म हो गए तो फिर इनको पुन: उत्पादित नहीं किया जा सकता. इसलिए इन संसाधनों का उपयोग सोच समझ कर और सिमित मात्रा में लिया जाना चाहिए.

आज के दौर में बिजली से ही मानव जाति का कल्याण संभव हैं. इसलिए हमें बिजली कि बर्बादी को रोकना होगा. अगर बिजली नहीं होगी तो दुनिया अँधेरे में डूब जाएगी. बिजली के प्रति लापरवाही न बरतते हुए और इसके महत्व को समझते हुए इसके पक्ष में कदम उठाने चाहिए.

बिजली की आवश्यकता

Bijli bachao in Hindi: हमको जीवन के लगभग हर क्षेत्र में बिजली की जरूरत पड़ती है. हमें सभी सुख सुविधाओं और सेवाओं से सम्पन्न आराम-दायक जीवन जीने के लिए भी बिजली की आवश्यकता है.

उदाहरण के लिए, हमारी सभी स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं बिजली से ही संभव हो पाती है. मान लो यदि बिजली नहीं होगी, तो सर्जन डॉक्टर अपनी सर्जरी नहीं करा पाएगा. इसके अलावा एक विधार्थी और उसकी शिक्षा के सामने कई सारी चुनौतियाँ खड़ी हो जाएगी.

इसी तरह, गैरेज में मोटर मैकेनिक और कारखाने में इंजीनियर भी पूरी तरह बिजली पर निर्भर रहते हैं. इसके अलावा, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर यात्री केवल बिजली के कारण सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं.

ट्रांसपोर्ट के विभिन्न साधन केवल बिजली पर निर्भर रहते हैं. जहाज, ट्रकें हमेशा हजारो टन का सामान एक स्थान से दुसरे स्थान तक लेकर जाते हैं. यह बिजली से ही संभव हो पाता हैं. बिजली हमारे आधुनिक जीवन को बढ़ावा देती हैं, और सभ्य बनाने में मदद करती हैं.

जब बिजली हमारे इतने सारे कामों को आसान बनाती हैं तो हमारा भी कर्तव्य बनता हैं कि हम भी इसका संरक्षण करें. लेकिन कैसे ?

बिजली कैसे बचाएं

Bijli Bachao Unnati Laao : सबसे पहले हम सभी को यह समझना चाहिए कि हमारे द्वारा उठाया गया छोटा सा कदम भी बिजली को बचाने के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा. यदि हम में से हर एक कोई काम न होने पर पंखा बंद करने की आदत डाल दे तो तो हज़ारों लाखों वाट की बिजली की बचत की जा सकती हैं.

इसी तरह से हम बिजली से होने वाले दुसरे काम एयर कंडीशनर, हीटर, ओवन, फ्रिज का जरुरत के हिसाब से उपयोग करना सीख जाये तो बहुत बड़ी मात्रा में बिजली की बचत कर सकते हैं.

बिजली को बचने के लिए प्राकृतिक प्रकाश का अधिक से अधिक उपयोग करने का प्रयास करें. सुबह और दोपहर को बेवजह रोशनी का प्रयोग नहीं करें.

हम सभी को अपने पुराने उपकरणों को बदलने की जरुरत है, क्योंकि पुराने उपकरण बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत करते है. इसलिए कुशल और पर्यावरण मित्र उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए.

हमेशा एक बात को याद रखे. उपयोग न होने पर बिजली के उपकरणों को अनप्लग करें. जब स्विच ऑफ होता हैं तब भी वह उपकरण कम से कम 10% प्रतिशत बिजली की खपत करता हैं. इसलिए बिजली बचाने के लिए इन मशीनों को सॉकेट से अनप्लग करें.

इनके अलावा अपने टीवी देखने के समय को कम करने का प्रयास करें. खुद भी टीवी कम देखे और घर के बच्चों को भी ज्यादा टीवी की लत न लगाये. इसी तरह डेस्कटॉप या कंप्यूटर के स्थान पर लैपटॉप का उपयोग करें. डेस्कटॉप, लैपटॉप की तुलना में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत करता हैं.

एयर कंडीशनर के बिना भी जीवन को जिया जा सकता हैं, इसलिए जहाँ तक सम्भव हो सके एयर कंडीशनर के प्रयोग से बचे.

अगर आप बिजली को बचाना चाहते हैं और उसके हित में कोई कदम उठाना चाहते हैं तो आप सोलर पैनल लगा सकते है. सोलर पैनल कि यह खासियत हैं ये किफायती होने के साथ साथ बहुत सारी ऊर्जा को बचाने में भी मदद करते हैं.

इसके अलावा जो कोई अपनी फेक्टरी या उद्योग को चलाते हैं उनको पवन चक्की लगनी चाहिए. पवन चक्की से उच्च क्षमता मेगावाट में बिजली का उत्पादन किया जा सकता हैं.

ऊपर आपने दो अलग अलग ‘बिजली बचाओ’ पर निबंध पढ़े. इन दोनों निबंधो में आपने जाना कि बिजली की आवश्यकता क्या है और बिजली को कैसे बचाए जाये?  लेकिन आपको यहाँ एक और चीज जानने की जरुरत हैं कि बिजली बचाने की जरुरत क्यों हैं?

हमें बिजली बचाने की जरुरत क्यों हैं?

save electricity in Hindi language : आपने यह लाइन जरूर सुनी होगी कि – “उर्जा को न तो बनाया जा सकता हैं न ही नष्ट किया जा सकता हैं.” लेकिन जिन स्रोतों से उर्जा का दोहन किया जाता हैं, उनके समाप्त होने की सम्भावना हैं.

ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से हमें बिजली की बचत करना करना जरूरी हो जाता हैं. हमारे पृथ्वी के पास प्राकृतिक संसाधन सिमित हैं. डीजल और कोयले से बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन किया जाता हैं.

कोयले को सीधे ही बिजली के उत्पादन में बड़े पैमाने पर उपयोग में लाया जा रहा हैं. इस कारण से कोयले का बड़े पैमाने पर ह्रास हो रहा हैं. तो जाहिर सी बात हैं कि अगर हम बिजली कि बचत करेंगे तो कोयले के भंडार थोड़े और अधिक समय तक चलेंगे.

प्राकृतिक संसाधनों सीमितता के कारण बिजली का संरक्षण जरूरी हैं अगर बिजली का संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी के सामने बिजली की समस्या खड़ी हो जाएगी.

बिजली को खर्च करने का शुल्क देना पड़ता हैं. अगर आप हमेशा एक यूनिट बिजली बचायेंगे तो इसका सकारात्मक असर आपकी जेब पर भी पड़ सकता हैं. इस कारण से भी बिजली को बचाना जरूरी हो जाता हैं.

घर पर बिजली बचाने के कुछ असरदार टिप्स

  • अगर आप घर पर इलेक्ट्रॉनिक ओवन का उपयोग करते है, तो कुछ तरीको से बिजली को बचा सकते हैं. जैसे कि –
  • एक खुले बर्तन की तुलना में केतली में ढककर पानी उबलना चाहिए.
  • जब खुले मुहं वाले बर्तन में कुछ पकाना हो हैं तो ओवन के सरफेस के बराबर बर्तन का उपयोग करें.
  • जब ओवन पर कुछ पक रहा होता हैं, तो उसको ढक-कर रखे.
  • खाना पकाते वक्त बर्तन को हटाने से पहले ही ओवन को ऑफ कर दे.
  • अगर आप घर में वाशिंग मशीन का उपयोग करते हैं तो आप कुछ तरीको से बिजली को बचा सकते हैं. जैसे कि –
  • वाशिंग मशीन की लोडिंग क्षमता के अनुसार स्टफ करें. हद से ज्यादा कपड़े लोड न करें.
  • आजकल वाशिंग मशीनों में गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध हैं, लेकिन गर्म पानी कि बजाय ठन्डे पानी का उपयोग करना चाहिए. गर्म पानी ठन्डे पानी की तुलना में डेढ़ गुना बिजली की खपत को बढ़ा देता हैं.
  • वाशिंग मशीन में इको मोड या परफेक्ट मोड का प्रयोग करें.
  • गहरे दाग को साफ़ करने के लिए कपड़ों को कुछ समय पहले पानी में भिगो कर रखे.
  • टॉप लोडिंग मशीन की तुलना में फ्रंट लोडिंग मशीन का प्रयोग करें.
  • अगर आप घर में रेफ्रिजरेटर का प्रयोग कर रहे हैं तो आप इन तरीकों से बिजली को बचा सकते हैं. जैसे कि –
  • गर्म भोजन या चीजों को फ्रिज में रखने से बचे, इससे फ्रिज का तापमान पुन: बढ़ जाता हैं. और नार्मल होने में और अधिक ईलेक्ट्रोसिटी की जरुरत होती हैं.
  • यदि आप पुराना फ्रिज का उपयोग कर रहे हैं तो इसको बदलकर एक उर्जा कुशल रेफ्रिजरेटर का प्रयोग करें.
  • रेफ्रिजरेटर को गर्म स्थान से दूर रखे, दरवाजे को जल्दी से बंद करें और जब जरुरत न हो तो रेफ्रीजरेटर को बंद कर अनप्लग दे.
  • यदि आप घर में ज्यादा वाट के उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप इन तरीको से बिजली को बचा सकते हैं. जैसे कि –
  • एक एयर कंडीशनर एक पंखे की तुलना में ज्यादा बिजली की खपत करता हैं. इसलिए पंखे को प्राथमिकता देनी चाहिए.
  • घरों में उच्च वाट के बल्बों और ट्यूबलाइट के स्थान पर सीएफ़एल और एलईडी बल्बों का प्रयोग करना चाहिए.
  • प्लग इन वाले उपकरणों के स्विच बंद करते वक्त इनके प्लग को सॉकेट से रिमूव कर दिया करे. जब तक प्लग सॉकेट के अन्दर रहता हैं तब तक कम से कम 10 प्रतिशत उर्जा का क्षरण कर रहा होता हैं.
  • आधुनिक तकनिकी पर आधारित उपकरणों का प्रयोग करें. चाहे वाहन हो या घर में इलेक्ट्रोनिक्स आइटम हमेशा नयी तकनीकी का पालन करे. नए उपकरण उर्जा की बचत और पर्यावरण के अनुकूल बनाये जाते हैं.

घर के बाहर बिजली की बचत कैसे करें

एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपका कर्तव्य हैं कि आप अपने गली मोहल्ले और गाँव-शहर में होने वाली गतिविधियों पर नज़र रखे. बस स्टैंड, रोड लाइट, स्ट्रीट लाइट या सरकारी कार्यालयों में अगर कही बिजली का दुरूपयोग हो रहा हैं तो आपको इसके खिलाफ बोलने का पूरा पूरा अधिकार हैं.

अगर कभी लोगो को जागरूक करने का मौका मिले तो उनको यह बताएं कि बिजली कि अहमियत क्या हैं और बिजली को बचाकर वे बिल के पैसे भी बचा सकते है और देश का भी योगदान कर सकते हैं. यह एक प्रकार की देश भक्ति ही हैं.

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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

water and electricity essay in hindi

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।

मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।

जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)

  • जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
  • पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
  • पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
  • मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
  • मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
  • जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
  • मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
  • सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें

जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)

पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Noise Pollution Essay
  • Nature Essay
  • India Of My Dreams Essay
  • Gender Equality Essay
  • Bhagat Singh Essay
  • Essay On Shivratri

जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं। 

गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।

जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)

पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।

जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।

जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक ​​कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।

इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।

जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)

जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।

पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।

दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।

इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।

जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)

जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

  • सामंजस्य और आसंजन

संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।

आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।

  • बर्फ का कम घनत्व

पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।

  • पानी की उच्च ध्रुवीयता

पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।

  • जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा

पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।

  • पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा

यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।

पानी की बर्बादी से बचें

हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
  • नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
  • अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
  • आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
  • बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
  • गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
  • स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
  • तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।

हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।

जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .

पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है

क्या पानी बनाया जा सकता है?

अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है

जल के स्रोत क्या हैं?

नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं

विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?

प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।

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बिजली के उपयोग पर निबंध-Essay on Importance of Electricity in Hindi

बिजली के उपयोग पर निबंध (essay on importance of electricity in hindi) :.

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भूमिका : विज्ञान ने मनुष्य को अनेक वरदान स्वरूप अविष्कार दिए हैं जिनमें से बिजली भी एक वरदान है। बिजली का आविष्कार करके वैज्ञानिकों ने हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है। हमारे जीवन में बिजली का बहुत उपयोग होता है। बिजली ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्त्रोत होता है जिसका प्रयोग अनेक कामों को करने के लिए किया जाता है।

बिजली को भाप या पानी से बनाया जाता है। बिजली वैज्ञानिकों के आविष्कारों की बहुत बड़ी नदी है जिससे यह दुनिया हैरान रह गई है। इसके बिना आधुनिक जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यह पूरा दिन मनुष्य के अनुसार काम करती है यह मनुष्य के लिए भोजन बनाती है, कमरे साफ कराती है और रात को दिन में बदल देती है।

बिजली आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है। आज के समय में घरों में बिजली का प्रयोग और अधिक बढ़ गया है। अगर थोड़ी बहुत देर के लिए बिजली चली जाती है तो बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। आज के आधुनिक जीवन में बिजली मनुष्य के जीवन की एक बहुत बड़ी जरूरत बन गई है जिसके बिना मनुष्य किसी भी काम को करने में सफल नहीं होता है।

बिजली से चलने वाले उपकरण :  हम बिजली चमत्कारों को चारों ओर आसानी से देख सकते हैं। आज के समय में हर घर में रोशनी, हवा, गर्मी, दूरी की वार्तालाप, समाचार सुनने के उपकरणों को देखा जा सकता है। आज हर घर में रोशनी करने और हवा देने के लिए उपकरण हैं जिससे हमारा जीवन आरामदायक बन गया है।

आजकल सडकों, दुकानों और घरों में रोशनी की व्यवस्था है। आज के समय में हम वो सब काम रात में भी कर सकते हैं जो सिर्फ दिन में किए जाते थे। पहले हम हवा के लिए मेहनत किया करते थे लेकिन आज पंखों के आविष्कार से हमारा जीवन और भी आरामदायक हो गया है। अब बिजली के प्रयोग से सर्दियों में भी गर्मी का आनंद ले सकते हैं।

बिजली के चूल्हों से खाना भी बनाया जाता है। बिजली से कपड़ों पर प्रेस भी की जाती है। बिजली की गर्मी से एक बहुत बड़ा फायदा होता है कि इससे कभी वायु प्रदूषण नहीं होता है। बिजली की वजह से तार और टेलीफोन जैसे साधन उपलब्ध कराये गये हैं। तारों और टेलीफोन के जरिए हम दूर-दूर तक अपने संदेश को भेज सकते हैं।

बेतर साधन की वजह से हम बिना तार के संदेश, फोटो भेजे जा सकते हैं। रेडियो से कहीं दूर होने वाले कार्यक्रमों को आसानी से सुना जा सकता है। बिजली का प्रयोग घर की औरतों के लिए एक वरदान की तरह सिद्ध होता है। रसोईघर में भी बिजली की मदद से खाना बनाया जाता है। कपड़े भी बिजली की मदद से धुल जाते हैं।

आजकल चटनी बनाने और मिर्च मसाले पीसने के लिए और जूस बनाने के लिए भी मशीनों का प्रयोग किया जाता है। आजकल घर-घर में कंप्यूटर को देखा जा सकता है वह भी बिजली के करण ही आया है। भारत अभी इतना विकसित नहीं हुआ है इसी वजह से घरों में कंप्यूटर बहुत कम दिखाई देते हैं। जब कंप्यूटर की उपयोगिता का पता चलेगा तो घरों में भी इसका प्रयोग अधिक होने लगेगा।

भारी मशीनों में उपयोग :  बिजली का प्रयोग भारी मशीनों में भी किया जाता है। बिजली का सबसे अधिक प्रयोग परिवहन में किया जाता है। बिजली की मदद से ट्राम और रेलगाड़ियों को भी चलाया जाता है। बिजली के इंजन बहुत शक्तिशाली होते हैं और इनमें से किसी प्रकार के धुएँ के निकलने से प्रदूषण नहीं होता है।

इन यंत्रों को अधिक गति से भी चलाया जा सकता है और धीमी गति से भी। बिजली के सहारे संसार में ओद्योगिक क्रांति आ गई है। आज के समय में भरी-भरी औद्योगिक मशीने बिजली से ही चलाई जाती हैं। इन भारी-भारी औद्योगिक  मशीनों से अनेक प्रकार की चीजें बनाई जाती हैं।

बिजली से बहुत भारी क्रेनें भी चलाई जा सकती हैं जो अधिक-से-अधिक बोझ को उठा सकती हैं। जो कारखाने बिजली से चलते हैं उनसे कभी वायु प्रदूषण नहीं होता है और दूसरे ऊर्जा के स्त्रोतों से यह बहुत सस्ती होती है। चिकित्सा के लिए भी बिजली का प्रयोग किया जाता है।

एक्स रे मशीनों को बिजली से चलाया जाता है जिससे रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है और डॉक्टर हमें यह बताने में सक्षम हो जाता है कि हमारे शरीर की कौन सी हड्डी टूट गई है और कौन सी हड्डी ठीक है। अगर बीमारी है तो सर्जरी के लिए उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

बिजली की वजह से ही वायलेट जैसी अनेक किरणों का उत्पादन हुआ है जो अनेक रोगों के इलाज में प्रयोग की जाती हैं। बिजली से चलने वाली मशीनों की वजह से ही दिल की धडकन रुक जाने पर उसे फिर से सक्रिय किया जा सकता है। बिजली कृषि में भी अपना योगदान दे रही है। बिजली से कृषि के लिए ट्यूब और कुएँ चलाने के उत्पादन में बहुत मदद करता है।

मनोरंजन का साधन :  बिजली की वजह से ही मनोरंजन के साधन उपलब्ध हो पाए हैं। बिजली की वजह से ही रेडियों, टेलीविजन, वी०सी०आर० जैसे साधनों को मनोरंजन के लिए बनाना संभव हुआ है। आज टेलीविजन की वजह से हम दूर किसी स्थान पर होने वाली महत्वपूर्ण घटना को आसानी से देख सकते हैं।

आज हम बहुत से खेलों जैसे- क्रिकेट, टेनिस, फुटबाल, कबड्डी, और वॉलीबाल का सीधा प्रसारण घर बैठे आसानी से देख सकते हैं। बिजली का प्रयोग मनुष्य की सभी गतिविधियों में किया जाता है। बिजली की वजह से हमारे सुख कई गुना बढ़ जाते हैं।

जो लोग निर्धन होते हैं उनके घरों में भी मनोरंजन की वस्तुएँ आसानी से देखी जा सकती हैं। लेकिन इन साधनों का प्रयोग केवल बिजली से ही किया जा सकता है अगर बिजली न हो तो इनका प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

उपसंहार :  बिजली का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है इसी वजह से इसके उपयोगों को गिनना बहुत अधिक कठिन है। बिजली ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र को बहुत ही प्रभावित किया है। आज के समय में बिजली के बिना शहरी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

बिजली का उपयोग घरेलू कामों में भी बहुत किया जाता है। हम इसका प्रयोग जितना चाहें उतना कर सकते हैं। बाजारों में बिजली से चलने वाले अनेक प्रकार के उपकरण मिल जाते हैं जिनका प्रयोग बहुत से घरों में किया जाता है। उपकरणों का प्रयोग व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह इनका प्रयोग कितना करता है।

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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दा इंडियन वायर

जल बचाओ धरती बचाओ पर निबंध

water and electricity essay in hindi

By विकास सिंह

save water save earth poster in hindi

जल मानव जाति के लिए सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन के पहले निशान पानी में पाए गए थे। हमारे ग्रह का लगभग 70% हिस्सा पानी से ढका है और पृथ्वी पर जीवन पानी के बिना असंभव है।

विषय-सूचि

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (200 शब्द)

हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में लेते हैं। जब से हम सुबह उठते हैं और जब तक हम रात में सोते हैं तब तक हमें पानी की आवश्यकता होती है और कई तरीकों से पानी का उपयोग करते हैं।

वास्तव में पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। लेकिन हर कदम पर हम इसे बहुत बर्बाद कर रहे हैं। हमें स्कूलों में पढ़ाया जाता है कि हमारे ग्रह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह सब हमारे उपयोग के लिए फिट नहीं है इसलिए हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।

हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है और फिर से हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। उपयोग न होने पर नल को बंद करने जैसे सरल कार्य, कपड़े धोने में पानी का पुन: उपयोग करने की कोशिश करना, शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।

अगर हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और यह केवल हम ही हैं जो इसे सबसे अधिक बर्बाद कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है।

save water save earth in hindi

पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

माँ प्रकृति ने हमें अपने कई उपहारों के साथ बहुतायत में दिया है और उनमें से एक तरल देने वाला जीवन है; पानी। हमारे पास कई रूपों में इतना पानी है कि हम प्रकृति के इस उपहार की सराहना करना भूल गए हैं। हम मानव इस अद्भुत उपहार का दुरुपयोग करने के बजाय दुरुपयोग कर रहे हैं। यह उच्च समय है कि हम महसूस करते हैं कि हमें अब जल संरक्षण की दिशा में कुछ गंभीर कदम उठाने होंगे। हमें पानी बचाना होगा ताकि भविष्य के लिए हमारे पास पर्याप्त हो।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ:

स्वच्छ जल अभी भी भारत के कई दूरदराज के क्षेत्रों में एक लक्जरी है। कई को अपने परिवार के लिए दो बाल्टी स्वच्छ पानी पाने के लिए हर दिन किलोमीटर तक चलना पड़ता है। दूसरी तरफ हम में से कई ऐसे हैं जो हर दिन निर्दयतापूर्वक पानी बर्बाद करते हैं। स्वच्छ पेयजल की पहुँच प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए।

हमें पानी के महत्व को समझना होगा और इसके अभाव से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए कि वे पानी का उपयोग बहुत समझदारी से करें और भविष्य के लिए बचत करें। हम स्वच्छ पानी को भी दूषित करते हैं जो इसे पीने के उद्देश्यों के लिए अयोग्य बनाता है। हमारी सरकार द्वारा पानी की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जल संरक्षण पर विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं, फिर भी कई पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं।

निष्कर्ष:

हम सभी जानते हैं कि पानी के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं रहेगा फिर भी हम इसे संरक्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाते हैं। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना हमारा कर्तव्य बन जाता है। अगर पानी नहीं होगा तो धरती से सबकुछ गायब हो जाएगा। न पौधे होंगे, न जानवर होंगे, न फसलें उगेंगी, और हम बच नहीं पाएंगे। इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब हम जागें और अपने कार्यों में संशोधन करें।

water and electricity essay in hindi

जल बचाओ धरती बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (400 शब्द)

हमारी धरती मां ने हमेशा हमारी रक्षा की है और हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हमें वह सब कुछ मिले जिसकी हमें जरूरत है। मानव जाति के हित के लिए सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। लेकिन दुख की बात है कि बदले में हमने इन संसाधनों का केवल शोषण और दुरुपयोग किया है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है जो सभी जीवन रूपों की आधारशिला है।

यह माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन का पहला रूप पानी में पैदा हुआ था। यह स्पष्ट तरल जीवित दुनिया की रीढ़ के रूप में चलता है। हमने इस संसाधन का न केवल दुरुपयोग किया है, बल्कि इसे दुर्लभ भी बना दिया है। हमने नदियों, समुद्रों को प्रदूषित किया है और भूमिगत जल के स्तर को भी बिगाड़ दिया है।

पानी बचाओ धरती बचाओ:

हम पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें महसूस करना चाहिए कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। शोध के अनुसार यह ज्ञात है कि पृथ्वी पर सभी पानी के ताजे पानी का केवल 1% है। हम इंसान इसे किसी भी चीज की तरह बर्बाद कर रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब पानी सोने जैसा महंगा होगा। ऐसे कई तरीके हैं जिनमें हम नीचे दिए गए पानी की बर्बादी में योगदान दे रहे हैं-

  • उपयोग में न होने पर नल को खुला छोड़ना।
  • जरूरत न होने पर लॉन और पार्कों में पानी छिडकाव करना।
  • पानी का पुन: उपयोग नहीं करना: अधिकांश पानी का पुन: उपयोग किया जा सकता है इसलिए बहुत अधिक बचत की जा सकती है।
  • नदियों और अन्य जल निकायों को प्रदूषित करना।
  • अनियोजित जल प्रबंधन।
  • वनों की कटाई से भूमिगत जल की हानि भी होती है।

हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी है, अगर पृथ्वी पर पर्याप्त पानी नहीं है तो हम जीवित कैसे रहेंगे। हम अपने दैनिक कार्यों में इतना पानी बर्बाद करते हैं जैसे कि कार, सब्जियां, कपड़े आदि धोना।

जल्द ही एक ऐसा समय आएगा जब हमारे अस्तित्व के लिए बहुत कम या कोई पानी नहीं होगा। पहले से ही बहुत कम पानी है जो उपयोग करने के लिए फिट है और शेष को भस्म होने से पहले शुद्धिकरण की एक लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। हमें ऐसे तरीकों की आवश्यकता है जहां पानी का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए।

यह सही समय है कि हम महसूस करते हैं कि हम अपने लिए एक बहुत बड़ी समस्या पैदा कर रहे हैं और परिणाम ऐसा होगा कि हम उनसे निपटने में सक्षम नहीं होंगे। पानी के बिना पूरा जीवित राज्य मर जाएगा और जल्द ही हमारे पास बंजर धरती होगी। धरती माता को बचाने के लिए पानी को जगाओ और बचाओ।

water and electricity essay in hindi

पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (500 शब्द)

हमारी माँ प्रकृति ने हमें कई उपयोगी उपहारों से नवाज़ा है और पानी उनमें से एक है। हमारे पास पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पानी की आपूर्ति उपलब्ध है और प्रकृति इसके उपयोग के लिए कोई शुल्क नहीं लेती है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि हम मनुष्य के रूप में यह महसूस नहीं करते हैं और इस उपहार को ग्रहण करते हैं।

हम प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करते हैं, हम जल निकायों को प्रदूषित करते हैं, और हम इस अद्भुत उपहार का दुरुपयोग करते हैं। इस दुनिया में अभी भी कई गाँव हैं जहाँ लोग कई किलोमीटर ऊपर चलते हैं और रोज़ाना ताज़े पानी का उपयोग करते हैं। हम जानते हैं कि पानी हमारे अस्तित्व के लिए अत्यधिक आवश्यक है, फिर भी हम इसके दुरुपयोग को रोकने में विफल हैं। नतीजा यह है कि दिन-ब-दिन ताजा पानी दुर्लभ होता जा रहा है और इससे हमारे अस्तित्व को बड़ा खतरा है।

पानी बचाने का महत्व:

इस तथ्य में कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा हम नहीं जी पाएंगे। जल इस पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए आधार और नींव है। हालाँकि हमें लगता है कि पृथ्वी पर पानी पर्याप्त है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि पानी एक असीम संसाधन नहीं है। अगर हम जल्द ही पानी के संरक्षण के प्रयास नहीं करेंगे तो मीठे पानी की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और हमारे नागरिकों के लिए भी जल संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।

पानी के संरक्षण से हमारे समाज पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। ताजे पानी की भूमिगत आपूर्ति की निकासी में शहरीकरण के परिणाम में वृद्धि। इससे खेती और सिंचाई आदि जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए कम पानी उपलब्ध होता है।

यदि हम पानी का संरक्षण करते हैं तो हम अपने खेतों के लिए पर्याप्त पानी रख पाएंगे और फसलें बेहतर होंगी। पानी बचाने का मतलब यह भी नहीं है कि पेड़ों को काट दिया जाए क्योंकि जड़ें भूमिगत जल की मेज पर टिक जाती हैं। पानी बचाने के प्रयास में हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और बदले में हम एक हरियाली पैदा करेंगे।

अगर हमें पानी बचाना है तो हमें जलस्रोतों की भी रक्षा करनी होगी। नदियों और समुद्रों में हमारे द्वारा होने वाले प्रदूषण की मात्रा खतरनाक रूप से अधिक है और यह जलीय जीवन को मार रही है। हमें जल प्रदूषण को तुरंत रोकना चाहिए और हमारे द्वारा प्रदूषित नदियों को साफ करने का प्रयास करना चाहिए। एक अच्छा जलीय पारिस्थितिकी तंत्र हमारे लिए एक बेहतर ग्रह बना देगा। पानी का संरक्षण भी पृथ्वी ग्रह पर जीवन में एक उचित संतुलन सुनिश्चित करेगा।

हमें महसूस करना चाहिए कि हालांकि हमारे पास प्रकृति द्वारा पानी की मुफ्त आपूर्ति है, लेकिन यह जिम्मेदारी की एक बड़ी लागत के साथ आता है। पानी बचाने को लेकर बहुत बड़ा अभियान है लेकिन हम कभी इस पर ध्यान नहीं देते हैं। इस देश के नागरिकों के रूप में हमें अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को जल संरक्षण के महत्व के बारे में सिखाना चाहिए। ज्ञान को पास करना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य को बचाया जा सके। अगर हमने समय पर बचत शुरू नहीं की तो जल्द ही ताजा पानी खत्म हो जाएगा और हम मर जाएंगे।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (600 शब्द)

हर दिन हम पानी बचाने के विज्ञापनों और अभियानों को सुनते हैं। हमारे आस-पास हर कोई हमारे लिए चिल्ला रहा है लेकिन क्या हम वास्तव में सुन रहे हैं। क्या हमने कभी इस समस्या के बारे में गंभीरता से सोचा है? पानी सबसे कीमती मुफ्त उपहारों में से एक है जो प्रकृति ने हमें प्रदान किया है।

हम अपने आसपास हर जगह बहते पानी की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति करते हैं और हम इसे प्राप्त करने के लिए अपनाते हैं। पानी हमारे अस्तित्व के लिए अत्यधिक आवश्यक है और संपूर्ण जीवित राज्य इस पर पूरी तरह निर्भर करता है। जल का अपव्यय विश्व भर में सबसे आम समस्याओं में से एक है।

मनुष्य दैनिक आधार पर बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करता है और यह अब प्रमुख चिंताओं में से एक बन गया है। इस दिशा में कई अभियान शुरू किए गए हैं लेकिन वे उतने उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं जितने होने चाहिए। हमारी सरकार ने भी पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शुरू की हैं, लेकिन जब तक हम लोगों को समस्या की गंभीरता का एहसास नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं होगा।

जल अपव्यय का प्रभाव:

पानी की बर्बादी का हम पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। हम दिन-प्रतिदिन तरल देने वाले बहुमूल्य जीवन को खो रहे हैं। पानी की बर्बादी का एक बड़ा प्रभाव यह है कि पानी की मेज कम हो रही है। पानी की मेज भूमिगत पानी की मात्रा है जो एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पानी की बर्बादी भी कृषि गतिविधियों को नुकसान पहुंचाती है। हम जानते हैं कि पानी फसल की खेती के प्रमुख हिस्सों में से एक है। अच्छी फसल के लिए उचित सिंचाई बहुत ज़रूरी है इसलिए अगर हम पानी बर्बाद करते हैं तो किसानों को इस्तेमाल करने के लिए बहुत कम पानी बचा है।

बहुत अधिक अपव्यय भी व्यक्तिगत उपयोग के लिए बहुत कम पानी बचा है। हमें अपने दिनभर के कामों के लिए पानी की जरूरत होती है। पर्यावरणविदों की मानें तो जल निकायों का प्रदूषण भी एक प्रमुख चिंता है। हम कीमती जलीय जीवन भी खो रहे हैं। पानी को बर्बाद करके हम प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन को भी बिगाड़ रहे हैं।

पानी को संरक्षित करने के तरीके:

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचाने के लिए अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

ब्रश करते समय नल बंद कर दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका उपयोग करें। शावर की बजाय बाल्टी से स्नान करें, इससे बहुत सारा पानी बच सकता है। आपके घर में जो भी पानी का रिसाव है उसे ठीक करें। हाथ धोते समय नल बंद कर दें।

कपड़े धोने में जो पानी आपने इस्तेमाल किया है, उसका दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश करें। साबुन के पानी का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। धोने वाली कारों में कम पानी का उपयोग करें। सब्जियों को धोने के लिए कम पानी का उपयोग करें।

लॉन की नली को ज्यादा देर तक न चलने दें। जल निकायों को प्रदूषित न करें। एक पेड़ लगाओ, यह बहुत उपयोगी होगा। बिजली का संरक्षण करें क्योंकि कई बिजली संयंत्र पनबिजली पर चलते हैं। इसलिए बिजली बचाने से आपको बदले में पानी बचाने में मदद मिलेगी।

हालाँकि हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि पानी की बर्बादी गलत है लेकिन हम में से बहुत कम लोग इसे गंभीरता से लेते हैं। हमें जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा और हमें पानी की बचत के लिए कदम उठाने चाहिए। इतना ही नहीं, हमें अपने बच्चों को उनके छात्र जीवन में संरक्षण के महत्व के बारे में भी सिखाना चाहिए ताकि वे अपना भविष्य बचा सकें।

पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (1000 शब्द)

माँ प्रकृति द्वारा दिए गए सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है पानी। यह न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि इस ग्रह पर सभी जीवित प्रजातियों के अस्तित्व के लिए एक आवश्यकता है। यह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए एक रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।

जीवन का समर्थन करने के अलावा, पानी एक माध्यम के रूप में भी काम करता है जो जैव विविधता को पनपने और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। हमें भाग्यशाली महसूस करना चाहिए कि पृथ्वी एकमात्र ज्ञात ग्रह है जिसमें पानी और ब्रह्मांड में जीवन के सभी ज्ञात रूप हैं।

यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि वे चीजों को ग्रहण करना शुरू कर देते हैं और यही बात इस बहुमूल्य प्राकृतिक उपहार के साथ भी हुई है। लोग अंतिम परिणाम के बारे में सोचे बिना अपने दैनिक कार्यों के दौरान बहुत अधिक पानी बर्बाद करते हैं। मीठे पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं और यदि हम अभी नहीं जागे हैं तो हमें कार्य करने में बहुत देर हो सकती है। इस प्रकार यह महत्वपूर्ण है कि हम पानी के संरक्षण के लिए कठोर कदम उठाएं और अपने ग्रह को बंजर होने से बचाएं।

पानी क्यों बचाएं:

यह एक सामान्य प्रश्न है कि जब हमें पहले से ही महासागरों, समुद्रों, नदियों, झीलों आदि जैसे विशाल जल निकायों को पानी की बचत करनी चाहिए, तो हम पूरी तरह से स्वीकार करते हैं कि पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढंका है, लेकिन वास्तविकता यह है कि केवल 1% यह मानव उपभोग और उपयोग के लिए फिट है। इसके अलावा, ताजा और साफ पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं और जो उपलब्ध हैं वे भी प्रदूषण और प्रदूषण से ग्रस्त हैं।

एक और मुद्दा बढ़ती जनसंख्या है जो स्वच्छ पेयजल के स्रोतों पर असाधारण रूप से उच्च मांग उठाती है। तेजी से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण ने पानी के इन स्रोतों पर भी दबाव डाला है। इन सभी कारकों ने भूजल स्तर में गिरावट और जल निकायों के प्रदूषण के लिए अग्रणी उच्च मांगों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में झुलसा देने वाली बारिश और सूखे ने समस्या को और बढ़ा दिया है।

अगर ये चीजें बिना किसी नियंत्रण के चलती रहीं तो बहुत जल्द दुनिया में पानी का भारी संकट हो सकता है। भविष्य में इस मुद्दे का पूर्वानुमान लगाते हुए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम खुद ही कार्रवाई करना शुरू कर दें। यह महत्वपूर्ण है कि हम लोगों को पानी की कमी के दुष्प्रभाव और हमारे ग्रह और जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूक करें।

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी कितना महत्वपूर्ण है:

पानी पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पानी के कारण ही पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है। ब्रह्मांड में पानी दुर्लभ वस्तु है और जहां भी यह मौजूद है वहां निश्चित रूप से जीवन के कुछ रूप होंगे। यह पानी के कारण है कि जीवन पृथ्वी पर और कहीं और पनपा है।

अन्य ग्रहों पर पानी खोजने के लिए कई स्थान अभियान शुरू किए गए हैं क्योंकि यह माना जाता है कि अगर पानी है तो जीवन की संभावना भी हो सकती है। मानव शरीर में 57-60% पानी होता है और हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि पानी की कमी इंसान के सामान्य स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकती है। पृथ्वी पर सभी प्रजातियाँ पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं और यदि पृथ्वी पर पानी उपलब्ध नहीं होगा तो यह हमारे सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तरह बंजर भूमि भी बन सकती है।

पानी की बचत धरती को कैसे बचाएगी:

अल्प वर्षा और सूखे के कारण दिन-प्रतिदिन ताजा जल स्रोत घट रहे हैं। नदियों और झीलों में मौजूद पानी का उपयोग शहरी आबादी की मांगों को पूरा करने में भी किया जा रहा है। जल निकायों के प्रदूषण और प्रदूषण ने मानव उपभोग के लिए कई जल स्रोतों को अनुपयुक्त बना दिया है।

अगर इन चीजों को नियंत्रित नहीं किया जाता है और पानी के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो यह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर देगा। पानी के संरक्षण से हमें कई तरह से लाभ होगा और उनमें से कुछ नीचे वर्णित हैं:

पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करें:  पानी का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के लिए ताजे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। यह पृथ्वी पर मनुष्यों के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के अस्तित्व को बनाए रखने में मदद करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखेगा।

भूजल की पुनः पूर्ति करें:  प्रकृति के पास अपने संसाधनों को फिर से भरने का अपना तरीका है। पानी की बचत से भूजल पर दबाव कम हो जाएगा जिससे वर्षा और भूमिगत जल नदी धाराओं द्वारा धीरे-धीरे फिर से भरने में मदद मिलेगी।

वनस्पति का समर्थन करें: भूजल में वृद्धि से वनस्पति को बनाए रखने में मदद मिलेगी जो पौधों और पेड़ों की तरह प्रमुख रूप से भूजल पर निर्भर करती है। पृथ्वी पर उपलब्ध अधिक वनस्पति इस प्रकार पानी के चक्र को संतुलित करने से पृथ्वी पर अधिक पानी को रखने में मदद करेगी।

वंचित क्षेत्रों को पानी की उपलब्धता कराना:  जितना अधिक हम पानी का संरक्षण करते हैं, उतना ही यह उन क्षेत्रों के लिए उपलब्ध हो जाता है जो पानी की आपूर्ति से वंचित हैं, जिससे आबादी को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच बनाने में मदद मिलती है। दूषित जल के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए स्वच्छ जल तक पहुंच भी मदद करेगी।

हम विभिन्न तरीकों से पानी की बचत कर सकते हैं और इसके लिए वास्तव में माँ प्रकृति की जिम्मेदारी और देखभाल की आवश्यकता है। एक साथ उठाए गए हमारे छोटे कदमों से न केवल हमें फायदा होगा, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पृथ्वी को रहने के लिए बेहतर जगह बनाएगा। हमें पानी को बचाने की आदत डालनी चाहिए और न केवल अपने घरों में बल्कि अपने इलाकों, समाज कार्यालयों आदि में भी इसकी बर्बादी से बचना चाहिए।

हमें जल बचाओ, पृथ्वी बचाओ के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और लोगों को यह एहसास कराना चाहिए कि पानी की कमी हमें और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित कर सकती है। यदि हम कारण के लिए एक साथ एकजुट होते हैं और पानी की बचत की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो दुनिया में पानी की कमी नहीं होगी और सभी को सुरक्षित और साफ पानी तक पहुंच होगी।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Short Essay on Importance of water in Hindi

जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Essay on Importance of water in Hindi

इस लेख में आप जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे (Short essay on importance of water in Hindi) पढ़ सकते हैं। पानी का महत्व हमारे जीवन मे कितना है इस लेख को पढ़ कर आप जान सकते हैं। यह निबंध 1000 शब्दों मे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। छोटे बच्चे भी इससे एक लघु निबंध बना कर लिख सकते हैं। आई जानते हैं जल ही जीवन क्यों है ?

प्रस्तावना Introduction (जल के महत्व पर निबंध – 1000 Words)

मनुष्य जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है। जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है। जल के कारण ही आज मनुष्य जाति पृथ्वी पर विकसित हो सकी है। मनुष्य, पशुओं, पेड़-पौधों सभी को जल की जरूरत है।

यदि पृथ्वी से जल समाप्त हो जाए तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएंगे क्योंकि सभी जीव जंतु जल का उपयोग करते हैं। यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है।

पढ़ें: जल है तो कल है पर निबंध

मनुष्य जीवन मे जल का महत्व Importance of water in human life

मनुष्य के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना भोजन किए मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल पिए वह 3 दिन में ही मर जाएगा। हम सभी लोगों को प्यास लगती हैं और प्यास बुझाने के लिए जल का प्रयोग करते हैं।

रासायनिक कचरे को नदियों झीलों तालाबों में बहाया जा रहा है जिससे जल दूषित हो रहा है। हमें इसे रोकने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।

स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व Importance of water to stay healthy

मनुष्य के शरीर में 65 से 80% तक जल पाया जाता है। रक्त में 7% जल होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। दूषित जल पीने से पीलिया, गैस, संक्रामक रोग, चेचक , पेचिश, दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। दस्त के रोग में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए ओआरएस (ORS) का घोल रोगी को दिया जाता है।

पेड़-पौधों के लिए जल का महत्व Importance of water for plants

हम जितनी प्रकार की सब्जियां फल खाते हैं वह सभी पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत आवश्यक है। बिना पानी के सभी पेड़ पौधे सूख जाएंगे और कोई फसल नहीं होगी।

पशु पक्षी और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व Importance of water for animals and birds

जल संरक्षण के उपाय how to conserve water.

जल एक कीमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। सभी टंकियों को ठीक कराना चाहिए जिनसे लगातार पानी गिरता रहता है। नहाते समय बहुत अधिक पानी नष्ट नहीं करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए।

वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना चाहिए और उसे किसी टैंक या तालाब में एकत्रित करना चाहिए। वाहनों गाड़ियों और घर की सफाई करते समय जल बहुत अधिक नष्ट नहीं करना चाहिए। दूषित पानी को नदियों तालाबों जिलों में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे जल दूषित होता है और उसके अंदर के मछलियाँ और दूसरे जीव जंतु मर जाते हैं।

जल के महत्व पर 10 पंक्तियां 10 Lines on importance of water इन importance of water in Hindi

निष्कर्ष conclusion.

इस लेख के अंत मे हम यही कह सकते हैं की जल का हमारे जीवन मे बहुत बड़ा महत्व है। इसे जितना हो सके हमें बचाना होगा। जल संरक्षण के नए तकनीक निकालने होंगे जिससे मनुष्य भुजल को संरक्षित कर सकें। हमें स्वयं ही जल के महत्व को समझ कर अपने घर से इस मुहिम का शुरुआत करना होगा जिससे हम अपने अमोल पानी को बच सकें।

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

Save Water Essay

Essay on Save Water in Hindi ( 200 words )

जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।

जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

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Save water Essay in Hindi 300 words

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता । जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इस की एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत जरूरी है । धरती पर वैसे तो जल का 70% प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सके उतना 1% प्रतिशत जल है । अत: में हमें जल को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए ।

हमें जल क्यों बचाना चाहिए

आपने यह स्लोगन तो सुना ही होगा कि “जल है तो कल है” यदि जल ही खत्म हो गया तो हमारा कल भी खत्म हो जाएगा। धरती पर अगर इंसानों को जिंदा रहना है, तो जल अवश्य बचाना होगा । पानी के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारे ग्रहों पर research किया, मगर सभी ग्रहों में से सिर्फ पृथ्वी में ही पानी है । भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पानी के लिए लंबी दूरी (लगभग 4 किमी। से 5कि.मी.) तय करनी पड़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर पानी की कमी है, Example=दुबई । दुबई एक ऐसा देश है, जहां पर पानी प्रति लीटर 100 रुपए में बिकता है । ऐसी ही स्थिति आने वाले कुछ ही समय में भारत की भी हो सकती है ।

जल को कैसे बचाना है-

1. पानी का दुरुपयोग कम करना पड़ेगा, जितने पानी की जरूरत है, उतना ही पानी यूज करना है । बर्तन धोते समय या फिर ब्रश करते समय पानी का जितना हो सके उतना कम उपयोग करना है ।

2. गाड़ी, हौंडा या फिर कोई भी दूसरे साधन को पाइप लाइन के द्वारा धोते समय पानी का उपयोग कम करना है । इसके लिए पाइप की जगह बाल्टी का यूज कर सकते हैं ।

3. जहां पर भी आपको नल खुला हुआ दिखे, तुरंत ही उस समय नल को बंद कर दीजिए । या फिर आपको कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करता दिखे, तो उसे पानी का महत्व समझाइए‌‌।

4. वॉशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े धोने से अच्छा है, तीन-चार दिन के बाद कपड़े इकट्ठे होने पर वॉशिंग मशीन में साफ करें ।

5. नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें, क्योंकि इससे पानी की काफी बचत होगी ।

Jal Sanrakshan Par Nibandh ( 400 words )

जल प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया एक अनमोल तोफहा है, जिसका मूल्य लगाना बहुत कठिन है| जल के बिना जीवन का कोई महत्त्व नहीं, न ही कोई अस्तित्व है, फिर चाहे वो जीवन पशुओ का हो या मनुष्यों का । किन्तु आधुनिक युग में आदमी की लापरवाही ने धरती पर जल की कमी जैसी समस्या को उत्पन्न कर दिया है, जिसके भयंकर परिणामस्वरूप आज कई इलाके सूखाग्रस्त है एवं पीने योग्य पानी के लिए तरस रहे है ।

पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है, किन्तु पीने योग्य पानी की मात्र बहुत कम है । मनुष्य अपनी नियमित गतिविधियों के चलते नहाने, धोने, भोजन बनाने आदि में इतना जल बर्बाद करता है, जिसका कोई हिसाब नहीं है ।

जल सरंक्षण का अर्थ ( Meaning of Jal Sanrakshan ):

जल सरंक्षण का साधारण अर्थ है, किसी भी भांति जल को बचाना । आप खुद ही सोचे कि धरा पर केवल ३% जल पीने लायक है, इससे ज्यादा चिंताजनक बात और क्या हो सकती है । विशेषज्ञों के अनुसार यदि जल सरंक्षण के उपाय नहीं किये गए एवं इसी प्रकार जल की बर्बादी चलती रही तो अगला विश्व युद्ध जो होगा वो जल के ऊपर एकाधिकार करने के लिए होगा, जिसमे मनुष्य का विनाश निश्चित है ।

जल सरंक्षण के उपाय:

पानी को बचाने के लिए सर्वप्रथम तो सभी लोगो के भीतर जागरूकता एवं जल की बढती कमी के प्रति चिंता का उत्पन्न होता अति आवश्यक है । मनुष्य ने अपनी भूलो के कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुचाया है, इसलिए यदि वह आने वाली पीढियों के अस्तित्व को बचाना चाहता है, तो उसे निम्न उपाय करने चहिये:-

• रोजमर्रा के कार्य जैसे कपडे धोना, बर्तन धोंना, खाना बनाना आदि में कम से कम जल की खपत करे । • शौच के लिए बरसात के पानी या खारे पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । • पौधों को पानी देने के लिए पाइप के अलावा फुहारे वाली बाल्टी का इस्तेमाल करे । • पानी की रिसाव एवं टपकने की समस्या का भी शीघ्र समाधान हो एवं बरसात के पानी को इकठा करने के उपाय किये जाये ।

जल सरंक्षण हम सबका कर्तव्य है, ये केवल सरकार या एक संस्था का दायित्व नहीं । क्योकि:-

“ये जल है, अमृत है, ये जल ही जीवन है, इसकी बूंदों का मूल्य चुकाना कठिन है” ।

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Essay on Global Warming in Hindi

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बिजली पर निबंध । Essay on Electricity in Hindi

Essay on Electricity in Hindi, बिजली पर निबंध

बटन के दबाते ही उर्जा से प्रकाश हो जाता है और पंखे चलने लगते हैं। इन दो लाभों के अतिरिक्त और भी अनेक लाभ हैं, जैसे बिजली की सहायता से हम बेतार के तार का उपयोग करते हैं। टेलीफोन बिजली की सहायता से काम करता है।

बिजली की सहायता से काम करने वाले टेलीफोन से शीघ्र संवाद भेज सकते हैं और पा सकते हैं। बिजली का उपयोग घरों से लेकर उद्योगों तक, खेतों से लेकर सेवाएं तक हर क्षेत्र में किया जाता है।

इसके माध्यम से समाज के विभिन्न वर्ग और सेक्टर को विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। बिजली का अभाव जीवन के कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए उसका सही तरीके से प्रबंधन और उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विभिन्न क्षेत्रों में बिजली का उपयोग कई तरीकों से हो रहा है, जिससे समाज के विभिन्न संरचनाओं और उद्योगों को उत्थान और सुधार का अवसर मिलता है।

बिजली का उपयोग

आजकल उर्जा (Electricity) के कारण रेलगाड़ियाँ अब तेजी से चल सकती हैं। यह उदाहरण स्पष्ट करता है कि उर्जा (Electricity) ने आने-जाने के समय में बहुत सुधार किया है और लोगों को दूरियों को कम करने में मदद कर रही है। विभिन्न राष्ट्र अब एक-दूसरे के बहुत नजदीक आ गए हैं और इसका श्रेय बिजली को जाता है। गर्मियों में हम बिजली की सहायता से कमरों को ठंडा कर सकते हैं और सर्दियों में उन्हें गरम कर सकते हैं। यह एक आरामदायक और आवश्यक सुविधा है।

चिकित्सा के क्षेत्र में भी बिजली बेहद महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से ही विभिन्न रोगों के इलाज के उपाय निकाले जाते हैं। एक्स-रे के द्वारा रोगों का ठीक डायग्नोसिस किया जाता है और इससे उचित उपचार शुरू किया जा सकता है।

उर्जा (Electricity) उद्योगों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके माध्यम से विभिन्न उद्योगों और कारख़ानों में बड़ी-बड़ी मशीनें चलती हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है। यह उद्योगों के विकास में बड़ी भूमिका निभाती है और रोजगार के अवसर प्रदान करती है।

उर्जा (Electricity) के बिना जीवन अब संभावित नहीं है। यह हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, चाहे वह रेलगाड़ियाँ हों, चिकित्सा, उद्योग या मीडिया। इसलिए, बिजली विकास का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे जीवन का आवश्यक हिस्सा बन चुकी है।

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हमारे जीवन में बिजली के उपयोग के प्रकार –

घरेलू उपयोग.

आज हमारे घर पर उपस्थित उपकरण बिजली के बिना काम नहीं कर सकते। फ्रिज, एसी, टीवी, ट्यूबलाइट, डिशवॉशर, ड्रायर आदि इन सभी उपकरणों को बिजली की मदद से ही संचालित किया जाता है। ये उपकरण जीवन को आसान और सुखद बनाते हैं।

परिवहन उपयोग

हमारी यातायात व्यवस्था भी बिजली पर निर्भर करती है। किसी भी प्रकार के यातायात साधन, चाहे वह रेल, बस, वाहन या हवाई जहाज़ हो, उनका संचालन बिजली से ही होता है।

औद्योगिक उपयोग

उद्योगों में भी बिजली अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उद्योगों की विभिन्न प्रक्रियाओं और मशीनों को संचालित करने के लिए बिजली का सहारा लिया जाता है। यदि बिजली की आपूर्ति रुक जाए, तो इससे उद्योगों को भारी नुकसान हो सकता है।

व्यावसायिक उपयोग

बिजली व्यावसायिक सेक्टर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बैंकिंग, अस्पताल, रेस्तरां, ब्यूटी पार्लर, स्कूल और कालेज आदि में उपयोग होती है।

भारत में बिजली का विकास

आज भारत में 1,70,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एक मजेदार तथ्य यह भी है कि दुनिया भर में बिजली की मांग के बावजूद भारत देश बिजली की खपत सबसे कम करता है। यह विभिन्न राज्यों में विद्युतीकरण की अभाव को दर्शाता है और उन्हें सकारात्मक दिशा में बदलने के लिए अभ्यर्थना करता है।

बिजली से चलने वाले उपकरण

हम उर्जा का उपयोग विभिन्न उपकरणों को चलाने के लिए होता है। इनमें से कुछ उपकरण घरेलू उपयोग के लिए होते हैं जैसे कि पंखे, बिजली स्टोव, और वाटर हीटर। ये उपकरण जीवन को आसान और सुखद बनाते हैं।

भारी मशीनों में उपयोग

बिजली का उपयोग भारी उद्योगों और मशीनों को संचालित करने के लिए किया जाता है। यह शक्ति उत्पादन और उपयोग को अत्यधिक सरल बनाती है। उदाहरण के लिए, बिजली उद्योगों में बड़ी मशीनें, उद्यमिताएं और कारख़ाने शामिल होते हैं।

मनोरंजन का साधन

इसका उपयोग मनोरंजन के क्षेत्र में भी होता है। यह घरेलू उपयोग के बाहर, जैसे कि सिनेमा और थिएटर में भी होता है। इससे वीडियो गेम्स, टेलीविजन शोज और फिल्में चलती हैं जो मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं।

इस रूप से, बिजली विभिन्न क्षेत्रों में हमारे जीवन को सुधारने और सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान करती है। यह विभिन्न उपकरणों को चलाने, उद्योगों को उत्पादन में मदद करने और मनोरंजन के रूप में हमें समृद्ध बनाती है।

बिजली बचाने के 10 उपाय

बिजली बचाने के लिए निम्नलिखित 10 उपाय हैं:

  • LED बल्ब का उपयोग करें: LED बल्ब्स कम बिजली खपत करती हैं और दीपावली जैसे त्योहारों के लिए अच्छे विकल्प होती हैं।
  • उपयुक्त विद्युत संसाधनों का इस्तेमाल करें: विद्युत उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा और वायु ऊर्जा का उपयोग करें।
  • स्मार्ट व्यवस्थाओं का अनुसरण करें: स्मार्ट मीटर्स, वक्तरंजीवी स्विचेस, और उचित समय पर बिजली उपयोग करने के लिए तरीकों का अनुसरण करें।
  • वर्गीकरण वस्त्र का उपयोग करें: उचित वस्त्र पहनने से ठंडक महसूस होती है और उन्हें आराम से सेट करने की आवश्यकता नहीं होती।
  • वर्गीकरण उपकरणों का उपयोग करें: Star rated या energy efficient उपकरणों का इस्तेमाल करें।
  • उपयुक्त विद्युतीय उपकरणों का इस्तेमाल करें: केवल उपयुक्त और अच्छे स्थिति में विद्युतीय उपकरणों का उपयोग करें।
  • बिजली को व्यायमित रूप से बंद करें: उपयुक्त नहीं रहने वाले उपकरणों को बंद करें ताकि वे विद्युत न खपत करें।
  • सूर्यास्त का उपयोग करें: दिन के समय सूर्यास्त का उपयोग करने से बिजली बचाई जा सकती है।
  • अनव्यावसायिक समय में उपयोग न करें: उचित समय पर विद्युत का उपयोग करने से बिजली बच सकती है।
  • अपशिष्ट बिजली का उपयोग करें: अशिष्ट बिजली उपयोग करने के लिए उपकरणों को चुका दें और उन्हें अवस्थित करें।

ये छोटे उपाय आपको उर्जा बचाने में मदद कर सकते हैं और आपके घर का विद्युत खपत कम कर सकते हैं।

बिजली का सही ढंग से उपयोग करना हमें पैसों की बचत करने के साथ-साथ पर्यावरण की देखभाल करने में भी मदद करता है। बिजली की अधिक खपत से विद्युत उत्पादन में अधिक चालू का उत्पन्न होता है, जिससे वायु प्रदूषण और ऊर्जा संसाधनों का अत्यधिक उपयोग होता है।

डिशवाशर में बर्तन न धोकर हाथों से धोने का सुझाव देना बहुत ही सही है। यह उपयोगकर्ता को न केवल बिजली की बचत करने में मदद करता है, बल्कि पानी भी बचाता है।

इसका हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक है और बिना इसके हमारा जीवन अधूरा है। यह विद्युत उत्पादन, घरेलू उपयोग, औद्योगिक उपयोग, व्यावसायिक उपयोग और परिवहन जैसे क्षेत्रों में हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi

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ऊर्जा संरक्षण पर निबंध | Essay on Energy Conservation in Hindi!

आधुनिक युग विज्ञान का युग है । मनुष्य विकास के पथ पर बड़ी तेजी से अग्रसर है उसने समय के साथ स्वयं के लिए सुख के सभी साधन एकत्र कर लिए हैं । इतना होने के बाद और अधिक पा लेने की अभिलाषा में कोई कमी नहीं आई है बल्कि पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है ।

समय के साथ उसकी असंतोष की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। कल-कारखाने, मोटर-गाड़ियाँ, रेलगाड़ी, हवाई जहाज आदि सभी उसकी इसी प्रवृत्ति की देन हैं । उसके इस विस्तार से संसाधनों के समाप्त होने का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है ।

प्रकृति में संसाधन सीमित हैं । दूसरे शब्दों में, प्रकृति में उपलब्ध ऊर्जा भी सीमित है। विश्व की बढ़ती जनसंख्या के साथ आवश्यकताएँ भी बढ़ती ही जा रही हैं । दिन-प्रतिदिन सड़कों पर मोटर-गाड़ियों की संख्या में अतुलनीय बुदधि हो रही है । रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज सभी की संख्या में वृद्‌धि हो रही है । मनुष्य की मशीनों पर निर्भरता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है ।

इन सभी मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । परंतु जिस गति से ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ रही है उसे देखते हुए ऊर्जा के समस्त संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है । विशेषकर ऊर्जा के उन सभी साधनों की जिन्हें पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता है । उदाहरण के लिए पेट्रोल, डीजल, कोयला तथा भोजन पकाने की गैस आदि ।

पेट्रोल अथवा डीजल जैसे संसाधनों रहित विश्व की परिकल्पना भी दुष्कर प्रतीत होती है । परंतु वास्तविकता यही है कि जिस तेजी से हम इन संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब धरती से ऊर्जा के हमारे ये संसाधन विलुप्त हो जाएँगे ।

ADVERTISEMENTS:

अत: यह आवश्यक है कि हम ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दें अथवा इसके प्रतिस्थापन हेतु अन्य संसाधनों को विकसित करें क्योंकि यदि समय रहते हम अपने प्रयासों में सफल नहीं होते तो संपूर्ण मानव सभ्यता ही खतरे में पड़ सकती है।

हमारे देश में भी ऊर्जा की आवश्यकता दिन पर दिन विकास व जनसंख्या वृद्‌धि के साथ बढ़ती चली जा रही है । ऊर्जा की बढ़ती माँग आने वाले वर्षो में आज से तीन या चार गुणा अधिक होगी । इन परिस्थितियों में भारत सरकार की ओर से ठोस कदम उठाने की अवश्यकता है । इस दिशा में अनेक रूपों में कई प्रयास किए गए हैं जिनस कुछ हद तक सफलता भी अर्जित हुई है । ‘बायो-गैस’ तथा अधिक वृक्ष उत्पादन आदि इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं । पृथ्वी पर ऐसे ऊर्जा संसाधनों की कमी नहीं है जो प्रदूषण रहित हैं ।

विश्व भर में ऊर्जा संरक्षण व ऊर्जा के नवीन श्रोतों को विकसित करने के महत्व को समझा जा रहा है । सभी देश सौर-ऊर्जा को अधिक महत्व दे रहे हैं तथा इसे और अधिक उपयोगी बनाने व इसके विकास हेतु विश्व भर के वैज्ञानिकों द्‌वारा अनुसंधान जारी हैं । जहाँ तक भारत की स्थिति है, हमारे देश में पेट्रोलियम ऊर्जा का एक बड़ा भाग खाड़ी के तेल उत्पादक देशों में आयात किया जाता है ।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कभी-कभी कच्चा तेल इतना महँगा हो जाता है कि इसे खरीद पाना भारतीय तेल कंपनियों के वश में नहीं होता । तब सरकार या तो तेल मूल्यों में वृद्‌धि कर इस घाटे की भरपाई करती है अथवा तेल कंपनियों को सीमा-शुल्क आदि में छूट देकर स्वयं घाटा उठाती है । दोनों ही स्थितियों में बोझ देश के उपभोक्ताओं पर ही पड़ता है ।

हमें आशा है कि वैज्ञानिक ऊर्जा के नए संसाधनों की खोज व इसके विकास में समय रहते सक्षम होंगे । इसके अतिरिक्त यह आवश्यक है कि सभी नागरिक ऊर्जा के महत्व को समझें और ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक बनें । यह निरंतर प्रयास करें कि ऊर्जा चाहे जिस रूप में हो उसे व्यर्थ न जाने दें ।

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10 मोटिवेशनल किताबें जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं

पानी की बर्बादी रोकने के 18 तरीके जिनपर आपने ध्यान नहीं दिया.

Last Updated: April 29, 2024 By Gopal Mishra 38 Comments

हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है” । जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है।

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कवि एवं सन्त  रहीम दास जी ने सदियों पहले पानी का महत्व बता दिया था किन्तु हम आज भी जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हैं।

  रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |

पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||

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How To Save Water in Hindi / Hindi Story on Save Water

कैसे बचाएं पानी .

जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। लातूर जैसी कई जगह तो पानी की कमी की वजह से हालात अत्यन्त भयावह हो रहे हैं। लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।

 ➡ पढ़ें:  पानी बचाओ व जल संरक्षण पर 60 अनमोल विचार व नारे

किन्तु आज मानव जाति के लिये जल सरंक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। यदि अब भी हम लोग जल सरंक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो यह बात बिलकुल सही साबित होगी कि-

तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

जल संसाधन / Water Resources in Hindi :

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव जाति के लिये उपयोगी हैं या जिनके उपयोग में आने की सम्भावना है। पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।

जल के स्रोतों को हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं –

1. धरातल के ऊपर से प्राप्त जल – यह बारिश का जल है जो शुद्ध होता है किन्तु सतर्कता ना रखने पर जमीन पर आते आते इसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ घुलने का डर रहता है।

2. धरातलीय जल – नदी, तालाब, झील, झरने आदि धरातलीय जल के प्रकार हैं।

3. अन्त: धरातलीय जल – कच्चे तथा पके  कुएं , बावड़ी, बोरिंग आदि।

जल सरंक्षण की आवश्यकता क्यों है ?  Why water conservation is needed in Hindi ? 

जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।

साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।

सम्पूर्ण विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस ( World Water Day ) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। अटल जी कहा करते थे-

यदि हम लोग जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

और अब यह बात अब बिलकुल सही लगने लगी है।

जल संरक्षण के उपाय / How To Conserve and Save Water in Hindi

जल संरक्षण आज विश्व की सर्वोपरि प्राथमिकताओं में से होनी चाहिये। जल संरक्षण हमे घर में, घर के बाहर, बाग़ बगीचों, खेत खलिहान हर जगह करना चाहिये।

1. घरेलू जल सरंक्षण / How to save water at home

  • दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।
  • गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।
  • नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।
  • वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपडे इकट्ठे होने पर ही धोएं।
  • ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है।
  • जहाँ कहीं भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवायें। इसमें काफी पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
  • बर्तन धोते समय भी नल को लगातार खोले रहने की बजाये अगर बाल्टी में पानी भर कर काम किया जाए तो काफी पानी बच सकता है।

2. घर के बाहर जल संरक्षण

  • सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
  • बाग़ बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है
  • बाग़ बगीचों में दिन की बजाय रात में पानी देना चाहिये। इससे पानी का वाष्पीकरण नहीं हो पाता। कम पानी से ही सिंचाई हो जाती है
  • सिंचाई क्षेत्र हेतु कृषि के लिये कम लागत की आधुनिक तकनीकों को अपनाना जल सरंक्षण हतु उपयोगी है।

3. वृक्षा रोपण / Plantation

वृक्ष हमारे अभिन्न मित्र हैं ये हमें छाया,फल,लकड़ी प्रदान करते हैं जमीन का कटाव रोकते हैं, बाढ़ से सुरक्षा करते हैं। जहाँ ज्यादा वृक्ष होते हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे बारिश में नदी नाले भर जाते हैं और पानी की कमी नहीं हो पाती। इसलिए लगातार वृक्षा रोपण करते रहना चाहिये।

4. जल संरक्षण हेतु कानून 

कई क्षेत्रों में बिना रोकथाम के पानी निकालने से भूजल के स्तर में भारी गिरावट आ जाती है। इसके लिये भूजल के वितरण प्रबन्धन नियमों का पालन करना जरूरी है। साथ ही नए कानून बनाने की ज़रूरत है जो किसी भी प्रकार के वाटर वेस्टेज को एक गैर-कानूनी काम के रूप में देखें और ऐसा करने वालों को जुरमाना और सजा देने का प्रावधान करें।

5. औधोगिक क्षेत्र में नई तकनीक

पानी की जरूरत को कम करने लिये, औद्योगिक क्षेत्र, कारखानों आदि में आधुनिक तकनीक को प्रयोग में लेना चाहिये।

6. वर्षा जल संचयन / Rain water harvesting in Hindi

हम लोगों की अकेली यह आदत ही जल संरक्षण हेतु मील का पत्थर साबित हो सकती है। एक बारिश के बाद अगली बारिश से छतों से वर्षा जल का संचय करें। यह पीने, कपड़े धोने, बागवानी आदि सभी कार्यों हेतू उत्तम है। इसके लिये गाँव, शहरों में भवन निर्माण सम्बन्धी नियमों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाना चाहिये तथा लोगों को वर्षा जल संचय हेतु प्रोत्साहित किये जाने वाले उपाय ढूंढे जाने चाहियें।

7. जल जागरूकता कार्यक्रम

पानी की बर्बादी रोकने, वर्षा जल का संचयन करने, लगातार वृक्षारोपण करने तथा पानी को प्रदुषण से बचाने हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहना चाहिये और यह प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए।

8. वाटर ओवरफ्लो अलार्म लगाएं

छतों पर लगी टंकियों से पानी गिरकर बर्वाद होना एक आम दृश्य है। हमें इसे रोकना होगा और इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि आप अपनी टंकी को एक water overflow alarm से जोड़ दें। इस बारे में हम डिटेल में अगली पोस्ट में बात करेंगे।

9 . Flush के अन्दर पानी की बोतल में बालू-कंकड़ भर कर डाल दें

अमूमन फ्लश से ज़रूरत से अधिक पानी बहता है, इसलिए अगर आप उसमे १ लीटर की बोतल में बालू-कंकड़ आदि भर के डाल देते हैं तो हर एक फ्लश पे आप १ लिटर पानी बचा सकते हैं, और पूरे वर्ष में हज़ारों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

फ्लश से रिलेटेड इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं फ्लश का नौब पूरी तरह से न उठने के कारण वो leak तो नहीं हो रहा है। कई बार इस कारण से रात भर में पूरी टंकी खाली हो जाती है।

10. Water Supply के पानी को अपना पानी समझें 

जो लोग भाग्यशाली हैं उनके घरों में सरकार की तरफ से वाटर-सप्लाई का पानी भी आता है। देखा गया है कि अक्सर लोग लगभग मुफ्त में मिलने वाले इसे पानी को बहुत अधिक बवाद करते हैं…वे इसे क्यारी में लगा कर छोड़ देते है (बरसात के मौसम में भी), अपने कूलर में पानी भरने के लिए लगा कर भूल जाते हैं या वाशिंग मशीन में लगा कर छोड़ देते हैं। और चूँकि ये पाने टाइम-टाइम से आता है, इसलिए कई बार लोग टोटियां खुली छोड़ कर बाकी काम में व्यस्त हो  जाते हैं और जब पाने आने का टाइम होता है तो पानी बस यूँही गिरता रहता है।

इन लापरवाहियों की वजह से वे एक ही दिन में सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद कर देते हैं। वहीँ दूसरी और वे अपनी टंकियों में भरे पानी को लेकर बहुत सजग होते हैं।  यदि आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं तो कृपया ऐसा करना बंद करें। पानी तो पानी है, इसमें सरकारी और अपने का भेद नहीं करना चाहिए।

11. उतना ही पानी लें जितना पीना है

जब आप 1 glass RO water पीते हैं तो ध्यान रखिये कि इसे फ़िल्टर करने के प्रोसेस में 3 glass पानी waste किया जाता है। इसलिए जब भी आप गिलास में RO वाटर लें तो पूरा भर के लेने की बजाये उतना ही लें जितना पीना है। और किसी को देना भी हो तो उसे पानी ग्लास में भर कर देने की बजाये जग या water bottle के साथ गिलास दे सकते हैं। इस तरह से काफी पानी बचाया जा सकता है।

यदि आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं तो सबसे पहले वेटर पानी ला कर रख देता है, तब भी जब आपको उसकी ज़रूरत न हो! इसलिए जब आप ऐसी जगह जाइए तो तभी पानी लीजिये जब वाकई में आपको उसकी need हो।

12. RO Machine या AC से निकलने वाले  waste water को उपयोग करें

RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% part waste हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन की वास्ते पाइप से जो पानी निकला रहा है उसे बकेट में इकठ्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाये। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

13. Hand-Pump का प्रयोग करें 

पहले के जमाने में लोग हैण्ड पंप का ही प्रयोग करते थे। इस वाजह से पानी की बर्बादी बहुत कम होती थी, जिसको जितनी ज़रूर होती थी वो उतना ही पानी निकालता था। पर समय के साथ लोग मोटर से पानी भरने लगे और हैण्ड पंप को भूल गए। यदि आपके यहाँ हैण्ड पंप लगा ही न हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर लगा है और बेकार पड़ा है तो उसे ठीक करा कर कभी-कभार प्रयोग करें। अच्छा होगा अगर हम intentionally हफ्ते का एक दिन सिर्फ हैण्ड पंप use करके पानी निकालें। ऐसा करने से कम से कम एक दिन हम सिर्फ उतना ही पानी निकालेंगे जितने की हमें सचमुच ज़रूरत है।

14. सब्जियां-फल किसी बर्तन में धोएं

कई बार लोग सब्जियों और फलों को running water से धोते हैं, अगर इसकी जगह आप किसी बड़े भगौने या बर्तन में पानी भर कर सब्जियां धोएँगे तो पानी भी कम लगेगा और वो ठीक से साफ़ भी हो पाएंगी।

15. Wash-basin का फ्लो कम कर दें 

वाश बेसिन के नीचे भी पानी कण्ट्रोल करने के लिए एक टोटी लगी होती है, अकसर वो पूरी खुली होती है, अगर आप उसे थोड़ा सा घुमा देंगे तो पानी का फ्लो अपने आप कुछ कम हो जाएगा और काफी पानी बर्वाद होने से बच पायेगा।

16. Bathroom में एक-आध बाल्टी एक्स्ट्रा रखें

अकसर गर्मियों के दिनों में टंकी का पानी बहुत गरम हो जाता है और लोग नहाते समय पहले कुछ पानी गिरा देते हैं कि उसके बाद ठंडा पानी आने लगे। ऐसा करना पड़े तो पानी गिराने की बजाये किसी बाल्टी में भर कर रख लें। और बेहतर तो ये होगा कि सुबह के टाइम ही आप बाल्टियों में पानी भर कर रख लें ताकि नहाते वक्त आपको ठंडा पानी मिल सके।

17. प्लम्बर का हल्का-फुल्का काम खुद सीखें 

अकसर देखा जाता है कि घर में मौजूद पानी के taps टपकते रहते हैं और हम उसे यूँही ignore करते रहते हैं क्योकि हम आलस में प्लम्बर को बुलाते नहीं या ये सोचते हैं कि अगर प्लम्बर को बुलायेंगे तो वो अनाप-शनाप पैसे मांगेगा और हम खुद उसे ठीक करने की हिम्मत नहीं दिखाते। लेकिन अगर हम plumbing के बेसिक सामान घर पे रखें और खुद ही छोटी-मोटी चीजें ठीक करना सीख लें तो हम बहुत सारा पानी बर्वाद होने से रोक सकते हैं। मेरी तो सलाह है कि हमें स्कूलों में बच्चों को plumbing से रिलेटेड बेसिक काम ज़रूर सिखाने चाहिए।

18. जो भी पानी बर्वाद करता है उसे रोकें

AKC पर कुछ महीनों पहले एक पोस्ट शेयर की गयी थी –  प्लेट में खाना छोड़ने से पहले Ratan Tata का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!

जिसमे उन्होंने जर्मनी के एक रेस्टोरेंट का अनुभव बताया था जिसमे खाना वेस्ट करने पर वहां के नागरिकों ने आपत्ति जताई थी कि भले आपने पैसे देकर खाना खरीदा हो, फिर भी आप उसे बर्वाद नहीं कर सकते क्योंकि  भले पैसा पैसा आपका है पर संसाधन देश के हैं !

और यही बात हम Indians को भी समझनी होगी। पानी की बर्बादी सिर्फ उसे बर्वाद करने वाले को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्वाद करता है तो आपका भी वाटर-लेवल कम होता है…इसलिए इस अनमोल संसाधन को न waste करिए और न waste करने दीजिये।

आइये जल बचाएँ, “क्योंकि जल होगा तो कल होगा “

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Dr. Manoj Gupta

Dr. Manoj Gupta

Dr.Manoj Gupta

B-3 Palam Vihar, Gurgaon (Haryana) Mob & WhatsApp#:  09929627239 Email:   [email protected] Blog:  drmanojgupta.blogspot.in  (plz visit for Health Articles in Hindi)

डॉ० मनोज गुप्ता राज्य स्तरीय आयुर्वेद के सर्वोच्च पुरस्कार धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित सीनियर आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको माननीय स्वास्थ्य मन्त्री तथा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आपके लेख राजस्थान पत्रिका, निरोगसुख   जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश होते रहे हैं।

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We are grateful to Dr. Manoj Gupta for sharing a very informative article on How to save water in Hindi / Hindi Story on Save Water

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10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi

Table of contents, 10 lines on save water and electricity in hindi for class 1:, पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 1 के लिए:.

  • हमें केवल आवश्यकतानुसार पानी का उपयोग करके पानी बचाना चाहिए।
  • पानी का उपयोग न करने पर नल बंद कर देने से पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • कम बिजली का उपयोग करने का मतलब है कि जब हम कमरे से बाहर निकलें तो लाइट बंद कर दें।
  • पानी अनमोल है इसलिए हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • बिजली हमारी रोशनी और उपकरणों को शक्ति प्रदान करती है; हमें इसका बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए।
  • उपयोग में न होने पर टीवी और कंप्यूटर बंद करने से बिजली की बचत होती है।
  • हम नलों में लीकेज को ठीक करके पानी बचाने में मदद कर सकते हैं।
  • दिन के समय प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करने से बिजली की आवश्यकता कम हो जाती है।
  • जब हम बाहर जाते हैं तो पंखे और लाइटें बंद करने से ऊर्जा बचाने में मदद मिलती है।
  • पानी और बिजली बचाना ग्रह और हमारे भविष्य के लिए अच्छा है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 2:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 2 के लिए:.

  • हमें अपने दैनिक कार्यों में पानी का बुद्धिमानीपूर्वक उपयोग करके पानी बचाना चाहिए।
  • नलों को कसकर बंद करने से पानी बर्बाद होने से बचता है।
  • बिजली का जिम्मेदारी से उपयोग करने का अर्थ है जरूरत न होने पर लाइट और पंखे बंद करना।
  • सुबह या शाम पौधों को पानी देने से जल संरक्षण होता है।
  • उपयोग में न होने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करने से बिजली की बचत होती है।
  • वर्षा जल को पौधों को पानी देने के लिए एकत्र किया जा सकता है, जिससे पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • पाइपों और नलों में लीक को ठीक करने से अनावश्यक पानी की हानि रुक जाती है।
  • प्राकृतिक धूप मुफ़्त है, इसलिए दिन के दौरान पर्दे खोलने से बिजली की बचत होती है।
  • पानी और बिजली का संरक्षण एक छोटा सा प्रयास है जिसके बड़े फायदे हैं।
  • पानी और बिजली बचाने से हमें पर्यावरण की देखभाल करने में मदद मिलती है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 3:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 3 के लिए:.

  • पानी बचाने का अर्थ है इसका बुद्धिमानी से उपयोग करना न कि इसे बर्बाद करना।
  • उपयोग में न होने पर नल बंद करना जल संरक्षण का एक सरल तरीका है।
  • वर्षा जल को एकत्र कर पौधों को पानी देने में उपयोग किया जा सकता है।
  • कमरे से बाहर निकलते समय लाइट और पंखे बंद करने से बिजली बचाने में मदद मिलती है।
  • पाइपों और नलों में लीक को ठीक करने से पानी बर्बाद होने से बचता है।
  • सुबह जल्दी या देर शाम पौधों को पानी देने से वाष्पीकरण कम हो जाता है।
  • जरूरत न होने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करने से बिजली बचाने में मदद मिलती है।
  • पर्यावरण के लिए पानी और बिजली का संरक्षण महत्वपूर्ण है।
  • जल-बचत उपकरणों और ऊर्जा-कुशल बल्बों का उपयोग संरक्षण में योगदान देता है।

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10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 4:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 4 के लिए:.

  • पानी बचाने में दैनिक गतिविधियों में इसका बुद्धिमानीपूर्वक उपयोग करना शामिल है।
  • नलों को कसकर बंद करने और लीकेज ठीक करने से पानी की बर्बादी रुकती है।
  • वर्षा जल संचयन जल संरक्षण का एक पर्यावरण-अनुकूल तरीका है।
  • ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करने से बिजली की खपत कम हो जाती है।
  • उपयोग में न होने पर लाइट और पंखे बंद करने से बिजली बचाने में मदद मिलती है।
  • दिन के ठंडे भागों में पौधों को पानी देने से पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है।
  • जरूरत न होने पर चार्जर और इलेक्ट्रॉनिक्स को अनप्लग करने से बिजली की बचत होती है।
  • बाहरी स्थानों को साफ करने के लिए नली के बजाय झाड़ू का उपयोग करने से पानी की बचत होती है।
  • टिकाऊ भविष्य के लिए पानी और बिजली का संरक्षण एक ज़िम्मेदारी है।
  • जल और बिजली संरक्षण के महत्व के बारे में दूसरों को शिक्षित करने से जागरूकता पैदा होती है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 5:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 5 के लिए:.

  • जल संरक्षण में इस बहुमूल्य संसाधन का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करना शामिल है।
  • नल बंद करने और लीक ठीक करने से अनावश्यक पानी की हानि रुक जाती है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणालियाँ विभिन्न उपयोगों के लिए वर्षा एकत्र करती हैं, जिससे पानी का संरक्षण होता है।
  • ऊर्जा-कुशल उपकरण और एल.ई.डी बल्ब बिजली की खपत को कम करने में मदद करते हैं।
  • उपयोग में न होने पर लाइट, पंखे और इलेक्ट्रॉनिक्स बंद करने से बिजली की बचत होती है।
  • पेड़ लगाने से छाया बनाने में मदद मिलती है, ठंडक की आवश्यकता कम होती है और ऊर्जा की बचत होती है।
  • दाँत साफ करते समय बहते पानी की बजाय मग का उपयोग करने से पानी की बचत होती है।
  • पानी और बिजली का संरक्षण पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देता है।
  • सरल संरक्षण प्रथाओं के बारे में दूसरों को शिक्षित करने से जागरूकता फैलती है।
  • हमारे पानी और बिजली के उपयोग के प्रति सचेत रहना एक जिम्मेदार और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है।

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10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 6:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 6 के लिए:.

  • इस आवश्यक संसाधन के सतत उपयोग के लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है।
  • लीक को ठीक करना, पानी बचाने वाले उपकरणों का उपयोग करना और वर्षा जल का संचयन संरक्षण में योगदान देता है।
  • ऊर्जा-कुशल प्रथाएँ, जैसे एल.ई.डी बल्बों का उपयोग करना और उपकरणों को बंद करना, बिजली के उपयोग को कम करता है।
  • पेड़-पौधे लगाना और हरित स्थान बनाना प्राकृतिक शीतलता और ऊर्जा बचत में योगदान देता है।
  • पानी और बिजली का संरक्षण मानवीय गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है।
  • कृषि में कुशल सिंचाई विधियों को अपनाने से जल संसाधनों को संरक्षित करने में मदद मिलती है।
  • जल और बिजली संरक्षण के महत्व के बारे में समुदायों को शिक्षित करने से जागरूकता बढ़ती है।
  • जिम्मेदार उपभोक्ता विकल्प, जैसे ऊर्जा-कुशल उत्पाद चुनना, संरक्षण में योगदान करते हैं।
  • टिकाऊ जल और ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा देने वाली नीतियों का समर्थन करना भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • समुदाय-संचालित संरक्षण पहल में भाग लेने से सामूहिक प्रयास मजबूत होते हैं।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 7:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 7 के लिए:.

  • जल संरक्षण में पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करना और अनावश्यक बर्बादी को रोकना शामिल है।
  • जल-कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाने और लीक को ठीक करने से जल संरक्षण में योगदान मिलता है।
  • ऊर्जा संरक्षण प्रथाएँ, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं।
  • सतत शहरी नियोजन और हरित भवन डिजाइन जल और ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देते हैं।
  • घर और उद्योगों में जल और ऊर्जा ऑडिट से सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है।
  • संरक्षण के लिए जिम्मेदार जल और ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने वाली नीतियों की वकालत करना आवश्यक है।
  • टिकाऊ भविष्य के लिए पानी और बिजली का संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है।
  • जल और ऊर्जा दक्षता में नवाचारों का समर्थन करना वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में योगदान देता है।
  • पानी की कमी और ऊर्जा की कमी के बारे में जागरूकता बढ़ाने से जिम्मेदारी की भावना पैदा होती है।
  • सामुदायिक पहल में भाग लेने और संरक्षण परियोजनाओं के लिए स्वयंसेवा करने से पर्यावरण प्रबंधन मजबूत होता है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 8:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 8 के लिए:.

  • जल संरक्षण में इस महत्वपूर्ण संसाधन का कुशलतापूर्वक उपयोग करना और बर्बादी को रोकना शामिल है।
  • घर और उद्योगों में जल-बचत प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को लागू करने से संरक्षण में योगदान मिलता है।
  • ऊर्जा संरक्षण प्रथाएँ, जैसे ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं।
  • सतत शहरी नियोजन और ऊर्जा-कुशल इमारतों की डिजाइनिंग संसाधन दक्षता में योगदान करती है।
  • जल और ऊर्जा ऑडिट सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और दक्षता को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
  • जल और ऊर्जा के जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने वाली नीतियों की वकालत करना संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • टिकाऊ और लचीले भविष्य के लिए पानी और बिजली का संरक्षण एक साझा जिम्मेदारी है।
  • जल और ऊर्जा दक्षता में नवाचारों का समर्थन करने से पर्यावरणीय प्रबंधन में प्रगति को बढ़ावा मिलता है।
  • पानी की कमी और ऊर्जा की कमी के बारे में जागरूकता बढ़ाना सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है।
  • सामुदायिक पहल में भाग लेने और संरक्षण परियोजनाओं के लिए स्वयंसेवा करने से पर्यावरणीय स्थिरता मजबूत होती है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 9:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 9 के लिए:.

  • जल संरक्षण में स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक उपयोग शामिल है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणालियों को लागू करना और लीकेज को ठीक करना जल संरक्षण में योगदान देता है।
  • ऊर्जा संरक्षण प्रथाएँ, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों का एकीकरण स्थायी संसाधन प्रबंधन का समर्थन करता है।
  • हरित बुनियादी ढांचे सहित सतत शहरी नियोजन, पानी और ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देता है।
  • टिकाऊ और न्यायसंगत भविष्य के लिए पानी और बिजली का संरक्षण एक सामूहिक जिम्मेदारी है।
  • जल और ऊर्जा दक्षता में अनुसंधान और नवाचारों का समर्थन करने से पर्यावरणीय प्रबंधन में प्रगति को बढ़ावा मिलता है।
  • पानी की कमी और ऊर्जा संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना साझा जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है।
  • सामुदायिक पहल में भाग लेना और संरक्षण परियोजनाओं में योगदान देना वैश्विक स्थिरता प्रयासों को मजबूत करता है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 10:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 10 के लिए:.

  • सतत जल प्रबंधन एवं पर्यावरण संतुलन के लिए जल संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
  • स्मार्ट सिंचाई प्रणाली जैसी उन्नत तकनीकों को लागू करने से कृषि में पानी का उपयोग अनुकूलित होता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और ऊर्जा-कुशल प्रथाओं को अपनाने से पर्यावरण पर प्रभाव कम होता है।
  • सतत शहरी नियोजन लचीले शहरों के लिए जल और ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देता है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन का समर्थन करता है।
  • संरक्षण के लिए टिकाऊ जल और ऊर्जा उपयोग को बढ़ावा देने वाली नीतियों की वकालत करना महत्वपूर्ण है।
  • टिकाऊ और न्यायसंगत भविष्य के लिए पानी और बिजली का संरक्षण एक साझा जिम्मेदारी है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 11:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 11 के लिए:.

  • जल संरक्षण में उन प्रथाओं को लागू करना शामिल है जो टिकाऊ जल उपयोग सुनिश्चित करते हैं।
  • कृषि में जल-बचत प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने से कुशल संसाधन प्रबंधन में योगदान मिलता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और ऊर्जा-कुशल प्रथाओं को बढ़ावा देने से पर्यावरणीय प्रभाव कम हो जाता है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों को लागू करना जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन का समर्थन करता है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Class 12:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में कक्षा 12 के लिए:.

  • जल संरक्षण में उन प्रथाओं को अपनाना शामिल है जो टिकाऊ जल उपयोग और प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं।
  • सटीक कृषि तकनीकों को लागू करने से पानी का उपयोग अनुकूलित होता है और बर्बादी कम होती है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने से कार्बन पदचिह्न कम हो जाता है।
  • सतत शहरी नियोजन लचीले शहर विकास के लिए जल और ऊर्जा दक्षता पर जोर देता है।
  • उन्नत जल उपचार प्रौद्योगिकियों को लागू करने से उपभोग और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए स्वच्छ पानी सुनिश्चित होता है।
  • संरक्षण के लिए टिकाऊ जल और ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा देने वाली नीतियों की वकालत करना महत्वपूर्ण है।
  • जल और ऊर्जा दक्षता पर अंतःविषय अनुसंधान का समर्थन करने से पर्यावरणीय प्रबंधन में प्रगति को बढ़ावा मिलता है।
  • समुदाय-संचालित पहलों में भाग लेना और संरक्षण परियोजनाओं में योगदान देना वैश्विक स्थिरता प्रयासों को मजबूत करता है।

10 Lines on Save Water and Electricity in Hindi For Competitive Exams:

पानी और बिजली बचाने पर 10 पंक्तियाँ हिंदी में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए:.

  • पर्यावरण के लिए पानी बचाना महत्वपूर्ण है; हमें दैनिक गतिविधियों में इसका बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए।
  • लीक को ठीक करना और आवश्यकता न होने पर नल बंद करना अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोकता है।
  • वर्षा जल संचयन प्रणालियाँ विभिन्न उपयोगों के लिए वर्षा एकत्र करती हैं, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
  • ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करने और उपयोग में न होने पर लाइट बंद करने से बिजली की खपत कम हो जाती है।
  • जल संरक्षण से पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है और टिकाऊ जल संसाधन सुनिश्चित होते हैं।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और आवश्यकता न होने पर इलेक्ट्रॉनिक्स को बंद करने से बिजली की बचत होती है।
  • ड्रिप सिंचाई जैसी कुशल सिंचाई पद्धतियाँ, कृषि में पानी के उपयोग को कम करती हैं।
  • सामुदायिक पहल में भाग लेना और संरक्षण प्रथाओं के बारे में जागरूकता फैलाना पर्यावरणीय प्रबंधन में योगदान देता है।

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Essay on electricity in hindi बिजली पर निबंध.

Today we are going to read an essay on electricity in Hindi language. Know more about electricity in Hindi. This essay was recently asked in exam . Now students can learn easily essay on electricity in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. बिजली पर निबंध।

hindiinhindi Essay on Electricity in Hindi

Essay on Electricity in Hindi

यदि बिजली का आविष्कार न होता तो क्या होता?

आधुनिक युग विज्ञान का युग है और विज्ञान ने हमारे जीवन को बहुत आरामदायक बना दिया है। विद्युत विज्ञान की अद्भुत देन है। आज बिजली मानव की दिनर्चा का एक अभिन्न अंग बन गयी है। यदि बिजली का आविष्कार न हुआ होता तो देश के विकास के साथ-साथ मानव को निम्नलिखित हानियां उठानी पड़तीं।

1. हमारे विद्युत उपकरणों का निर्माण अर्थहीन हो जाता क्योंकि बिजली के बिना इनका प्रयोग नहीं होता तो इनका निर्माण भी नहीं होता।

2. उद्योगों पर भी इसका विशेष प्रभाव पड़ता क्योंकि किसी वस्तु के निर्माण के लिए कारखाने खोले जाते हैं। उन कारखानों में विद्युत का उपयोग सबसे अधिक होता है। किसी भी विकासशील देश का विकास उद्योगों पर ही आधारित होता है और उद्योगों की उन्नति का स्त्रोत बिजली है। इसके अभाव में सभी उद्योग ठप्प हो जाते।

3. विद्युत से चलने वाले यातायात के साधनों का भी अभाव हो जाता। इन सभी की कमी से बेरोजगारी में भी वृद्धि हो जाती जो निरन्तर पहले ही हमारे देश की विकट समस्या है। बिजली विभागों का भी अभाव होना तो स्वाभाविक ही है और वहां काम करने वाले लोग भी बेरोजगारों की संख्या में शामिल हो जाते।

4. इसके अभाव में मनुष्य का जीवन बहुत पिछड़ जाता क्योंकि बिजली के उपकरणों का प्रयोग हमारी दिनचर्या के लिए आवश्यक है।

5. बिजली बिना मानव जीवन की गति भी अत्यधिक धीमी हो जाती क्योंकि जिन विद्युत उपकरणों की सहायता से कार्य कुछ मिनटों में हो जाता है उसके लिए घण्टों समय खराब करना पड़ता।

6. सबसे अधिक प्रभाव हमारे राष्ट्र के विकास पर पड़ता। विद्युत की पूर्णता में ही देश के विकास की पूर्णता निहित है।

Essay in Hindi

Essay on importance of water in Hindi

Essay on water pollution in Hindi

Essay on Save Water in Hindi

Essay on River in Hindi

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जल प्रदूषण पर निबंध (Water Pollution Essay in Hindi)

जल प्रदूषण

धरती पर जल प्रदूषण लगातार एक बढ़ती समस्या बनती जा रही है जो सभी पहलुओं से मानव और जानवरों को प्रभावित कर रही है। मानव गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न जहरीले प्रदूषकों के द्वारा पीने के पानी का मैलापन ही जल प्रदूषण है। जल कई स्रोतों के माध्यम से पूरा पानी प्रदूषित हो रहा है जैसे शहरी अपवाह, कृषि, औद्योगिक, तलछटी, अपशिष्ट भरावक्षेत्र से निक्षालन, पशु अपशिष्ट और दूसरी मानव गतिविधियाँ। सभी प्रदूषक पर्यावरण के लिये बहुत हानिकारक हैं।

जल प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Water Pollution in Hindi, Jal Pradushan par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द ).

जल में अवांछनीय और हानिकारक पदार्थों के मिलने पर जल का दूषित हो जाना, जलप्रदुषण कहलाता है। जब हम प्रदूषित पानी पीते हैं, तब खतरनाक रसायन और दूसरे प्रदूषक शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और शरीर के सभी अंगों के कार्यों को बिगाड़ देते हैं और हमारा जीवन खतरे में डाल देते हैं।

जल प्रदूषण का कारण और प्रभाव

बढ़ती मांग और विलासिता के कारण जल प्रदूषण पूरे विश्व के लोगों के द्वारा किया जा रहा है। कई सारी मानव क्रियाकलापों से उत्पादित कचरा पूरे पानी को खराब करता है और जल में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करता है। ऐसे प्रदूषक जल की भौतिक, रसायनिक, थर्मल और जैव-रसायनिक विशेषता को कम करते हैं और पानी के बाहर के साथ ही पानी के अंदर के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।

जल प्रदूषण पर नियंत्रण

खाद, कीटनाशकों आदि के कृषि उपयोगों से बाहर आने वाले रसायनों के कारण उच्च स्तरीय जल प्रदूषण होता है। जल प्रदूषक की मात्रा और प्रकार के आधार पर जल प्रदूषण का प्रभाव जगह के अनुसार बदलता है। पीने के पानी की गिरावट को रोकने के लिये तुरंत एक बचाव तरीके की ज़रुरत है जो धरती पर रह रहे, प्रत्येक व्यक्ति की समझ और सहायता के द्वारा संभव है।

ऐसे खतरनाक रसायन पशु और पौधों के जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। जब पौधे अपनी जड़ों के द्वारा गंदे पानी को सोखते हैं, वो बढ़ना बंद कर देते हैं और सूख जाते हैं। जहाजों और उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल की वजह से हजारों समुद्री जीव मर जाते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Water Pollution in Hindi

निबंध 2 (300)

धरती पर जीवन के लिये जल सबसे ज़रुरी वस्तु है। यहाँ किसी भी प्रकार के जीवन और उसके अस्तित्व को ये संभव बनाता है। जीव मंडल में पारिस्थितिकी संतुलन को ये बनाये रखता है। पीने, नहाने, ऊर्जा उत्पादन, फसलों की सिंचाई, सीवेज़ के निपटान, उत्पादन प्रक्रिया आदि बहुत उद्देश्यों को पूरा करने के लिये स्वच्छ जल बहुत ज़रुरी है। बढ़ती जनसंख्या के कारण तेज औद्योगिकीकरण और अनियोजित शहरीकरण बढ़ रहा है जो बड़े और छोटे पानी के स्रोतों में ढेर सारा कचरा छोड़ रहें हैं जो अंतत: पानी की गुणवत्ता को गिरा रहा है।

जल में ऐसे प्रदूषकों के सीधे और लगातार मिलने से पानी में उपलब्ध ओजोन (जो खतरनाक सूक्ष्म जीवों को मारता है) के घटने के द्वारा जल की स्व:शुद्धिकरण क्षमता घट रही है। जल प्रदूषक जल की रसायनिक, भौतिक और जैविक विशेषता को बिगाड़ रहा है जो पूरे विश्व में सभी पौड़-पौधों, मानव और जानवरों के लिये बहुत खतरनाक है। पशु और पौधों की बहुत सारी महत्वपूर्ण प्रजातियाँ जल प्रदूषकों के कारण खत्म हो चुकी है। ये एक वैश्विक समस्या है जो विकसित और विकासशील दोनों देशों को प्रभावित कर रही हैं। खनन, कृषि, मछली पालन, स्टॉकब्रिडींग, विभिन्न उद्योग, शहरी मानव क्रियाएँ, शहरीकरण, निर्माण उद्योगों की बढ़ती संख्या, घरेलू सीवेज़ आदि के कारण बड़े स्तर पर पूरा पानी प्रदूषित हो रहा है।

विभिन्न स्रोतों से निकले जल पदार्थ की विशिष्टता पर निर्भर जल प्रदूषण के बहुत सारे स्रोत हैं (बिन्दु स्रोत और गैर-बिन्दु स्रोत या बिखरा हुआ स्रोत)। उद्योग, सीवेज़ उपचार संयंत्र, अपशिष्ट भरावक्षेत्र, खतरनाक कूड़े की जगह से बिन्दु स्रोत पाइपलाईन, नाला, सीवर आदि सम्मिलित करता है, तेल भण्डारण टैंक से लीकेज़ जो सीधे पानी के स्रोतों में कचरा गिराता है। जल प्रदूषण का बिखरा हुआ स्रोत कृषि संबंधी मैदान, ढेर सारा पशुधन चारा, पार्किंग स्थल और सड़क में से सतह जल, शहरी सड़कों से तूफानी अपवाह आदि हैं जो बड़े पानी के स्रोतों में इनसे निकले हुए प्रदूषकों को मिला देता है। गैर-बिन्दु प्रदूषक स्रोत बड़े स्तर पर जल प्रदूषण में भागीदारी करता है जिसे नियंत्रित करना बहुत कठिन और महँगा है।

निबंध 3 (400)

पूरे विश्व के लिये जल प्रदूषण एक बड़ा पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्दा है। ये अपने चरम बिंदु पर पहुँच चुका है। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी), नागपुर के अनुसार ये ध्यान दिलाया गया है कि नदी जल का 70% बड़े स्तर पर प्रदूषित हो गया है। भारत की मुख्य नदी व्यवस्था जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, प्रायद्वीपीय और दक्षिण तट नदी व्यवस्था बड़े पैमाने पर प्रभावित हो चुकी है। भारत में मुख्य नदी खासतौर से गंगा भारतीय संस्कृति और विरासत से अत्यधिक जुड़ी हुई है। आमतौर पर लोग जल्दी सुबह नहाते हैं और किसी भी व्रत या उत्सव में गंगा जल को देवी-देवताओं को अर्पण करते हैं। अपने पूजा को संपन्न करने के मिथक में गंगा में पूजा विधि से जुड़ी सभी सामग्री को डाल देते हैं।

नदियों में डाले गये कचरे से जल के स्व:पुनर्चक्रण क्षमता के घटने के द्वारा जल प्रदूषण बढ़ता है इसलिये नदियों के पानी को स्वच्छ और ताजा रखने के लिये सभी देशों में खासतौर से भारत में सरकारों द्वारा इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिये। उच्च स्तर के औद्योगिकीकरण होने के बावजूद दूसरे देशों से जल प्रदूषण की स्थिति भारत में अधिक खराब है। केन्द्रिय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गंगा सबसे प्रदूषित नदी है अब जो पहले अपनी स्व शुद्धिकरण क्षमता और तेज बहने वाली नदी के रुप में प्रसिद्ध थी। लगभग 45 चमड़ा बनाने का कारखाना और 10 कपड़ा मिल कानपुर के निकट नदी में सीधे अपना कचरा (भारी कार्बनिक कचरा और सड़ा सामान) छोड़ते हैं। एक आकलन के अनुसार, गंगा नदी में रोज लगभग 1,400 मिलियन लीटर सीवेज़ और 200 मिलियन लीटर औद्योगिक कचरा लगातार छोड़ा जा रहा है।

दूसरे मुख्य उद्योग जिनसे जल प्रदूषण हो रहा है वो चीनी मिल, भट्टी, ग्लिस्रिन, टिन, पेंट, साबुन, कताई, रेयान, सिल्क, सूत आदि जो जहरीले कचरे निकालती है। 1984 में, गंगा के जल प्रदूषण को रोकने के लिये गंगा एक्शन प्लान को शुरु करने के लिये सरकार द्वारा एक केन्द्रिय गंगा प्राधिकारण की स्थापना की गयी थी। इस योजना के अनुसार हरिद्वार से हूगली तक बड़े पैमाने पर 27 शहरों में प्रदूषण फैला रही लगभग 120 फैक्टरियों को चिन्हित किया गया था। लखनऊ के पास गोमती नदी में लगभग 19.84 मिलियन गैलन कचरा लुगदी, कागज, भट्टी, चीनी, कताई, कपड़ा, सीमेंट, भारी रसायन, पेंट और वार्निश आदि के फैक्टरियों से गिरता है। पिछले 4 दशकों ये स्थिति और भी भयावह हो चुकी है। जल प्रदूषण से बचने के लिये सभी उद्योगों को मानक नियमों को मानना चाहिये, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त कानून बनाने चाहिये, उचित सीवेज़ निपटान सुविधा का प्रबंधन हो, सीवेज़ और जल उपचार संयंत्र की स्थापना, सुलभ शौचालयों आदि का निर्माण करना चाहिये।

Essay on Water Pollution in Hindi

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Essay on Water Cycle : स्टूडेंट्स के लिए जल चक्र पर निबंध

water and electricity essay in hindi

  • Updated on  
  • जून 11, 2024

Essay on Water Cycle in Hindi (1)

प्रकृति में पानी को अच्छी मात्रा में बनाऐ रखने के लिए जल चक्र महत्वपूर्ण है। यह भूमिगत जल के भंडारण की सुविधा प्रदान करता है जिसका उपयोग वर्षा न होने पर किया जाता है। इसे हाइड्रोलॉजिकल चक्र के रूप में भी जाना जाता है। जल चक्र एक मौलिक प्रक्रिया है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखती है। जल चक्र वाष्पीकरण से शुरू होता है और यह स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण टाॅपिक है जिस पर उन्हें निबंध लिखने के लिए दिया जा सकता है, इसलिए इस ब्लाॅग में हम Essay on Water Cycle in Hindi के बारे में बता रहे हैं।

This Blog Includes:

जल चक्र पर निबंध 100 शब्दों में, जल चक्र पर निबंध 200 शब्दों में, जल चक्र क्या है, जल चक्र का महत्व, जल चक्र के चरण, जल चक्र का आरेख.

100 शब्दों में Essay on Water Cycle in Hindi इस प्रकार हैः

जब दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु एक साथ आते हैं तो वे पानी बनाते हैं। पानी सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जिसकी मनुष्य को जीवित रहने के लिए आवश्यकता होती है। यह इतना महत्वपूर्ण है कि मनुष्य इसके बिना चार दिन से अधिक नहीं रह सकता। पानी आपके कल्पना से कहीं अधिक तरीकों से प्रभाव डालता है। यह उस भूमि को आकार देता है जिस पर हम रहते हैं और यह हजारों वर्षों से ऐसा करता आ रहा है। यह सब संभव बनाने वाला तत्व जल चक्र है। यह चक्र वाष्पीकरण से शुरू होता है। जल चक्र में वाष्पोत्सर्जन जल वाष्प का बहुत कम प्रतिशत योगदान देता है। 

200 शब्दों में Essay on Water Cycle in Hindi इस प्रकार हैः

मानव जीवन के लिए पानी बहुत ही आवश्यक है। पानी का उपयोग पीने, खाना पकाने, नहाने, विनिर्माण (सीमेंट, कांच, प्लास्टिक, कागज, आदि) बनाने के लिए किया जाता है। पृथ्वी का अधिकांश पानी महासागरों में पाया जाता है, जो कि वह लोगों के लिए उपयोगी नहीं होता है। पृथ्वी की पर्यावरणीय प्रणालियों के माध्यम से चलते समय पानी के एक रूप से दूसरे रूप में बदलने की इस प्रक्रिया को “जल चक्र” कहा जाता है जल चक्र के कई अलग अलग भाग होते हैं।

जल चक्र बनाए रखने के लिए इसके इसकी आवश्यक स्थितियों को जानना बहुत जरूरी होता है। जल चक्र के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ उपलब्ध जल और सही सतही तापमान हैं। कई अन्य ग्रह, भले ही उन पर पानी मौजूद हो, वे जल विज्ञान चक्र को बनाए रखने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि तापमान बहुत अधिक है। वाष्पीकरण जल चक्र को चलाने वाली मुख्य प्रक्रिया है। जल चक्र में ऊर्जा का आदान-प्रदान शामिल होता है, जिससे तापमान में परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, जब पानी वाष्पित होता है, तो यह अपने आस-पास से ऊर्जा लेता है और पर्यावरण को ठंडा करता है। जल चक्र का अगला चरण वर्षा है और भारत के अलावा अन्य देशों में अधिक मात्रा में वर्षा होती है।

जल चक्र पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में Essay on Water Cycle in Hindi इस प्रकार हैः

जल चक्र को हाइड्रोलॉजिकल चक्र या H2O चक्र के रूप में भी जाना जाता है। यह पृथ्वी की सतह पर ऊपर और नीचे पानी की गति बताता है। हालांकि पृथ्वी पर पानी का संतुलन समय के साथ काफी हद तक स्थिर रहता है, लेकिन पानी के अलग-अलग अणु वायुमंडल में आते-जाते रहते हैं। वाष्पीकरण, संघनन, वर्षा और भूमिगत प्रवाह की भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा पानी एक जलाशय से दूसरे जलाशय में जाता है, जैसे नदी से समुद्र में या समुद्र से वायुमंडल में। ऐसा करते समय, पानी विभिन्न चरणों से गुजरता है जिसमें तरल, ठोस (बर्फ), और गैस (वाष्प) शामिल है। 

जल चक्र को जल विज्ञान भी कहा जाता है। जल चक्र में महासागरों, झीलों, दलदलों, नदियों, पौधों और यहां तक कि लोगों और जानवरों से भी पानी वाष्प में परिवर्तित हो जाता है और वायुमंडल में छोड़ दिया जाता है। जल वाष्प लाखों छोटी बूंदों में संघनित हो जाती है जो बादल बनाती हैं। बादल अपना पानी बारिश या बर्फ के रूप में खो देते हैं, जो या तो जमीन में रिस जाता है या नदियों और झीलों में बह जाता है या वायुमंडल में चला जाता है। जमीन में रिसने वाला पानी या तो पौधों द्वारा ले लिया जाता है या जमीन के नीचे गहराई में चला जाता है और अंततः भूजल को फिर से भर देता है। पौधे मिट्टी से नमी चूसते हैं और अपने पत्तों से पानी वाष्प के रूप में खो देते हैं। इस प्रक्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है और चक्र चलता रहता है।

जल चक्र महत्वपूर्ण क्यों है इसका मुख्यकारण है कि यह पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में पानी वितरित करने में मदद करता है वाप्षीकरण की प्रक्रीया के माध्यम से महासागरों,झीलों और नदी का पानी जलवाप्ष में बदल जाता है और वायुमंडल में उठता है जैसै ही जलवाप्ष ठंडा होता है और संघनित होता है यह बादलों का निर्माण करता है ये बादल फिर वर्षा के रूप में पानी छोड़ते है जो पृथ्वी की सतह पर वापस गिरता है।

सम्पूर्ण जल चक्र चार चरणों में चलता है जो इस प्रकार हैं: वाष्पीकरण, संघनन, वर्षण और संग्रहण। 

वह प्रक्रिया जिसके द्वारा पानी अपनी तरल अवस्था से वाष्प, गैसीय अवस्था में बदल जाता है, वाष्पीकरण कहलाती है। जब वाष्पित जल वाष्प अपनी ऊष्मीय ऊर्जा खो देता है, तो यह संघनन की प्रक्रिया के माध्यम से तरल बन जाता है। बादलों का निर्माण संघनन के उदाहरण हैं।

वर्षा, हिमपात, ओले या ओले सभी वर्षा के उदाहरण हैं। संघनन के बाद, वायुमंडलीय जल वाष्प पर्याप्त रूप से बड़ी पानी की बूंदें बनाता है और गुरुत्वाकर्षण की मदद से पृथ्वी पर वापस गिरता है।

जमा करना या संग्रह करना

यह जल चक्र का अंतिम चरण है। निक्षेपण तब होता है जब वाष्पित जल वाष्प वर्षा के रूप में वापस धरती पर गिरता है। यह पानी महासागरों, नदियों, तालाबों, झीलों सहित विभिन्न जल निकायों में वापस गिर सकता है और यहाँ तक कि भूमि पर भी पहुँच सकता है, जो बदले में भूजल का हिस्सा बन जाता है।

जैसे-जैसे जल वाष्प आकाश की ओर बढ़ता है, दबाव में कमी के कारण तापमान कम होता जाता है। इस प्रकार, ठंडे वातावरण में वाष्प वापस पानी की छोटी बूंदों में बदल जाती है। इससे बादल बनते हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान पानी एक अवस्था से दूसरी अवस्था में अपनी अवस्था बदलता है, लेकिन पानी के कणों की कुल संख्या वही रहती है। दूसरे शब्दों में, अगर 100 ग्राम पानी को इकट्ठा करके उबालना संभव हो तो भी उसमें भाप के रूप में 100 ग्राम का द्रव्यमान बना रहेगा। इसी तरह, अगर 100 ग्राम भाप को इकट्ठा करके संघनित किया जाए, तो परिणामी पानी का वजन अभी भी 100 ग्राम होगा।

जल चक्र एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखती है। वाष्पीकरण से लेकर संघनन, वर्षा से लेकर अपवाह तक, जल चक्र पूरे ग्रह पर मीठे पानी के वितरण और उपलब्धता को सुनिश्चित करता है। यह पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने और सभी प्रकार के जीवन का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संबंधित ब्लाॅग्स 

मुख्य 4 चरण हैं पानी का वाष्पीकरण, फिर संघनन, वर्षा और संग्रह। सूर्य जल स्रोतों को वाष्पित करता है और जल वाष्प के निर्माण में योगदान देता है। ये जल वाष्प बादलों के रूप में वायुमंडल में जमा होते हैं। वाष्प पानी की बूंदों में संघनित हो जाती है और जब पर्याप्त बूंदें विलीन हो जाती हैं, तो यह बारिश के रूप में बादलों से बाहर गिरती है।

वाष्पीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा पानी जलवाष्प में बदल जाता है। संघनन एक विपरीत प्रक्रिया है जिसके द्वारा जलवाष्प पानी की छोटी बूंदों में परिवर्तित हो जाती है।

जल चक्र का वैश्विक जलवायु निर्धारण पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। यह अन्य जैव-भू-रासायनिक चक्रों का भी एक अभिन्न अंग है। यह पृथ्वी पर सभी जीवन प्रक्रियाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।

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